इंदौर। आंखों की कमी की भरपाई कोई नहीं कर सकता और जिनकी आंखे नहीं हैं, उनका दर्द कोई नहीं समझ सकता. लेकिन कभी इन अलग रुप से सक्षम (Differently A-bled) लोगों को हार नहीं मानना चाहिए. इन्हीं लोगों के समर्थन में इंदौर की यंग इंडियन संस्था आगे आई है. ये शहर की पहली ऐसी संस्था बन गई है, जिसने पहली बार नेत्रहीन लोगों का दर्द समझा और उसे महसूस करने के लिए अंधेरे में डिनर यानि रात्रि भोज आयोजित किया. इसका उद्देश्य नेत्रहीन लोगों की मदद के लिए लोगों को प्रेरित करना. इसमें करीबन 120 से ज्यादा लोग शामिल हुए.
ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में इवेंट का आयोजन: इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में यंग इंडियन संस्था ने डायनिंग इन द डार्क (Dining in Dream) की थीम (Theme) पर डिनर (Dinner) का आयोजन रखा. इस डिनर का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन लोगों के दर्द को एहसास करना, साथ यह भी जानना है कि वह जीवन भर जिस तरह से अंधेरे में रहते हैं, तो वह क्या महसूस करते होंगे.
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120 संस्था के सदस्य हुए शामिल: इस दर्द को महसूस करने के लिए 120 संस्था के सदस्यों ने अलग-अलग चार सेशंस में एक बड़े हॉल में ब्लैकआउट कर गेम्स भी खेले. इस दौरान नेत्रहीनों की तरह ही ब्रेललिपि से नंबरों को पहचाना. इशारों से स्माइल कर सब्जियां बताई गई. फल फ्रूट के नाम बताएं.
आयोजन के दौरान सभी सदस्य लंबे समय तक ब्लैकआउट कमरे में बैठे रहे. इसके साथ ही डिनर भी ब्लैकआउट एरिया में किया.
संस्था की अध्यक्ष भावना गनेड़ीवाल ने बताया कि उनके संस्था की तरफ से पहले डायनिंग इन द डार्क इवेंट कोलकाता में हुआ था. उसके बाद दूसरा इवेंट रायपुर में हुआ और अब तीसरा इवेंट इंदौर के बिलियन कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया.
इसका मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करना है. इसके लिए संस्था लगातार कोशिश करती रहती है. इससे पहले संस्था ने ब्रेल लिपि में इंदौर के होटल में मेनू कार्ड भी लॉन्च किया था, इसके माध्यम से नेत्रहीन लोग खुद अपने खाने का ऑर्डर दे सकते हैं.
नेत्रहीन लोगों की मदद करने के पहले उनके दर्द को एहसास करना है कि वह कितने दर्द से गुजर रहे हैं. इससे उनके साथ जुड़कर मदद अच्छे से की जा सके.