इंदौर। कोरोना महामारी के बीच निजी लैब और प्राइवेट हॉस्पिटलों में जारी अवैध वसूली और लूटमार की शिकायतों के चलते मुख्यमंत्री के निर्देश पर इंदौर जिला प्रशासन ने निजी लैब में कोरोना जांच की दरें 2500 रुपये तय कर दी हैं. इतना ही नहीं अस्पतालों में भर्ती सामान्य मरीजों को 3 दिनों बाद होम क्वारेंटाइन किया जा सकेगा. इसके अलावा हल्के लक्षणों वाले मरीज अब होम आइसोलेशन रहते हुए भी अपना इलाज करा सकेंगे. इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
कलेक्टर मनीष सिंह को लगातार निजी अस्पतालों और लैबों में लूट की शिकायतें मिल रही थीं. जिसके बाद ये महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. आदेश के तहत अब निजी लैब 2500 रूपये से ज्यादा टेस्टिंग राशि नहीं ले सकेंगे, जबकि अभी 4500 से लेकर 5000 तक की राशि टेस्टिंग के नाम पर वसूल की जा रही है.
कोरोना मरीज जो अस्पताल में भर्ती हैं, उनमें से केवल गंभीर मरीजों की ही टेस्टिंग निजी लैब से होगी. हल्के लक्षण वाले मरीजों को 3 दिन बाद ही अस्पताल से होम आइसोलेशन में शिफ्ट किया जा सकेगा.
अब 10 दिनों तक अस्पताल में रखने की अनिवार्यता नहीं रहेगी. इसके लिए होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम के दो डॉक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे अस्पताल के बढ़े हुए बिल से भी मरीज और परिजन बच सकेंगे. होम आइसोलेशन में भी अब 10 दिन बाद डिस्चार्ज किया जा सकेगा.