इंदौर (पीटीआई)। श्रम, रोजगार और कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों की मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का हल ढूंढने के मकसद से भारत की अध्यक्षता वाले जी20 समूह की इंदौर में बैठक बुधवार से शुरू हुई. ये तीन दिवसीय बैठक एक और मायने में खास है. अधिकारियों ने बताया कि भारत के सबसे स्वच्छ शहर में जारी बैठक को स्थानीय निकाय की मदद से 'शून्य अपशिष्ट' वाला आयोजन बनाया गया है. यानी इसमें कचरे के कम से कम उत्सर्जन और गीले अपशिष्ट के मौके पर ही निपटारे के उपाय किए गए हैं.
राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षणों में लगातार 6 सालों से इंदौर अव्वलः बैठक स्थल पर जगह-जगह साइन बोर्ड लगाकर प्रदर्शित किया गया है कि "यह पूरी तरह 'शून्य अपशिष्ट' वाला आयोजन है." इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि जी20 बैठक को शून्य अपशिष्ट वाले आयोजन में बदलने के लिए "3 आर" (रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल) की उसी अवधारणा का सहारा लिया जा रहा है, जिसके इस्तेमाल से करीब 35 लाख की आबादी का यह शहर केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षणों में लगातार 6 सालों से अव्वल बना हुआ है.
जी20 बैठक में पर्यावरण हितैषी सामग्री के इस्तेमाल की कोशिशः अधिकारी ने बताया कि जी20 के बैठक स्थल के साथ ही शहर के उन होटलों के कमरों में प्लास्टिक की बोतलों की अनुमति नहीं है, जहां मेहमानों को ठहराया गया है. उन्होंने बताया कि इन स्थानों पर कांच की बोतलों का इंतजाम किया गया है. उन्होंने बताया कि बैठक में मेहमानों को दिए गए नोटपैड फिर से इस्तेमाल किए जाने लायक कागज से बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि बैठक स्थल में बचे भोजन और अन्य गीले कचरे से मौके पर ही खाद बनाई जा रही है. अधिकारी ने बताया कि जी20 बैठक में पर्यावरण हितैषी और दोबारा इस्तेमाल किए जाने लायक सामग्री के अधिक से अधिक इस्तेमाल की कोशिश की गई है.
इंदौर में जी20 बैठक में 165 मेहमान भाग ले रहे हैं: इंदौर में जी20 समूह के रोजगार कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) की चौथी और अंतिम बैठक बुधवार से शुरू हुई जो दो दिन चलेगी. इस बैठक की समाप्ति के बाद भारत के श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को जी20 समूह के देशों के उनके समकक्षों की बैठक होगी. इंदौर में जी20 बैठक के तहत 3 दिन तक चलने वाले अलग-अलग सत्रों में करीब 165 मेहमान भाग लें रहे हैं, जिनमें इस समूह के 20 राष्ट्रों और 9 आमंत्रित देशों के नुमाइंदों के साथ ही श्रम, रोजगार तथा सामाजिक सुरक्षा के वैश्विक संगठनों के आला अधिकारी शामिल हैं.