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इंदौर के हालातों पर IIM का अलर्ट, हालात नहीं संभले तो मई तक बढ़ जाएंगे 50 हजार मरीज

कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर आईआईएम ने एक रिसर्च जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 के टेस्ट में तेजी नहीं लाई गई, तो मई के अंत तक इंदौर में मरीजों की संख्या 50 हजार पर पहुंच जाएगी.

IIM alert regarding Corona
कोरोना को लेकर IIM का अलर्ट
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Published : Apr 18, 2020, 8:31 PM IST

इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच आईआईएम इंदौर ने भी अपने रिसर्च के माध्यम से एक अलर्ट जारी किया है. शोध के माध्यम से चेतावनी दी गई है कि यदि कोरोना को रोकने के लिए क्षमताओं के साथ कोविड-19 के टेस्ट में तेजी नहीं लाई गई, तो मई के अंत तक इंदौर में मरीजों की संख्या 50 हजार पर पहुंच जाएगी.

कोरोना को लेकर IIM का अलर्ट

दरअसल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर सायंतन बनर्जी, मिशीगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वीरा बालदंडायूथानी, रूपम भट्टाचार्य, सारिक मोहम्मद और प्रोफेसर उपली चंदा ने संयुक्त रूप से कोरोना क्राइसिस के बीच यह अत्यावश्यक शोध किया है. इस शोध के जरिए सभी ने भारत सरकार समेत मध्य प्रदेश सरकार को इंदौर में कोरोना की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ क्षमताओं को बढ़ाने के साथ कोविड-19 के परीक्षण में तेजी लाने, स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों की तफ्तीश कर उनकी जांच करने के सुझाव दिए हैं.

Research paper
रिसर्च पेपर

देश के किसी भारतीय प्रबंध संस्थान द्वारा किए गए शोध में स्पष्ट किया गया है कि यदि अप्रैल अंत तक कोरोना संक्रमण से जुड़े यदि प्रकरण 3 हजार तक भी पहुंचे तो नई ताजा स्थिति 50 गुना हो जाएगी.

ऐसी भयावह स्थिति में मध्यप्रदेश में मरीजों के लिए उपलब्ध बेड की संख्या भी कम पड़ जाएगी, इसलिए अस्पतालों में क्रिटिकल केयर संबंधी संसाधन और श्वास रोग के उपचार की क्षमता का विस्तार अब जरूरी हो चुका है. शोध में सोशल डिस्टेंस को और सामान्य खानपान को कोरोना से बचने का एकमात्र माध्यम बताया गया है. शोध में स्पष्ट किया गया है कि अप्रैल तक यदि सामान्य संक्रमण 1400 तक ठहरता है तो यह स्थिति नियंत्रित की जा सकती है. इसके लिए सभी लोगों को मिलकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सोशल डिस्टेंस आधारित बनाने में सहयोग करते हुए बीमारी से बचने के प्रयास करने होंगे.

इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच आईआईएम इंदौर ने भी अपने रिसर्च के माध्यम से एक अलर्ट जारी किया है. शोध के माध्यम से चेतावनी दी गई है कि यदि कोरोना को रोकने के लिए क्षमताओं के साथ कोविड-19 के टेस्ट में तेजी नहीं लाई गई, तो मई के अंत तक इंदौर में मरीजों की संख्या 50 हजार पर पहुंच जाएगी.

कोरोना को लेकर IIM का अलर्ट

दरअसल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर सायंतन बनर्जी, मिशीगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वीरा बालदंडायूथानी, रूपम भट्टाचार्य, सारिक मोहम्मद और प्रोफेसर उपली चंदा ने संयुक्त रूप से कोरोना क्राइसिस के बीच यह अत्यावश्यक शोध किया है. इस शोध के जरिए सभी ने भारत सरकार समेत मध्य प्रदेश सरकार को इंदौर में कोरोना की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ क्षमताओं को बढ़ाने के साथ कोविड-19 के परीक्षण में तेजी लाने, स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों की तफ्तीश कर उनकी जांच करने के सुझाव दिए हैं.

Research paper
रिसर्च पेपर

देश के किसी भारतीय प्रबंध संस्थान द्वारा किए गए शोध में स्पष्ट किया गया है कि यदि अप्रैल अंत तक कोरोना संक्रमण से जुड़े यदि प्रकरण 3 हजार तक भी पहुंचे तो नई ताजा स्थिति 50 गुना हो जाएगी.

ऐसी भयावह स्थिति में मध्यप्रदेश में मरीजों के लिए उपलब्ध बेड की संख्या भी कम पड़ जाएगी, इसलिए अस्पतालों में क्रिटिकल केयर संबंधी संसाधन और श्वास रोग के उपचार की क्षमता का विस्तार अब जरूरी हो चुका है. शोध में सोशल डिस्टेंस को और सामान्य खानपान को कोरोना से बचने का एकमात्र माध्यम बताया गया है. शोध में स्पष्ट किया गया है कि अप्रैल तक यदि सामान्य संक्रमण 1400 तक ठहरता है तो यह स्थिति नियंत्रित की जा सकती है. इसके लिए सभी लोगों को मिलकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सोशल डिस्टेंस आधारित बनाने में सहयोग करते हुए बीमारी से बचने के प्रयास करने होंगे.

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