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MP की इन जेलों में बनता है फाइव स्टार रेटिंग का स्वादिष्ट खाना, FSSAI ने दिया Eat Right कैंपस सर्टिफिकेट

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 8, 2023, 4:00 PM IST

Updated : Oct 8, 2023, 4:20 PM IST

इंदौर की जेलों में कैदियों को स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन परोसा जा रहा है. इंदौर की जेलों को फाइव स्टार रैंकिंग वाली ईट राइट कैंपस का दर्जा मिला है. यह रेटिंग भारतीय खाद्य सरंक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने दिया है. पढ़िए ईटीवी भारत के इंदौर से संवाददाता सिद्धार्थ माछीवाल की खास रिपोर्ट...

prisoners get best food in indore jail
इंदौर की जेलों में फाइव स्टार रेटिंग का खाना
इंदौर की जेलों में फाइव स्टार रेटिंग का खाना

इंदौर। मध्य प्रदेश की जेलें अब तक भले अशुद्ध और बेस्वाद खाने के लिए चर्चित रही हों लेकिन शुद्ध खान-पान और स्वच्छता के लिए चर्चित इंदौर शहर की जेलों में बनने वाले शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन ने जेल में सबसे खराब खाना मिलने की मान्यता को बदल दिया है. दरअसल यहां की जिला जेल को खाद एवं प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा ईट राइट कैंपस घोषित किए जाने के बाद अब सेंट्रल जेल को भी फाइव स्टार रैंकिंग वाली ईट राइट कैंपस का दर्जा दिया गया है. मध्य प्रदेश में यह पहला मौका है जब एक ही शहर की दो जेलों को फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी द्वारा शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन तैयार करने की श्रेणी में ईट राइट कैंपस का दर्जा मिला है. Prisoners get best food in Indore jail

prisoners get best food in indore jail
इंदौर जेलों को ईट राइट कैंपस का दर्जा

इंदौर जेलों के खाने की क्वालिटी फाइव स्टार होटल से कम नहीं: दरअसल इंदौर की सेंट्रल जेल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम ने सेंट्रल जेल के भंडार गृह, रसोई, पानी एवं हाइजीन को लेकर बीते दिनों तीन चरणों में अलग-अलग क्वालिटी टेस्ट लिए थे. क्वालिटी टेस्ट में पाया गया की जेल का खाना और फूड की क्वालिटी फाइव स्टार रैंकिंग से कम नहीं है, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यहां अंडर ट्रायल और कनविक्टेड दो तरह के करीब 2400 कैदियों को उन्हीं के बीच के कैदियों द्वारा तैयार किया जाता है. इस दौरान दाल चावल रोटी, सब्जी और चाय नाश्ता दिया जाता है.

कैदी ही तैयार करते हैं भोजन: यहां नाश्ते में प्रतिदिन अलग-अलग मेनू भी कैदी ही तैयार करते हैं. इसके अलावा दोनों समय अलग-अलग प्रकार की दाल, वही खाने में मौसमी सब्जी भी कैदियों द्वारा तैयार करके सभी को उपलब्ध कराई जाती है. त्योहार पर स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करके परोसे जाते हैं. इसे लेकर जेल प्रशासन की मान्यता है की जेल में अच्छे भोजन के जरिए कैदियों के बीच आत्म संतुष्टि और अनुशासन बनाकर रखा जा सकता है. क्योंकि पेट भरा रहने पर कैदी का मन भी शांत रहता है, इसलिए जेल प्रशासन ने कैदियों को ही भोजन कमेटी में शामिल करके तरह-तरह का भोजन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंप थी.

फूड सेफ्टी और हाइजीन कैंपस का दर्जा: इसके बाद जेल के कैदियों को ही कच्चा राशन दिया जाने लगा और वही अपने साथ अन्य कैदियों का भोजन सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक अलग-अलग चरणों में तैयार करने लगे. इसके बाद जो भोजन तैयार किया गया उसे जेल प्रशासन के अधिकारियों ने फूड सेफ्टी और हाइजीन के तहत तैयार होने को लेकर निगरानी भी रखी. इस दौरान हर पैमाने पर देखा गया कि भोजन में कहीं कोई कमी तो नहीं है. सेंट्रल जेल में जिस तरह का भोजन तैयार किए जाने लगा वह घर के अलावा फाइव स्टार होटल के रैंकिंग से काम नहीं है. नतीजतन सेंट्रल जेल को FSSAI श्रेणी का फूड सेफ्टी और हाइजीन कैंपस का दर्जा दिया गया है. यह पहला मौका है जब मध्य प्रदेश की किन्ही जैलों को भारत सरकार द्वारा शुद्ध और हाइजीन भोजन तैयार करने को लेकर उक्त प्रमाण पत्र दिया हो.

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किचन में काम करने वालों को एक दिन की सजा माफी: सेंट्रल जेल को फूड सेफ्टी और हाइजीन श्रेणी में शामिल किए जाने के बाद सेंट्रल जेल की जेलर अलका सोनकर ने किचन में काम करने वाले कैदियों की सजा में एक दिन की छूट प्रदान की है. दरअसल किचन में काम करने वाले कैदियों को सुबह से शाम तक करीब 2400 कैदियों के लिए भट्टी पर दोनों समय खाना, नाश्ता और चाय आदि तैयार करनी होती है, यह किसी चुनौती से काम नहीं है. यही वजह है की जेल प्रशासन ने इन कैदियों की सजा में अलग से एक दिन की रियायत दी है.''

इंदौर की जेलों में फाइव स्टार रेटिंग का खाना

इंदौर। मध्य प्रदेश की जेलें अब तक भले अशुद्ध और बेस्वाद खाने के लिए चर्चित रही हों लेकिन शुद्ध खान-पान और स्वच्छता के लिए चर्चित इंदौर शहर की जेलों में बनने वाले शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन ने जेल में सबसे खराब खाना मिलने की मान्यता को बदल दिया है. दरअसल यहां की जिला जेल को खाद एवं प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा ईट राइट कैंपस घोषित किए जाने के बाद अब सेंट्रल जेल को भी फाइव स्टार रैंकिंग वाली ईट राइट कैंपस का दर्जा दिया गया है. मध्य प्रदेश में यह पहला मौका है जब एक ही शहर की दो जेलों को फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी द्वारा शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन तैयार करने की श्रेणी में ईट राइट कैंपस का दर्जा मिला है. Prisoners get best food in Indore jail

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इंदौर जेलों को ईट राइट कैंपस का दर्जा

इंदौर जेलों के खाने की क्वालिटी फाइव स्टार होटल से कम नहीं: दरअसल इंदौर की सेंट्रल जेल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम ने सेंट्रल जेल के भंडार गृह, रसोई, पानी एवं हाइजीन को लेकर बीते दिनों तीन चरणों में अलग-अलग क्वालिटी टेस्ट लिए थे. क्वालिटी टेस्ट में पाया गया की जेल का खाना और फूड की क्वालिटी फाइव स्टार रैंकिंग से कम नहीं है, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यहां अंडर ट्रायल और कनविक्टेड दो तरह के करीब 2400 कैदियों को उन्हीं के बीच के कैदियों द्वारा तैयार किया जाता है. इस दौरान दाल चावल रोटी, सब्जी और चाय नाश्ता दिया जाता है.

कैदी ही तैयार करते हैं भोजन: यहां नाश्ते में प्रतिदिन अलग-अलग मेनू भी कैदी ही तैयार करते हैं. इसके अलावा दोनों समय अलग-अलग प्रकार की दाल, वही खाने में मौसमी सब्जी भी कैदियों द्वारा तैयार करके सभी को उपलब्ध कराई जाती है. त्योहार पर स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करके परोसे जाते हैं. इसे लेकर जेल प्रशासन की मान्यता है की जेल में अच्छे भोजन के जरिए कैदियों के बीच आत्म संतुष्टि और अनुशासन बनाकर रखा जा सकता है. क्योंकि पेट भरा रहने पर कैदी का मन भी शांत रहता है, इसलिए जेल प्रशासन ने कैदियों को ही भोजन कमेटी में शामिल करके तरह-तरह का भोजन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंप थी.

फूड सेफ्टी और हाइजीन कैंपस का दर्जा: इसके बाद जेल के कैदियों को ही कच्चा राशन दिया जाने लगा और वही अपने साथ अन्य कैदियों का भोजन सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक अलग-अलग चरणों में तैयार करने लगे. इसके बाद जो भोजन तैयार किया गया उसे जेल प्रशासन के अधिकारियों ने फूड सेफ्टी और हाइजीन के तहत तैयार होने को लेकर निगरानी भी रखी. इस दौरान हर पैमाने पर देखा गया कि भोजन में कहीं कोई कमी तो नहीं है. सेंट्रल जेल में जिस तरह का भोजन तैयार किए जाने लगा वह घर के अलावा फाइव स्टार होटल के रैंकिंग से काम नहीं है. नतीजतन सेंट्रल जेल को FSSAI श्रेणी का फूड सेफ्टी और हाइजीन कैंपस का दर्जा दिया गया है. यह पहला मौका है जब मध्य प्रदेश की किन्ही जैलों को भारत सरकार द्वारा शुद्ध और हाइजीन भोजन तैयार करने को लेकर उक्त प्रमाण पत्र दिया हो.

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किचन में काम करने वालों को एक दिन की सजा माफी: सेंट्रल जेल को फूड सेफ्टी और हाइजीन श्रेणी में शामिल किए जाने के बाद सेंट्रल जेल की जेलर अलका सोनकर ने किचन में काम करने वाले कैदियों की सजा में एक दिन की छूट प्रदान की है. दरअसल किचन में काम करने वाले कैदियों को सुबह से शाम तक करीब 2400 कैदियों के लिए भट्टी पर दोनों समय खाना, नाश्ता और चाय आदि तैयार करनी होती है, यह किसी चुनौती से काम नहीं है. यही वजह है की जेल प्रशासन ने इन कैदियों की सजा में अलग से एक दिन की रियायत दी है.''

Last Updated : Oct 8, 2023, 4:20 PM IST
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