इंदौर। डीसीपी ने फर्जी जमानतदारों के खिलाफ कार्रवाई की है. सोमवार को डीसीपी की कोर्ट में एक आरोपी की जमानत देने के लिए फर्जी जमानतदार पहुंचे थे और दस्तावेजों की जांच-पड़ताल के दौरान डीसीपी ने उन्हें पकड़ लिया. इस पूरे मामले की शिकायत पलासिया पुलिस को कर दी. वहीं पलासिया पुलिस ने भी सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
जानिए पूरी कहानी: दरअसल पुलिस कमिश्नर कार्यालय जोन 2 के अधिकारी के पास सोमवार को धारा 110 के प्रकरण में जमानत के लिए आरोपी एक जमादार को लेकर पहुंचा था. जमानत की प्रक्रिया के दौरान जब दस्तावेजों की छानबीन की गई तो वह फर्जी दस्तावेज निकले. वहीं जमानतदार भी फर्जी निकला जो व्यक्ति जमानत देने आया था. उसका नाम मनोहर की जगह मोहनलाल लिखा हुआ था और उसके दास्तावेज भी फर्जी पाए गए. जोन 2 के अधिकारों ने तुरंत आरोपी एवं जमानत देने आये बदमाश सहित मनोहर लाल उर्फ फर्जी मनोहर निवासी समाजवादी इंदिरानगर, आनंद उर्फ़ दान निवासी परदेसीपुरा और मोहम्मद शफीक निवासी खजराना तीन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. इसके पहले भी डीसीपी की कोर्ट में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. इस पूरे मामले में आने वाले दिनों में डीसीपी कोर्ट में और भी सख्त जमानत को लेकर नियम लागू किए जा सकते हैं.
आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग: इंदौर में पिछले दिनों खजराना थाना क्षेत्र स्थित कृष्ण बाग कॉलोनी में सिक्योरिटी गार्ड राजपाल द्वारा गोली कांड की घटना को अंजाम दिया गया था. इस हत्याकांड में राहुल वर्मा और विमल आमचे नामक जीजा साले की मौके पर ही मौत हो गई थी. करीब 6 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने राजपाल और उसके बेटे सुधीर सहित एक अन्य उसके साडू भाई के लड़के को गिरफ्तार किया था और हत्या सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की गई थी. वहीं आक्रोशीत सेन समाज द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय पर इकट्ठा होकर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि "इस पूरे मामले में जल्द ही कोर्ट के समक्ष चालान पेश कर आरोपियों को सख्त सजा दिलवाई जाएगी. पूरा ही मामला फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलने की बात भी पुलिस के द्वारा कही जा रही है."