इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान डॉक्टर द्वारा एक एचआईवी पॉजिटिव मरीज की पिटाई का मामला सामने आया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान डॉक्टर द्वारा मरीज को वार्ड में पीटा जा रहा था. फिलहाल इस मामले का वीडियो वायरल होने पर मरीज की पिटाई करने वाले डॉक्टर आकाश कौशल को वार्ड से सस्पेंड कर दिया गया है.
सबके सामने मरीज को पीटा: प्राप्त जानकारी के अनुसार, देवास निवासी एचआईवी पॉजिटिव मरीज सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था, मरीज को एक्सीडेंट के बाद एक निजी अस्पताल ले जाया गया था. जहां से उसे इंदौर के एमवाय अस्पताल रेफर किया गया था. यहां मरीज का इमरजेंसी वार्ड में उपचार चल रहा था. इलाज के दौरान मरीज के द्वारा लापरवाही बरतने एवं डॉक्टर की सलाह नहीं मानने पर डॉक्टर ने किसी बात पर उसे वार्ड में ही सबके सामने पीट दिया. इतना ही नहीं वायरल वीडियो में डॉक्टर मरीज को अपशब्द कहते भी दिखाई दे रहा है. वार्ड में अन्य महिलाएं, चिकित्सक एवं मरीज भी मौजूद थे. संभवत उन्हें में से किसी ने वीडियो बनाया और उसे वायरल कर दिया.
अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर को किया सस्पेंड: वायरल वीडियो अस्पताल प्रबंधन के संज्ञान में आया. इसके बाद जब ऑर्थोपेडिक डिपार्मेंट के डॉक्टर से इस घटना की पुष्टि की गई तो मामला सही पाया गया नतीजतन मरीज के साथ दुर्व्यवहार एवं वार्ड में चिकित्सा की नियमों का उल्लंघन पाए जाने के कारण डॉ. आकाश कौशल को इमरजेंसी वार्ड की ऑर्थोपेडिक ड्यूटी की सेवाओं से सस्पेंड किया गया है. डॉक्टर को आर्टिफिशियल लिंब डिपार्टमेंट में भेजा गया है. अस्पताल की अधीक्षक पीए ठाकुर के मुताबिक पूरी घटना की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है. जांच के बाद दोनों पक्षों के बयान लेने के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
पूरे मामले की जांच के आदेश: गौरतलब है अस्पताल की इमरजेंसी सेवाओं के दौरान इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. हालांकि लंबे समय बाद यह पहला मामला है जब भर्ती मरीज की पिटाई करते हुए डॉक्टर पाए गए हो. बताया जा रहा है निजी अस्पतालों द्वारा कई बार गंभीर मरीज को अथवा बिगड़े हुए केस को एमवाय रेफर किया जाता है. ऐसे मामलों में इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर को ही मरीज से निपटना होता है. इसके अलावा अत्यधिक वर्ग प्रेशर के कारण भी कई बार ऐसी स्थिति बनती है. जिसमें डॉक्टर मरीज के इलाज के लिए कई बार इस तरह का तरीका अपनाते हैं. हालांकि चिकित्सा के मानदंडों के आधार पर यह कतई उचित नहीं है. यही वजह है अस्पताल प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. फिलहाल पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद अब इस पूरे मामले में पुलिस भी जूनियर डॉक्टर पर कार्रवाई कर सकती है.