इंदौर। लव मैरिज होने के बाद वर या वधु पक्ष की ओर से होने वाली किसी भी परेशानी या धमकियों के मामले में हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं कि लव मैरिज करने के बाद किसी भी प्रेमी जोड़े को संबंधित थाने पर जाकर बयान दर्ज नहीं करवाने होंगे. वह जहां पर भी मौजूद हैं, वहां पर स्थानीय थाने में जाकर अपने बयान दर्ज करवा सकते हैं. पूरे ही मामले में एक प्रेमी जोड़े ने इंदौर हाई कोर्ट में सुरक्षा से संबंधित एक याचिका लगाई थी. उसी मामले में कोर्ट ने सुनवाई का आदेश जारी किए हैं.
लव मैरिज को लेकर कोर्ट का फैसला: इंदौर हाई कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसमें आर्य समाज मंदिर में अंतरराज्यीय प्रेम विवाह करने के बाद याचिकाकर्ता ने परिवार से मिलने वाली धमकी को लेकर पुलिस प्रोटेक्शन की मांग करते हुए याचिका दायर की है. मामले में इंदौर की हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के खाप पंचायत सहित ऑनर किलिंग के केसों का हवाला देकर इंदौर पुलिस एसपी को दिशा निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता धमकी मिलने की दशा में वह इंदौर पुलिस एसपी के पास शादी और उम्र के सबूतों के साथ पहुंचेंगे और अपने बयान दर्ज करवाएंगे. साथ ही धमकाने वालों का नाम बताएंगे. किसी इमरजेंसी की दशा में या किसी कारण से एसपी के पास नहीं पहुंचने पर याचिकाकर्ता को किसी भी नजदीक के पुलिस थाने पर जाकर बयान दर्ज करवाने की कोर्ट ने अनुमति भी दी है. वहीं कोर्ट ने एसपी या थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के जीवन को खतरा होने जैसी स्थिति में विधि अनुसार कार्रवाई की जाए. वहीं एडवोकेट कृष्ण कुमार व रूपाली राठौर ने बताया कि पीड़ित लड़की पढ़ी-लिखी है, वह इंदौर की निवासी है. दोनों लड़के-लड़की की कॉलेज में एक दूसरे से दोस्ती के बाद प्रेम हो गया. लिहाजा दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन युवती के परिवार वाले उसकी कहीं और शादी कराना चाहते थे. जिसके चलते दोनों ने 1 मई 2023 को आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह कर लिया.
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आपत्ति होने पर नहीं कर सकते प्रताड़ित: इसके बाद युवती को उसके परिवार वालों से धमकी मिल रही है. युवती की झूठी गुमशुदगी की शिकायत भी थाने में दर्ज कराकर थाने बुलाया जा रहा है. युवती पर दबाव बनाकर युवक के खिलाफ बयान दिखाकर झूठे केस में फंसाने की साजिश रची जा रही है. जिसके बाद पीड़ित विवाहित जोड़े ने मिल रही धमकियों से परेशान होकर इंदौर हाई कोर्ट में पुलिस प्रोटेक्शन की मांग को लेकर अपने वकील के माध्यम से याचिका लगाई. एडवोकेट को यह जानकारी दी वह वयस्क भी हैं और उन्होंने शादी भी कर ली है. शादी के कुछ फोटोग्राफ भी उन्होंने कोर्ट के समक्ष पेश किए. जिस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपने आदेश में माननीय सुप्रीम कोर्ट के लता सिंह और शक्ति विहीन के केस में खाप पंचायत ऑनर किलिंग को रोकने को लेकर दिए गए दिशा निर्देश का हवाला देकर अपने आदेश में लिखा कि यदि याचिकाकर्ता वयस्क हैं. उन्होंने स्वेच्छा से शादी कर ली है तो सिर्फ उनकी शादी को लेकर आपत्ति होने पर उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए. भविष्य में याचिकाकर्ता को उनके जीवन को लेकर खतना होने या धमकी मिलने की दशा में याचिकाकर्ता पुलिस प्रोटेक्शन पाने के अधिकारी हैं. यदि याचिकाकर्ता को उनके जीवन को लेकर कोई डर या धमकी मिलती है तो वे अपने शादी के सबूतों को लेकर इंदौर पुलिस एसपी के पास पहुंच सकते हैं और अपने बयान दर्ज करवा सकते हैं