इंदौर। जिले में लगातर साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने शिकायत के आधार पर 99 हजार की राशि वापस कराई है. आर्मी अधिकारी बनकर लोहा व्यापारी के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. वहीं एक दूसरे मामले में इंदौर के खजूरी बाजार में किताबों का एक बड़ा बाजार संचालित वर्षों से किया जा रहा है. यह पुस्तक प्रेमी अपनी पसंद की किताबें खरीद कर घरों तक आसानी से ले जाते हैं, लेकिन इस बात से बेपरवाह की यह किताबें उनकी आंखों और एकाग्रता क्षमता को नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि यहां पर कई ऐसी किताबें हैं, जिसमें गलत स्याही का उपयोग किया जा रहा है. इस बात का खुलासा शुक्रवार दोपहर हुआ.
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आर्मी अधिकारी बनकर ठगी: दरअसल इंदौर में लोहे का व्यापार करने वाले मुस्तफा नाम के व्यापारी को फोन लगाकर खुद को आर्मी अधिकारी बताया. उसे लोहे की चेन खरीदने का आर्डर दिया और पेमेंट को लेकर फोन पे के अकाउंट पर कोड पेमेंट रिक्वेस्ट भेजकर आवेदक से खाते में 99 हजार ऑनलाइन ठगी कर ली. जिस पर व्यापारी ने तुरंत साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के तुरंत बाद व्यापारी से जानकारियां लेने के बाद साइबर क्राइम ने व्यापारी के खाते में ठगी करने वाले आरोपी के खाते से ट्रांजैक्शन रोका गया. फिर व्यापारी के खाते में पैसे वापस करवाए गए. बताया जा रहा है कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बीएसएफ सीआरपीएफ सहित अन्य सेंट्रल एजेंसियों के अधिकारी बनकर लगातार बैंकिंग की जानकारी एकत्रित कर साइबर ठगी की वारदात की जा रही है. जिसको लेकर अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के फोन पर विश्वास ना किए जाए. जागरूक रहने से ही इस तरह के अपराध से बचा जा सकता है.
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इंदौर में किताबों की कालाबाजारी: एक दूसरे मामले में इंदौर में किताबों में भी कालाबाजारी की घटना सामने आई है. शुक्रवार की दोपहर इंदौर खजूरी बाजार में किताबों की कालाबाजारी की शिकायत लेकर गाजियाबाद के अधिवक्ता संजीव कुमार राघव इंदौर पुलिस कमिश्नर के यहां पहुंचे. जहां उन्होंने बताया कि न्यू जैन बुक स्टोर, चेलावत बुक स्टोर, गणेश बुक डिपो और त्रिवेणी बुक डिपो सहित कई व्यापारी प्रतियोगी परीक्षा के लिए उपयोग की जाने वाली किताबों को गलत तरीके से छाप कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. इसके कारण कई पब्लिशर्स कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है, जिसकी शिकायत पर इंदौर पुलिस कमिश्नर ने संबंधित अधिकारी को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए और थाना प्रभारी की मौजूदगी में एक टीम गठित कर सर्चिंग की गई. इस दौरान कई प्रकाशकों की किताबें यहां मिली, जिसे कॉपीराइट एक्ट के तहत गलत माना जा सकता है. हालांकि इस दौरान खजूरी बाजार एसोसिएशन के पदाधिकारी और वहां मौजूद व्यापारी काफी बड़ी संख्या में थाने पर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें भी पुलिस ने समझाइश देकर रवाना कर दिया.