इंदौर। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समते अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. बीते दिनों इंदौर संभागायुक्त निवास के बाहर धरना देने एवं धारा 144 के उल्लंघन के मामले में कैलाश विजयवर्गीय समेत सांसद शंकर ललवानी, पूर्व विधायक गोपी कृष्ण नेमा, बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला और महेंद्र हार्डिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. दायर निजी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन नेताओं पर दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस वीरेंद्र सिंह की कोर्ट ने उक्त पांचों नेताओं की ओर से धारा 482 के तहत दायर याचिका स्वीकार करते हुए उक्त एफआईआर को खारिज कर दिया. इस मामले में एक अन्य धारा 195 के खिलाफ भी फरियादियों को निजी परिवाद पेश करने की स्वीकृति भी दी है.
क्यों हुई थी एफआईआर
हाल ही में कैलाश विजयवर्गीय शहर की समस्याओं को लेकर कमिश्नर के घर के बाहर धरने पर बैठे थे. विजयवर्गीय ने कहा था कि हमसे मिलने के लिए अधिकारियों के पास समय नहीं है, इतने बड़े हो गए क्या. आक्रोश में आकर उन्होंने इंदौर में आग लगाने की धमकी भी दे डाली थी.
ये है पूरा घटनाक्रम
बिना अनुमति संभागायुक्त निवास के बाहर धरना देने पर धारा 144 का उल्लंघन मानते हुए संयोगिता पुलिस ने धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया था. इस एफ आई आर के खिलाफ कैलाश विजयवर्गीय व अन्य के द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी जिसमे आज सुनवाई हुई. इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता रविन्द्र सिंह छाबड़ा ने उक्त एफआईआर कोर्ट द्वारा निरस्त किये जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि शासन को यह स्वतंत्रता दी है कि वह इस मामले में धारा 195 के तहत निजी परिवाद (प्रायवेट कम्प्लेंट) लगा सकता है.