इंदौर। इंदौर के रुक्मणि नगर में हुए पुलिसकर्मी दंपत्ति के डबल मर्डर मामले का खुलासा हो गया है. बताया जा रहा है कि प्रेमी के साथ रहने के लिए नाबालिग बेटी ने ही अपने माता-पिता की हत्या करा दी. जब वह अपने प्रेमी के साथ राजस्थान भाग रही थी, तब पुलिस ने उसे रतलाम में दबोच लिया. उसके कब्जे से कुछ कपड़े और करीब एक लाख रुपये मिले हैं.
रतलाम के रास्ते से आरोपी गिरफ्तार
इस पूरे ही हत्याकांड का खुलासा करने के लिए पुलिस ने पांच टीमें गठित की गई थी. जो विभिन्न तरीके से जांच पड़ताल में जुटी हुई थी. वहीं साइबर सेल के भी कुछ अधिकारियों को इस पूरे मामले को ट्रैक करने के लिए लगाया गया था. इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि दोनों राजस्थान भागने की फिराक में है और अभी फिलहाल मंदसौर रतलाम रास्ते पर है. जिसके बाद पुलिस ने एक टीम उन दोनों को पकड़ने के लिए राजस्थान की ओर रवाना की. इसी दौरान पुलिस को वह मंदसौर रतलाम रास्ते में हाथ लग गए. जिसके बाद उन्हें पकड़कर पुलिस अब इंदौर लेकर आने की तैयारी कर रही है.
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ये था पूरा मामला
इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र के रुकमणी नगर में शुक्रवार को दोहरा हत्याकांड का मामला सामने आया था. इस पूरे ही मामले में पुलिस को एक लेटर मिला था. इस लेटर में उनकी बेटी के द्वारा यह जिक्र किया गया था कि मां और पिता की उसने ही हत्या की है और उसे ढूंढो ना जाए. इसके आधार पर पुलिस ने पूरे मामले की तहकीकात शुरू की. पुलिस को जानकारी लगी की आरक्षक की बेटी का क्षेत्र के ही एक डीजे उर्फ धनंजय के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था. इसे लेकर आरक्षक ने पहले भी आपत्ति दर्ज करवाई थी. आरोपी बेटी का अपने पिता धनंजय यादव से विवाद भी हुआ था. इन सब बातों पर जांच करते हुए पुलिस ने इस पूरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली और आरोपी बेटी को प्रेमी संग गिरफ्तार कर लिया है.
दो दिन पहले की प्लानिंग
जानकारी के मुताबिक इस वारदात को अंजाम देने के लिए बेटी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर दो दिन पहले से प्लानिंग की थी. फिर योजनाबद्ध तरीके से गुरुवार अलसुबह इस वारदातको अंजाम दे दिया. अंजाम देकर दोनों फरार हो गए हैं. बेटी का मित्र धनंजय यादव के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि वह पूर्व उपसरपंच है. वहीं आरक्षक की बेटी से उसकी जान पहचान भी क्षेत्र की एक दुकान से हुई थी, इसके बाद वह अक्सर आरक्षक की बेटी से फोन पर बात करते रहता था. इस बात की जानकारी भी आरक्षक को लग गई थी. जिसकते बाद उसका पूर्व उपसरपंच से विवाद भी हुआ था. उसी विवाद के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बेटी और उसके मित्र ने ही इस हत्याकांड को अंजाम देने की प्लानिंग की और फिर योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम देकर फरार हो गए.
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वारदात को अंजाम देकर कुत्ते को लेकर बेटी निकली घूमने
बेटी ने ही जिस समय अपने माता और पिता की हत्या की वारदात को अंजाम दिया, उस समय उसका मित्र धनंजय यादव अंदर ही मौजूद था. वहीं यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि दोनों मिलकर बॉडी को ठिकाने लगाने की भी योजना बना रहे थे, लेकिन वारदात को अंजाम देने में काफी समय लग जाने के कारण और सुबह हो जाने के कारण वह लाश को ठिकाने नहीं लगा पाए. वारदाक को अंजाम देने के बाद बेटी ने घर के बाहर कुत्ते को भी घुमाया और आसपास देखा कि आसपास के कितने लोग उठ गए हैं. इसके बाद वह कुत्ते को घर की छत पर बांधकर अपने मित्र के साथ फरार हो गई.
लाशों को ठिकाने लगाने की थी तैयारी
जैसे ही पुलिस को मामले की जानकारी मिली तो, मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस ने देखा कि आरक्षक की लाश पलंग के नीचे खून से लथपथ पड़ी हुई थी. वहीं उनकी पत्नी की लाश पलंग पर पड़ी हुई थी. शरीर पर कई जगह धारदार हथियारों के वार भी थे. बताया जा रहा है कि आरक्षक ज्योति शर्मा के सिर पर दो बार किए गए, जिस कारण उनकी मौत हो गई. वहीं पत्नी नीलिमा पर भी धारदार हथियारों से वार किया और मौत के घाट उतार दिया गया.
पूरे हत्याकांड को अंजाम देने के बाद, जब लाश को ठिकाने लगाने की तैयारी की जा रही थी, इसी दौरान पड़ोस में रहने वाली मृतक की मां घर के बाहर निकलीं. उन्होंने देखा कि मृतक की बेटी बाहर खड़ी है और कुत्ते को सहला रही है. उन्होंने मृतक की बेटी से पूछा कि ये आवाजें क्यों आ रही है तो बेटी ने जवाब दिया की साफ-सफाई हो रही है. इसके बाद मृतक की मां वापस चली गई. और फिर सुबह किराएदार ने पूरी घटना की जानकारी दी
नशेड़ियों का लगा रहता था जमावड़ा
जिस जगह पर इस दोहरे हत्याकांड को बदमाशों ने अंजाम दिया. उससे कुछ ही दूरी पर एक मकान मौजूद है. वहां पर अक्सर युवकों का जमावड़ा लगा रहता था. वहीं जिस डीजे नामक व्यक्ति के बारे में पुलिस को जानकारी लगी है, इसके बारे में भी यही जानकारी मिली है कि वह भी घटनास्थल से कुछ दूरी पर मौजूद एक घर पर आता रहता था. वहीं से इसने लड़की का मोबाइल नंबर हासिल कर लिया था. इसके बाद से अक्सर वहां पर आकर बैठता था. जिस मकान के बारे में रहवासी पुलिस को जानकारी दे रहे हैं उस मकान से कुछ नशे का कारोबार भी होता था, जिसके बारे में रहवासियों ने पहले भी शिकायत की थी.
देहरादून के मिलेट्री स्कूल में पढ़ता है आरक्षक का लड़का
आरक्षक का बेटा देहरादून के आर्मी स्कूल में पढ़ता है, लेकिन कुछ दिनों पहले ही घर लौटा है. जिस समय वारदात को उनकी बेटी और बदमाशों ने मिलकर अंजाम दिया है, उस समय वह अपने पड़ोस में रहने वाले दादा-दादी के घर में सो रहा था.