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हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को दिया झटका, नगर निगम के परिसीमन पर लगाया स्टे

हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने मध्यप्रदेश सरकार को एक बड़ा झटका दिया है. नगर निगम और नगर पालिका की परिसीमन प्रक्रिया पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी.

नगर निगम परिसीमन प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने लगाया स्टे
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Published : Nov 13, 2019, 7:29 PM IST

इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने नगर निगम और नगर पालिका की परिसीमन प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है, स्टे के बाद कहीं ना कहीं बीजेपी नेताओं ने राहत की सांस जरूर ली है, क्योंकि परिसीमन में उन्हें डर था कि, कांग्रेस दबाव बनाकर मन मुताबिक परिसीमन करवा सकती है.

नगर निगम परिसीमन प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने लगाया स्टे

दरअसल प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जिला कलेक्टर को नगर निगम और नगर पालिका के परिसीमन प्रक्रिया को करने के लिए निर्देश दिए थे. जिसके तहत नगर निगम में वार्डों की संख्या घटाई और बढ़ाई जा सकती थी, लेकिन इन निर्देशों के विरोध में इंदौर नगर पालिका निगम के एमआईसी सदस्य दिलीप शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और इस प्रक्रिया को गलत बताया था, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सीधे कलेक्टर को परिसीमन के आदेश दिए थे, जो गलत प्रक्रिया है.

याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था, राज्य सरकार के जवाब से हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और परिसीमन की प्रक्रिया को गलत मानते हुए इस पर स्टे लगा दिया. इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी, जिसमें राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा गया है. हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक मौजूदा परिदृश्य में जिन नगर निगम और नगर पालिका में वार्ड की संख्या घटाई और बढ़ाई जा रही है, उस पर अगले आदेश तक रोक रहेगी.

इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने नगर निगम और नगर पालिका की परिसीमन प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है, स्टे के बाद कहीं ना कहीं बीजेपी नेताओं ने राहत की सांस जरूर ली है, क्योंकि परिसीमन में उन्हें डर था कि, कांग्रेस दबाव बनाकर मन मुताबिक परिसीमन करवा सकती है.

नगर निगम परिसीमन प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने लगाया स्टे

दरअसल प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जिला कलेक्टर को नगर निगम और नगर पालिका के परिसीमन प्रक्रिया को करने के लिए निर्देश दिए थे. जिसके तहत नगर निगम में वार्डों की संख्या घटाई और बढ़ाई जा सकती थी, लेकिन इन निर्देशों के विरोध में इंदौर नगर पालिका निगम के एमआईसी सदस्य दिलीप शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और इस प्रक्रिया को गलत बताया था, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सीधे कलेक्टर को परिसीमन के आदेश दिए थे, जो गलत प्रक्रिया है.

याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था, राज्य सरकार के जवाब से हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और परिसीमन की प्रक्रिया को गलत मानते हुए इस पर स्टे लगा दिया. इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी, जिसमें राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा गया है. हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक मौजूदा परिदृश्य में जिन नगर निगम और नगर पालिका में वार्ड की संख्या घटाई और बढ़ाई जा रही है, उस पर अगले आदेश तक रोक रहेगी.

Intro:हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने मध्य प्रदेश सरकार को बड़ा झटका देते हुए नगर निगम और नगर पालिका की परिसीमन प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है स्टे के बाद कहीं ना कहीं भाजपा समर्थित नेताओं ने राहत की सांस जरूरी है क्योंकि परिसीमन में उन्हें डर था कि कांग्रेस दबाव बनाकर मन मुताबिक परिसीमन करवा सकती है


Body:दरअसल राज्य सरकार ने प्रत्येक जिला कलेक्टर को नगर निगम और नगर पालिका के परिसीमन प्रक्रिया को करने के लिए निर्देश दिए थे जिसके तहत नगर निगम में वार्डों की संख्या घटाई और बढ़ाई जा सकती थी लेकिन इन निर्देशों के विरोध में इंदौर नगर पालिका निगम के एमआईसी सदस्य दिलीप शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और इस प्रक्रिया को गलत बताया था क्योंकि परिसीमन के निर्देश राज्य सरकार नहीं बल्कि राज्यपाल को दिए जाने थे जबकि राज्य सरकार ने सीधे कलेक्टर को परिसीमन के आदेश दे दिए जो कि गलत प्रक्रिया है याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था लेकिन राज्य सरकार के जवाब से हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और परिसीमन की प्रक्रिया को गलत मानते हुए इस पर स्टे लगा दिया इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को कि जाना है जिसमें राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा गया है हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक मौजूदा परिदृश्य में जिन नगर निगम और नगर पालिका में वार्ड की संख्या घटाई और बढ़ाई जा रही है उस पर अगले आदेश तक रोक रहेगी

बाईट - पुष्यमित्र भार्गव, अधिवक्ता, याचिकाकर्ता के वकील


Conclusion:इस स्टे का सीधा असर इंदौर नगर निगम सीमा में जुड़ने वाले बाग और नैनोद गांव पर भी होगा इसके अलावा माना जा रहा है कि भोपाल नगर निगम को 2 हिस्सों में बांटने के फैसले का भी इसका असर हो सकता है
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