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Indore District Court: आय से अधिक संपत्ति रखने के जुर्म में सरकारी मुलाजिम को 4 साल की सजा, 2 करोड़ रुपए का जुर्माना - इंदौर में सरकारी अधिकारी को 4 साल की जेल

इंदौर की जिला कोर्ट ने एक सरकारी अधिकारी को 4 साल की सजा और 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. मामला 2011 का है तब अधिकारी के पास आय से अधिक की संपत्ति पाई गई थी.

Indore District Court
इंदौर में सरकारी अधिकारी को 4 साल की जेल
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Published : Aug 2, 2023, 7:24 AM IST

इंदौर। जिला कोर्ट ने एक सरकारी अधिकारी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सजा से दंडित किया है. इंदौर की जिला कोर्ट ने आदेश करते हुए आरोपी लाखनसिंह राजपूत को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) (ई) सहपठित धारा 13 (2) में 4 वर्ष सश्रम कारावास और 2 करोड़ रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया एवं अचल संपत्तियों को राज्य शासन के पक्ष में राजसात किये जाने के आदेश दिए गए हैं, प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव के द्वारा की गई.

2011 में हुआ मामले का खुलासा: अभियोजन की ओर से मामले को प्रमाणित करने के लिए कुल 44 गवाहों के बयान करवाए गए थे. आरोपी ने अपने बचाव मे 3 गवाहों के बयान कराए गए. अभियोजन द्वारा अपने मामले को प्रमाणित करते हुए कठोर से कठोर दंड दिलाए जाने एवं अधिक से अधिक जुर्माने का निवेदन किया कोर्ट से किया था. बताया जा रहा है कि आरोपी लाखन सिंह राजपूत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सेंधवा जिला बड़वानी म.प्र. के संबंध में दिनांक 11 नवंबर 2011 को सूत्र सूचना प्राप्त हुई कि आरोपी द्वारा भ्रष्टाचार कर अवैधानिक रूप से अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित की है.

आय से अधिक संपत्ति: जिसके अंतर्गत मकान नंबर सी.एच. 82 स्कीम नंबर 74-सी में एक जमीन तो वहीं स्कीम नंबर 78 में भी मकान ,स्कीम नंबर 74-सी में भी एक प्लाट, समेत चल-अचल सम्पत्ति के अनुबंध होना लेख था एवं सभी संपत्तियां आरोपी द्वारा अज्ञात स्त्रोतों से लगभग 1करोड़ 20 लाख 50 हजार रूपये की आय होना अनुमानित है. तथा आरेापी द्वारा लगभग 3.879 करोड़ रूपये की सम्पत्तियां अर्जित की गई है. इस सूचना पर से आरोपी के विरूद्ध जांच प्रारंभ की गई.

प्राथमिक जांच में आय प्रमाणों के आधार पर प्रथम दृष्टया अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जन करने का मामला पाये जाने से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13 (2) के अंतर्गत सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं विवेचना उपरांत अभियुक्त के कब्जे में 4 करोड़ 20 लाख रू की अनुपातहीन संपत्ति पाई गई जिसका आरोपी द्वारा कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई. इसलिए आरोपी के विरूद्ध उक्त धाराओं में दिनांक 11.09.2013 को अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया.

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संपत्ति की कुर्की: इंदौर की जिला कोर्ट पहले भी सरकारी अधिकारियों को आय से अधिक संपत्तियों के मामलों में इस तरह से सख्त सजा से दंडित कर चुकी है. उनकी संपत्तियों को राजसात भी करने के आदेश कोर्ट के द्वारा सुनाए जा चुके हैं. मामले में भी कोर्ट के समक्ष विभिन्न तरह के तर्क संबंधित जांच एजेंसियों ने रखें और उसी के आधार पर कोर्ट ने जहां सरकारी अधिकारी को सख्त सजा से दंडित किया है. उसकी संपत्ति को राजसात करने के आदेश भी दिए हैं.

इंदौर। जिला कोर्ट ने एक सरकारी अधिकारी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सजा से दंडित किया है. इंदौर की जिला कोर्ट ने आदेश करते हुए आरोपी लाखनसिंह राजपूत को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) (ई) सहपठित धारा 13 (2) में 4 वर्ष सश्रम कारावास और 2 करोड़ रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया एवं अचल संपत्तियों को राज्य शासन के पक्ष में राजसात किये जाने के आदेश दिए गए हैं, प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव के द्वारा की गई.

2011 में हुआ मामले का खुलासा: अभियोजन की ओर से मामले को प्रमाणित करने के लिए कुल 44 गवाहों के बयान करवाए गए थे. आरोपी ने अपने बचाव मे 3 गवाहों के बयान कराए गए. अभियोजन द्वारा अपने मामले को प्रमाणित करते हुए कठोर से कठोर दंड दिलाए जाने एवं अधिक से अधिक जुर्माने का निवेदन किया कोर्ट से किया था. बताया जा रहा है कि आरोपी लाखन सिंह राजपूत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सेंधवा जिला बड़वानी म.प्र. के संबंध में दिनांक 11 नवंबर 2011 को सूत्र सूचना प्राप्त हुई कि आरोपी द्वारा भ्रष्टाचार कर अवैधानिक रूप से अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित की है.

आय से अधिक संपत्ति: जिसके अंतर्गत मकान नंबर सी.एच. 82 स्कीम नंबर 74-सी में एक जमीन तो वहीं स्कीम नंबर 78 में भी मकान ,स्कीम नंबर 74-सी में भी एक प्लाट, समेत चल-अचल सम्पत्ति के अनुबंध होना लेख था एवं सभी संपत्तियां आरोपी द्वारा अज्ञात स्त्रोतों से लगभग 1करोड़ 20 लाख 50 हजार रूपये की आय होना अनुमानित है. तथा आरेापी द्वारा लगभग 3.879 करोड़ रूपये की सम्पत्तियां अर्जित की गई है. इस सूचना पर से आरोपी के विरूद्ध जांच प्रारंभ की गई.

प्राथमिक जांच में आय प्रमाणों के आधार पर प्रथम दृष्टया अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जन करने का मामला पाये जाने से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13 (2) के अंतर्गत सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं विवेचना उपरांत अभियुक्त के कब्जे में 4 करोड़ 20 लाख रू की अनुपातहीन संपत्ति पाई गई जिसका आरोपी द्वारा कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई. इसलिए आरोपी के विरूद्ध उक्त धाराओं में दिनांक 11.09.2013 को अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया.

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