इंदौर। देश में किसी भी जन आंदोलन को गति देने के लिए नारों और गानों का दशकों से अहम रोल रहा है. यही वजह है कि इंदौर के स्वच्छता अभियान में इस बात को महसूस कर हर साल 1 नए गाने के माध्यम से स्वच्छता अभियान को रोचक बनाते हुए स्वच्छ इंदौर अभियान (indore cleanliness campaign) को नई ऊंचाइयां दी हैं. बीते 5 वर्षों में यहां स्वच्छता के लिए जो गाने तैयार किए गए वह हर साल हिट होकर जन-जन तक स्वच्छता का संदेश देने में सफल साबित हुए. फिलहाल आलम यह है कि इंदौर अब स्वच्छता के साथ स्वच्छता को प्रेरित करने के लिए तैयार किए जाने वाले गानों का भी बेंच मार्क बन चुका है. जहां न केवल स्वच्छता के सुमधुर गीत तैयार होते हैं, बल्कि स्वच्छता प्रेरित करने के लिए देश के अन्य नगरीय निकायों की मांग पर उन्हें तैयार कर भी दिए जा रहे हैं.
जनजागरण के लिए संगीत का लिया सहारा
दरअसल, इंदौर के गीतकार देवेंद्र मालवीय अपने शहर इंदौर की स्वच्छता (clean indore) को प्रेरित करने के लिए बीते पांच वर्षों से इंदौर को स्वच्छता अवार्ड (cleanliness award for indore) मिलने के बाद शहर को स्वच्छता के प्रति गतिमान बनाए रखने के लिए इंदौर जिला प्रशासन और नगर निगम की मांग पर नए-नए शब्द और संगीत के साथ ख्यात गायक शान की आवाज में हर साल एक नया गीत इंदौर को समर्पित करते हैं. इसके बाद नगर निगम एक विशेष आयोजन में इस गीत की लॉन्चिंग करता है.
कूड़ा गाड़ी में भी बजवाया गीत
इसके बाद नगर निगम की 85 वार्ड के अलावा शहर भर में लगे डिजिटल बोर्ड और अन्य संचार माध्यमों में उनका यह गीत गूंजने लगता है. हर गीत के बोल एवं संगीत कुछ इस तरह होता है कि यह इंदौर के आम जनमानस में स्वच्छता के प्रति प्रेरणा का भाव भर देता है. यही वजह है कि जैसे ही घर-घर तक कचरा लेने का वाली गाड़ियां पहुंचती हैं. उन गाड़ियों में बजने वाला देवेंद्र का यह गीत (sanitation awareness with song in indore) लोगों को स्वच्छता प्रेरित करने के साथ गाड़ियों में गीला सूखा कचरा अलग डालने का संदेश देता है.
हर साल निकाला नया गाना
बीते 5 सालों में स्थिति यह हो गई है कि शहर भर के विभिन्न भागों में बजने वाले इन गानों को गाड़ियों से सुनकर ही लोग अपने-अपने घरों से कचरा लाकर गाड़ियों में डालते हैं. फिर यही गाड़ियां पूरे शहर भर में गाना बजाते हुए ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचती है. स्थिति यह होती है कि घरों से लेकर बाजार और व्यावसायिक क्षेत्रों में संबंधित गाना दिन रात गूंजता है. देखते ही देखते फिर वही गाना हिट होकर सोशल मीडिया और शहर में स्वच्छता का संदेश देने का प्रभावी माध्यम बन जाता है.
ऐसे शुरू हुआ गानों का सफर
- 2017 के पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी, तब सबसे पहले इंदौर में ही स्वच्छता गान तैयार किया गया. इसे प्रख्यात गायक कैलाश खेर ने अपनी आवाज दी थी गाने के बोल थे- 'स्वच्छ भारत का इरादा कर लिया हमने, देश से अपने यह वादा कर लिया हमने'. इस गाने में स्वच्छता को प्रधानमंत्री मोदी के साथ देश के अलग-अलग विभिन्न हिस्सों में फिल्माया गया था. यहा गाना देशभर में स्वच्छता संदेश देने का प्रभावी माध्यम बना.
- 2017 के बाद जैसे ही इंदौर स्वच्छता सर्वेक्षण (Indore Sanitation Survey) में पहली बार पहले नंबर पर आया तो इंदौर में फिर एक नया गाना तैयार हुआ. यह गाना पूरे मध्यप्रदेश में खासा लोकप्रिय हुआ. इसने इंदौर की छवि को स्वच्छता में पहले नंबर पर लगातार स्थापित किया. इस गाने के बोल थे- 'सब की मेहनत का यह फल है इंदौर नंबर वन है, है हल्ला.... है हल्ला... इंदौर हुआ है नंबर वन, इंदौर रहेगा नंबर वन'.
- इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन ने लगातार तीसरी बार पहले नंबर पर बने रहने के लिए फिर गाना तैयार कराया. इसमें हैट्रिक लगाने का जिक्र किया गया. गाने के बोल थे- 'गलियों-बाजारों में, घर-घर चौबारे में, लोगों की जुबानों में, मंदिर-मजारों में, स्वच्छता आदत है, स्वच्छता त्योहार एक नंबर है, हम हैट्रिक होगा इस बार, हेट्रिक हेट्रिक हेट्रिक लगाएंगे'.
- चौथी बार स्वच्छता सर्वेक्षण के पहले दुनिया भर में कोरोना की मार के बीच इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह की इच्छा पर देवेंद्र मालवीय ने गाने में स्वच्छता के साथ कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य को प्रमोट किया. जब यह गाना कोरोना संक्रमण के दौरान भी नगर निगम की गाड़ियों से घर-घर गूंजा तो लोग मास्क लगाने के साथ सोशल डिस्टेंस और कोरोना के प्रति बचाव के उपायों को अपना के नजर आए. इसके बाद देखते ही देखते यह गाना सभी जगह लोकप्रिय हुआ. गाने के बोल थे- 'मुश्किल के और खुशियों का है ठौर, इंदौर इंदौर जीतेगा इंदौर, विश्वास है हम जीत ही जाएंगे कल स्वच्छ बनाया था अब स्वस्थ बनाएंगे, फिर से नया इतिहास रचाएंगे'.