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कैलाश विजयवर्गीय समेत बीजेपी नेताओं पर दर्ज FIR को हाईकोर्ट ने किया खारिज

धारा 144 के उल्लंघन के मामले में कैलाश विजयवर्गीय समेत सांसद शंकर ललवानी, पूर्व विधायक गोपी कृष्ण नेमा, बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला और महेंद्र हार्डिया के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने निरस्त कर दिया है.

Kailash Vijayvargiya
कैलाश विजयवर्गीय
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Published : Jan 21, 2020, 1:33 AM IST

इंदौर। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समते अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. बीते दिनों इंदौर संभागायुक्त निवास के बाहर धरना देने एवं धारा 144 के उल्लंघन के मामले में कैलाश विजयवर्गीय समेत सांसद शंकर ललवानी, पूर्व विधायक गोपी कृष्ण नेमा, बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला और महेंद्र हार्डिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. दायर निजी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन नेताओं पर दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया है.

बीजेपी नेताओं पर दर्ज FIR को हाईकोर्ट ने किया खारिज

याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस वीरेंद्र सिंह की कोर्ट ने उक्त पांचों नेताओं की ओर से धारा 482 के तहत दायर याचिका स्वीकार करते हुए उक्त एफआईआर को खारिज कर दिया. इस मामले में एक अन्य धारा 195 के खिलाफ भी फरियादियों को निजी परिवाद पेश करने की स्वीकृति भी दी है.

क्यों हुई थी एफआईआर

हाल ही में कैलाश विजयवर्गीय शहर की समस्याओं को लेकर कमिश्नर के घर के बाहर धरने पर बैठे थे. विजयवर्गीय ने कहा था कि हमसे मिलने के लिए अधिकारियों के पास समय नहीं है, इतने बड़े हो गए क्या. आक्रोश में आकर उन्होंने इंदौर में आग लगाने की धमकी भी दे डाली थी.

ये है पूरा घटनाक्रम

बिना अनुमति संभागायुक्त निवास के बाहर धरना देने पर धारा 144 का उल्लंघन मानते हुए संयोगिता पुलिस ने धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया था. इस एफ आई आर के खिलाफ कैलाश विजयवर्गीय व अन्य के द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी जिसमे आज सुनवाई हुई. इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता रविन्द्र सिंह छाबड़ा ने उक्त एफआईआर कोर्ट द्वारा निरस्त किये जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि शासन को यह स्वतंत्रता दी है कि वह इस मामले में धारा 195 के तहत निजी परिवाद (प्रायवेट कम्प्लेंट) लगा सकता है.

इंदौर। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समते अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने खारिज कर दिया है. बीते दिनों इंदौर संभागायुक्त निवास के बाहर धरना देने एवं धारा 144 के उल्लंघन के मामले में कैलाश विजयवर्गीय समेत सांसद शंकर ललवानी, पूर्व विधायक गोपी कृष्ण नेमा, बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला और महेंद्र हार्डिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. दायर निजी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन नेताओं पर दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया है.

बीजेपी नेताओं पर दर्ज FIR को हाईकोर्ट ने किया खारिज

याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस वीरेंद्र सिंह की कोर्ट ने उक्त पांचों नेताओं की ओर से धारा 482 के तहत दायर याचिका स्वीकार करते हुए उक्त एफआईआर को खारिज कर दिया. इस मामले में एक अन्य धारा 195 के खिलाफ भी फरियादियों को निजी परिवाद पेश करने की स्वीकृति भी दी है.

क्यों हुई थी एफआईआर

हाल ही में कैलाश विजयवर्गीय शहर की समस्याओं को लेकर कमिश्नर के घर के बाहर धरने पर बैठे थे. विजयवर्गीय ने कहा था कि हमसे मिलने के लिए अधिकारियों के पास समय नहीं है, इतने बड़े हो गए क्या. आक्रोश में आकर उन्होंने इंदौर में आग लगाने की धमकी भी दे डाली थी.

ये है पूरा घटनाक्रम

बिना अनुमति संभागायुक्त निवास के बाहर धरना देने पर धारा 144 का उल्लंघन मानते हुए संयोगिता पुलिस ने धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया था. इस एफ आई आर के खिलाफ कैलाश विजयवर्गीय व अन्य के द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी जिसमे आज सुनवाई हुई. इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता रविन्द्र सिंह छाबड़ा ने उक्त एफआईआर कोर्ट द्वारा निरस्त किये जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि शासन को यह स्वतंत्रता दी है कि वह इस मामले में धारा 195 के तहत निजी परिवाद (प्रायवेट कम्प्लेंट) लगा सकता है.

Intro:इंदौर। इंदौर में संभागायुक्त निवास के बाहर धरना देने एवं धारा 144 के उल्लंघन के मामले में आखिरकार इंदौर हाई कोर्ट ने कैलाश विजयवर्गीय समेत सांसद शंकर ललवानी, पूर्व विधायक गोपी कृष्ण नेमा, विधायक रमेश मेंदोला और महेंद्र हार्डिया के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया हैBody:आज इस मामले पर लगी एक निजी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस वीरेंदर सिंह की कोर्ट ने उक्त पांचों की ओर से धारा 482 के तहत दायर याचिका स्वीकार करते हुए उक्त एफआईआर को खारिज कर दिया इस मामले में एक अन्य धारा 195 के खिलाफ भी फरियादियों को निजी परिवाद पेश करने की स्वीकृति भी दी है
दरअसल हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व अन्य पर संभागायुक्त निवास पर बिना अनुमति के धरना देने पर धारा 144 का उल्लंघन मानते हुए संयोगिता पुलिस ने धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया था इस एफ आई आर के खिलाफ कैलाश विजयवर्गीय व अन्य के द्वारा
हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी जिसमे आज सुनवाई हुई। अतिरिक्त महाधिवक्ता रविन्द्र सिंह छाबड़ा ने उक्त एफआईआर कोर्ट द्वारा निरस्त किये जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि शासन को यह स्वतंत्रता दी है कि वह इस मामले में धारा 195 के तहत निजी परिवाद (प्रायवेट कम्प्लेंट) लगा सकता है।
गौरतलब है कैलाश विजयवर्गीय ने भाजपा नेताओं के खिलाफ भू माफिया के नाम पर हो रही कार्यवाही पर चर्चा करने के लिए इंदौर जिला प्रशासन के अधिकारियों को स्थानीय रेसिडेंसी पर बुलाया था जिनके नहीं पहुंचने पर नाराज कैलाश विजयवर्गीय ने संभाग आयुक्त कार्यालय पहुंचकर वहीं धरना दे दिया था इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के मनमाने रवैए पर शहर को आग लगाने की भी चेतावनी दी थी इसके बाद ही जिला प्रशासन ने इस मामले में प्रकरण दर्ज किया था। Conclusion: घटना के विजुअल
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