इंदौर। सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग और दैनिक उपयोग की जरूरत बन चुके मोबाइल पर आए दिन फोन पर होने वाले फ्रॉड और साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक भारत में 52974 मामले सालाना दर्ज किए जा रहे हैं. जिनकी सालाना 15 फ़ीसदी की वृद्धि हो रही है, ऐसा नहीं है कि साइबर क्राइम का शिकार सामान्य लोग ही हो रहे हैं बल्कि इनमें बड़ी संख्या में मूक बधिर पीड़ित भी हैं क्योंकि मूकबधिर पीड़ित के साथ होने वाले अपराध अधिकांश मामलों में दर्ज नहीं हो पाते लिहाजा वे सामान्य लोगों की तुलना में ऐसी घटनाओं के ज्यादा शिकार बनते हैं. यही वजह है कि अब मूक बधिर छात्र-छात्राओं को भी अब जागरूक करना जरूरी हो चला है.
साइबर विशेषज्ञ ने सिखाए गुर: मूक बधिर संगठन द्वारा संचालित इंदौर डीफ बाइलिंगुअल एकेडमी ने सोमवार को अपनी संस्था में रहने वाले देश के 22 राज्यों के करीब 180 छात्र छात्राओं को साइबर सिक्योरिटी से संबंधित जानकारी साइन लैंग्वेज में दी. इस दौरान साइबर विशेषज्ञ वरुण कपूर से संवाद करते हुए कई बच्चों ने साइन लैंग्वेज में साइबर सिक्योरिटी से संबंधित अपने अनुभव भी साझा किए. मोबाइल पर अथवा सोशल मीडिया पर किस प्रकार से साइबर अपराध से बचना है एवं सोशल मीडिया प्लेटफार्म को सुरक्षात्मक तरीके से उपयोग जानकारी भी ली.
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बच्चे हुए खुश: यह पहला मौका था जब एक साथ देश के विभिन्न राज्यों के बच्चों को मोबाइल पर अथवा इंटरनेट पर होने वाली धोखाधड़ी एवं ऑनलाइन फ्रॉड से बचने की ट्रेनिंग साइन लैंग्वेज में दी गई. इस दौरान कई बच्चे इस अनूठी क्लास में शामिल होकर खासे खुश नजर आए. साइबर विशेषज्ञ वरुण कपूर का मानना था कि देश में जिस तरीके से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं उसमें आम लोगों के साथ मूक बधिर बच्चों को भी अलर्ट किया जा रहा है.