इंदौर। IIM इंदौर ने एक ही दिन में 2 एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनका उद्देश्य मध्य प्रदेश में पर्यावरणीय उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और विकास पहल को बढ़ाना है. पहले सहयोग में IIM इंदौर ने मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड MPPCB के साथ हाथ मिलाया है. इसका उद्देश्य राज्य में पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करना, स्थिरता को बढ़ावा देना और राज्य में सकारात्मक बदलाव लाना है. इसके साथ ही IIM इंदौर ने राज्य में विकास पहलों में क्रांति लाने के लिए मध्य प्रदेश बिल्डिंग डेवलपमेंट कॉरपोरेशन MPBDC के साथ भी एमओयू किया है. एमओयू पर IIM इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय और MPPCB के सदस्य सचिव और MPBDC के प्रबंध निदेशक चंद्र मोहन ठाकुर IAS द्वारा हस्ताक्षर किए गए.
पर्यावरण सुधार के साथ किए जाएंगे कई काम: इस MoU का उद्देश्य प्रभावी पर्यावरणीय सुधार प्रयासों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक समाधान तैयार करने और 1 अभिनव परिदृश्य बनाने में दोनों संस्थानों की सामूहिक विशेषज्ञता का लाभ उठाना है. IIM द्वारा किए गए एमओयू को लेकर आईआईएम के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने कहा कि "इस एमओयू के जरिए हम मध्य प्रदेश राज्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं. एमपीपीसीबी के साथ यह एमओयू सकारात्मक बदलाव लाने के हमारे दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाता है और स्थिरता को बढ़ावा देने में लाभकारी सिद्ध होगा. IIM इंदौर द्वारा किए गए शोध अध्ययन, नीतिगत सुधारों, प्रदूषण नियंत्रण और सामाजिक-आर्थिक पहलुओं में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे जो सुधार के अच्छे उपाय प्रदान करेंगे.
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तीन साल के लिए हुआ एमओयू: MoU के माध्यम से IIM इंदौर का लक्ष्य मध्य प्रदेश में विकास पहलों को बढ़ाने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करना है, जिससे सतत विकास और सकारात्मक प्रभाव हो. यह सहयोग एमपीबीडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मियों के लिए आईआईएम इंदौर के फैकल्टी द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रभावशाली विकास पहलों को चलाने के लिए नवीनतम अंतर्दृष्टि और रणनीतियों को नियोजित किया जाए.