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यहां प्रॉपर्टी बेचने के लिए ब्रोकरों को बनवाना होगा लाइसेंस, आसान भाषा में समझें क्यों उठाया यह कदम ?

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Published : Jan 3, 2022, 5:16 PM IST

इंदौर जिला प्रशासन ने शहर में प्रॉपर्टी ब्रोकरों के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्थाओं को लागू करने की तैयारी कर ली है. अब शहर में लाइसेंस के जरिए है किराए पर मकान मिल सकेगा. आएये आसान भाषा में समझते हैं कि इंदौर जिला प्रशासन ने क्यों उठाया यह कदम और कैसे करेगा काम-

indore property
इंदौर प्रॉपर्टी

इंदौर। प्रॉपर्टी के लिहाज से प्रदेश के सबसे महंगे शहर में अब बिना लाइसेंस (license for property dealer in indore) के दलालों को प्रॉपर्टी के सौदे करना मुश्किल होगा. संपत्तियों की खरीदी बिक्री अवैध तरीके से होने के कारण लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी के चलते इंदौर जिला प्रशासन ने प्रॉपर्टी ब्रोकर के लिए भी लाइसेंसिंग की व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर ली है. अब संपत्तियों की खरीदी-बिक्री से लेकर किराए पर दिलाने के लिए दलालों को नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा. इसके बाद ही वे संपत्तियों के सौदा करा सकेंगे.

क्या कहते हैं इंदौर कलेक्टर

अब से पहले क्या हो रहा था ?
इंदौर में करीब तीन दशकों से कच्चे बिलों अथवा डायरी पर प्लॉटों की खरीदी बिक्री होती रही है. डायरी पर संपत्तियों के खरीदी का कोई वैधानिक रिकॉर्ड नहीं होने के कारण कॉलोनाइजर से लेकर ब्रोकर (new rule for property broker in indore) तक प्रॉपर्टी खरीदने वाले ग्राहकों के साथ मनमानी करते रहे हैं.

क्यों उठाया कदम ?
हाल ही में जिला प्रशासन को ऐसी भी शिकायतें मिलीं थीं, जिसके चलते संपत्तियों की डायरी के आधार पर ब्याज संपत्तियां गिरवीं रखने से लेकर ब्याज का धंधा किया जा रहा था. इसके अलावा डायरी के आधार पर ही प्लॉट खरीदने वालों से दलाल 12% की दर से संपत्ति की बाकी राशि वसूल रहे थे.

ब्रोकर से जिला प्रशासन से की सीधी बात
इंदौर जिला प्रशासन ने इस तरह की अवैध संपत्तियों की सौदेबाजी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब एक दर्जन दलालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए हैं. आज इस मामले में इंदौर जिला प्रशासन ने शहर के प्रॉपर्टी ब्रोकर एसोसिएशन (indore property broker association) के करीब 150 और इंदौर रिटेलर वेलफेयर एसोसिएशन के 80 से ज्यादा सदस्यों से डायरी पर संपत्तियों के सौदा नहीं करने को लेकर सीधा संवाद किया.

अब कैसे काम करेंगे ब्रोकर ?
इस दौरान दलालों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए कि अब इंदौर जिले में कोई भी सौदा बिना विधिक पंजीयन के नहीं हो सकेगा. इसके अलावा जो दलाल संपत्तियों का सौदा बिक्री कर आते हैं, उन्हें भी अब संपत्तियों के क्रय विक्रय की तमाम वैधानिक शर्तों को पूरा करना होगा. इसके अलावा उन्हें खुद भी संपत्तियों को किराए पर देने अथवा अन्य रूप से हस्तांतरित करने की पात्रता दर्शाने के लिए इंदौर नगर निगम से एक निर्धारित शुल्क जमा करके लाइसेंस बनवाना होगा.

लाइसेंस नहीं लिया तो क्या होगा ?
नतीजतन शहर में अब जिस प्रॉपर्टी ब्रोकर के पास लाइसेंस होगा, वही संपत्तियों का ब्रोकरेज कर सकेगा, जो लोग इस नियम का पालन नहीं करेंगे. उन्हें प्रॉपर्टी बिक्री के बाजार से बाहर होना पड़ेगा या फिर रेरा के दायरे के अनुसार कालोनियों की तमाम अनुमति या एवं वैधानिक प्रक्रिया के तहत ही संपत्तियों के सौदा करने होंगे. इसके अलावा कॉलोनाइजर को भी संपत्तियों की तमाम अनुमति सार्वजनिक रूप से लेनी होंगी.

स्मैक के दो अड्डों पर भिंड पुलिस ने मारा छापा, आरोपी दंपति गिरफ्तार

इंदौर नगर निगम में कई सालों से प्रॉपर्टी ब्रोकर के लाइसेंस बनाने का प्रावधान है. हालांकि अब नए सिरे से इंदौर जिला प्रशासन ने नगर निगम को निर्देशित किया है कि जिन प्रॉपर्टी ब्रोकर के लाइसेंस नहीं है, उन्हें लाइसेंस प्रक्रिया के दायरे में लाया जाए. अब एक निर्धारित लाइसेंस फीस वसूल कर ब्रोकरों को लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा जो बाहरी ब्रोकर संपत्तियों के किराए अथवा अन्य रूप से हस्तांतरण करने का काम करते हैं उन्हें भी लाइसेंस प्रक्रिया के अधीन लाया जाएगा.

इंदौर। प्रॉपर्टी के लिहाज से प्रदेश के सबसे महंगे शहर में अब बिना लाइसेंस (license for property dealer in indore) के दलालों को प्रॉपर्टी के सौदे करना मुश्किल होगा. संपत्तियों की खरीदी बिक्री अवैध तरीके से होने के कारण लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी के चलते इंदौर जिला प्रशासन ने प्रॉपर्टी ब्रोकर के लिए भी लाइसेंसिंग की व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर ली है. अब संपत्तियों की खरीदी-बिक्री से लेकर किराए पर दिलाने के लिए दलालों को नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा. इसके बाद ही वे संपत्तियों के सौदा करा सकेंगे.

क्या कहते हैं इंदौर कलेक्टर

अब से पहले क्या हो रहा था ?
इंदौर में करीब तीन दशकों से कच्चे बिलों अथवा डायरी पर प्लॉटों की खरीदी बिक्री होती रही है. डायरी पर संपत्तियों के खरीदी का कोई वैधानिक रिकॉर्ड नहीं होने के कारण कॉलोनाइजर से लेकर ब्रोकर (new rule for property broker in indore) तक प्रॉपर्टी खरीदने वाले ग्राहकों के साथ मनमानी करते रहे हैं.

क्यों उठाया कदम ?
हाल ही में जिला प्रशासन को ऐसी भी शिकायतें मिलीं थीं, जिसके चलते संपत्तियों की डायरी के आधार पर ब्याज संपत्तियां गिरवीं रखने से लेकर ब्याज का धंधा किया जा रहा था. इसके अलावा डायरी के आधार पर ही प्लॉट खरीदने वालों से दलाल 12% की दर से संपत्ति की बाकी राशि वसूल रहे थे.

ब्रोकर से जिला प्रशासन से की सीधी बात
इंदौर जिला प्रशासन ने इस तरह की अवैध संपत्तियों की सौदेबाजी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब एक दर्जन दलालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए हैं. आज इस मामले में इंदौर जिला प्रशासन ने शहर के प्रॉपर्टी ब्रोकर एसोसिएशन (indore property broker association) के करीब 150 और इंदौर रिटेलर वेलफेयर एसोसिएशन के 80 से ज्यादा सदस्यों से डायरी पर संपत्तियों के सौदा नहीं करने को लेकर सीधा संवाद किया.

अब कैसे काम करेंगे ब्रोकर ?
इस दौरान दलालों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए कि अब इंदौर जिले में कोई भी सौदा बिना विधिक पंजीयन के नहीं हो सकेगा. इसके अलावा जो दलाल संपत्तियों का सौदा बिक्री कर आते हैं, उन्हें भी अब संपत्तियों के क्रय विक्रय की तमाम वैधानिक शर्तों को पूरा करना होगा. इसके अलावा उन्हें खुद भी संपत्तियों को किराए पर देने अथवा अन्य रूप से हस्तांतरित करने की पात्रता दर्शाने के लिए इंदौर नगर निगम से एक निर्धारित शुल्क जमा करके लाइसेंस बनवाना होगा.

लाइसेंस नहीं लिया तो क्या होगा ?
नतीजतन शहर में अब जिस प्रॉपर्टी ब्रोकर के पास लाइसेंस होगा, वही संपत्तियों का ब्रोकरेज कर सकेगा, जो लोग इस नियम का पालन नहीं करेंगे. उन्हें प्रॉपर्टी बिक्री के बाजार से बाहर होना पड़ेगा या फिर रेरा के दायरे के अनुसार कालोनियों की तमाम अनुमति या एवं वैधानिक प्रक्रिया के तहत ही संपत्तियों के सौदा करने होंगे. इसके अलावा कॉलोनाइजर को भी संपत्तियों की तमाम अनुमति सार्वजनिक रूप से लेनी होंगी.

स्मैक के दो अड्डों पर भिंड पुलिस ने मारा छापा, आरोपी दंपति गिरफ्तार

इंदौर नगर निगम में कई सालों से प्रॉपर्टी ब्रोकर के लाइसेंस बनाने का प्रावधान है. हालांकि अब नए सिरे से इंदौर जिला प्रशासन ने नगर निगम को निर्देशित किया है कि जिन प्रॉपर्टी ब्रोकर के लाइसेंस नहीं है, उन्हें लाइसेंस प्रक्रिया के दायरे में लाया जाए. अब एक निर्धारित लाइसेंस फीस वसूल कर ब्रोकरों को लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा जो बाहरी ब्रोकर संपत्तियों के किराए अथवा अन्य रूप से हस्तांतरण करने का काम करते हैं उन्हें भी लाइसेंस प्रक्रिया के अधीन लाया जाएगा.

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