इंदौर। कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाजाबारी करने वालों 4 आरोपियों को इंदौर क्राइम ब्रांच और बाणगंगा पुलिस ने बीते गुरुवार गिरफ्तार किया था. पुलिस पकड़े गए आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है. आरोपियों के बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, इस मामले अभी कई और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है.
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- यह है मामला
दरअसल, इंदौर क्राइम ब्रांच और बाणगंगा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इन आरोपियों को गिरफ्तार किया था.आरोपियों के पास से इंजेक्शन सहित एक कार भी बरामद हुई थी. आरोपियों की पहचान संदीप ओझा, चिरंजीव भारद्वाज, हरिराम केवट और सोनू बैरवा के रूप में हुई थी. इनके पास से कुल 5 नग रेमडेसिविर इंजेक्शन और 4 नग मोबाइल और 60,650 रूपए जब्त किए गए थे.
- ग्राहक बनकर गई क्राइम ब्रांच की टीम
पुलिस फिलहाल पकड़े गए आरोपी एमवाई के मेल नर्स समेत उसके तीनों साथियों के बैंक खाते खंगाल रही है. वहीं, क्राइम ब्रांच ने ग्राहक बनकर आरोपियों से इंजेक्शन का सौदा किया था और फिर अस्पताल के मेल नर्स संदीप ओझा समेत उसके साथियों को गिरफ्तार किया था. यह लोग अस्पताल से इंजेक्शन चुराकर लोगों को ब्लैक में बेचते थे. वहीं, पुलिस जांच में पकड़े गए आरोपियों ने मेल नर्स की नौकरी करना स्वीकार किया है. इसके अलावा मरीजों को इंजेक्शन न देकर उनकी चोरी करने की भी बात भी स्वीकार की है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग कर 25000 -40000 रूपए प्रति इंजेक्शन की दर से विक्रय कर लाखों रूपए कमाना भी स्वीकार किया है.