इंदौर। शासकीय लॉ कॉलेज में किताब विवाद (Indore Law College Controversy) मामले में प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. बता दें कि भंवरकुआं पुलिस ने लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ ही किताब लिखने वाली राइटर, डिस्ट्रीब्यूटर सहित अन्य लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था. इस पूरे मामले में पुलिस ने लेखक को तो गिरफ्तार कर लिया तो वहीं कुछ आरोपी फरार चल रहे थे. जिनमें लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां से उन्हे राहत मिल गई है, पुलिस की कार्रवाई के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
गृहमंत्री ने दिये थे गिरफ्तारी के आदेश: इंदौर के भवर कुआं थाना क्षेत्र में मौजूद शासकीय लाख कॉलेज में किताब में गलत कंटेंट सामने आने के बाद इस पूरे मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कॉलेज के प्रिंसिपल, किताब की लेखिका, डिस्ट्रीब्यूटर सहित अन्य लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए थे. अतः भवर कुआं पुलिस ने इस पूरे मामले में गलत कंटेंट लिखने वाली लेखिका, कॉलेज के प्राचार्य, उप प्राचार्य सहित डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था. प्रकरण दर्ज होते ही जहां लेखिका फरार हो गई थीं, पुलिस ने जांच पड़ताल कर उन्हें पुणे से गिरफ्तार किया, लेकिन उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें नोटिस पर छोड़ दिया. वहीं इस पूरे मामले में अभी भी कुछ आरोपी फरार चल रहे हैं जिनकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है.
जिला और हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज: लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान पुलिस की कार्रवाई से लगातार बचते हुए नजर आ रहे थे, फिलहाल वह फरार चल रहे थे और फरारी के दौरान ही उन्होंने इंदौर की जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया. लेकिन किताब में छपे कंटेंट की गंभीरता को देखते हुए जिला कोर्ट ने आवेदन को खारिज कर दिया था. इसके बाद प्राचार्य इनामुर्र रहमान ने हाई कोर्ट का रुख किया और हाई कोर्ट ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. लेकिन इसके बाद प्राचार्य इनामुर्र रहमान ने पूरे मामले में अग्रिम जमानत के लिए अपने वकील अभिनव धनोत्कर के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में सुनवाई कर फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश दे दिए हैं.
SC ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक: बता दें इस पूरे मामले में प्रिंसिपल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिनव ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पैरवी की है और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विभिन्न तरह के तर्क रखे. अतः तर्कों को देखते हुए जहां सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और प्रिंसिपल को अग्रिम जमानत भी दे दी. फिलहाल पूरा ही मामला काफी हाईप्रोफाइल था, और जिस तरह से लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है तो आने वाले दिनों में जो फरार चल रहे हैं आरोपी उन्हें भी राहत मिल सकती है.
पुस्तक में पंजाब में भी हिंदुओं को टारगेट किया गयाः किताब के अनुसार हिंदुओं ने हर संप्रदाय से लड़ाई का मोर्चा खोल रखा है. पंजाब में सिखों के खिलाफ शिवसेना जैसे त्रिशूलधारी संगठन मोर्चा खोल चुके हैं. अपनी सांप्रदायिक गतिविधियों को मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों से संचालित करने में लगे हैं. हिंदू शिवसेना हिंदू राष्ट्र का नारा दे रही है. उन्होंने लिखा है कि जब धार्मिक स्थलों की 1947 की स्थिति कायम रखी जानी थी, तो अयोध्या मंदिर इस कानून की सीमा से बाहर कैसे किया गया. RSS ने भाजपा को कांग्रेस का विरोध करने से रोका तो कांग्रेस को भी आदेश दिया कि अयोध्या का विवाद कानून से ऊपर रखें ताकि भाजपा अपनी सांप्रदायिक राजनीति करती रहे. हिंदुत्व का नारा बराबर ताजा बना रहे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके परिवार की संस्थाएं सब सांप्रदायिक हैं. यह हिंदू वाद की बात करती है और हिंदू धर्म को संविधान और देश के ऊपर मानती हैं. उनकी राष्ट्र की परिभाषा ने भारत एक हिंदू राष्ट्र और वर्तमान संविधान तक को विदेशी मानते हैं. (controversial book indore in law college library)