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दुनिया को संजीवनी दे रहा भारत! हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन लेकर इंदौर से जोहांसबर्ग रवाना हुआ कार्गो विमान

इंदौर एयरपोर्ट से इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट के जरिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन को दक्षिण अफ्रीका भेजी गई, कोयने एयरलाइंस की इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट से 100 mg की 28 क्विंटल दवा 315 बॉक्स में दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग के लिए भेजी गई.

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Published : Apr 17, 2020, 7:58 PM IST

Updated : Apr 18, 2020, 9:28 AM IST

Hydroxychloroquine sent to South Africa
दक्षिण अफ्रीका भेजी गई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसके बावजूद सिर्फ इंदौर ही है, जो कोरोना से निपटने के लिए न सिर्फ अपने लिए, बल्कि अमेरिका, जोहांसबर्ग सहित दुनिया के कई जरूरतमंद देशों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दवा का उत्पादन कर रहा है, जिससे दुनिया भर के करोड़ों लोगों को जीवनदान मिल सकता है, देश में मुख्य रूप से जो दो कंपनियां हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन का उत्पादन करती हैं, उनमें से एक इंदौर में है, जबकि इंदौर संभाग के ही रतलाम जिले में मौजूद है.

दक्षिण अफ्रीका भेजी गई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन का रॉ मटेरियल इप्का लैब बनाती है, इप्का लैब की रतलाम यूनिट में प्रति माह एक करोड़ टेबलेट बन सकती है, इप्का के अलावा इंदौर की मैक डब्ल्यू हेल्थ केयर रॉ मैटेरियल से रोजाना 5 लाख गोली बना सकती है. हालांकि, दोनों ही कंपनियां अभी ऑर्डर के हिसाब से गोलियों बना रही हैं. हाल ही में मोदी सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन के निर्यात पर रोक लगाई थी, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध के बाद हटा दिया गया है.

उधर दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के चलते भारत कोरोना के इलाज के लिए सबसे चर्चित दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन के उत्पादन का केंद्र बन चुका है. दुनिया के कई विकसित देश इस दवा को संजीवनी मानकर अपने-अपने देशों के करोड़ों लोगों की जान बचाने के लिए भारत के सामने बाहें फैलाकर खड़े हैं.

जोहांसबर्ग और हैदराबाद के लिए भेजी गई लाखों गोलियां

अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन की सप्लाई की अनुमति देने के बाद लगातार इंदौर एयरपोर्ट से इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट के जरिए ये दवा विभिन्न देशों में भेजी जा रही है. आज शाहजाह से कोयने एयरलाइंस की इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट से 100 mg की 2800 किलो दवा 315 बॉक्स में दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग के लिए भेजी गई. ये दवा जोहांसबर्ग की बाल्मोरल नॉर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को इंडियन फार्मा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने ऑर्डर की बुकिंग पर भेजी है.

ये पहला मौका है, जब हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दवा लेने के लिए कोई इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट इंदौर एयरपोर्ट पर उतरी हो, इसी प्रकार स्पाइस जेट की घरेलू कार्गो फ्लाइट से 1041 किलोग्राम के 37 बॉक्स में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन समेत अन्य मेडिकल सामग्री हैदराबाद भेजी गई. ये दवा हैदराबाद की नैटकोफार्मा कंपनी ने इप्का से मांगी थी, इसके लिए इंदौर एयरपोर्ट पर पहले से ही तैयारियां की गई थी, जहां कार्गो संबंधी टीमें फ्लाइट के आने के दौरान दवाइयां और मेडिकल का अन्य सामान लेकर लोडिंग के लिए तैनात थी.

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसके बावजूद सिर्फ इंदौर ही है, जो कोरोना से निपटने के लिए न सिर्फ अपने लिए, बल्कि अमेरिका, जोहांसबर्ग सहित दुनिया के कई जरूरतमंद देशों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दवा का उत्पादन कर रहा है, जिससे दुनिया भर के करोड़ों लोगों को जीवनदान मिल सकता है, देश में मुख्य रूप से जो दो कंपनियां हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन का उत्पादन करती हैं, उनमें से एक इंदौर में है, जबकि इंदौर संभाग के ही रतलाम जिले में मौजूद है.

दक्षिण अफ्रीका भेजी गई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन का रॉ मटेरियल इप्का लैब बनाती है, इप्का लैब की रतलाम यूनिट में प्रति माह एक करोड़ टेबलेट बन सकती है, इप्का के अलावा इंदौर की मैक डब्ल्यू हेल्थ केयर रॉ मैटेरियल से रोजाना 5 लाख गोली बना सकती है. हालांकि, दोनों ही कंपनियां अभी ऑर्डर के हिसाब से गोलियों बना रही हैं. हाल ही में मोदी सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन के निर्यात पर रोक लगाई थी, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध के बाद हटा दिया गया है.

उधर दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के चलते भारत कोरोना के इलाज के लिए सबसे चर्चित दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन के उत्पादन का केंद्र बन चुका है. दुनिया के कई विकसित देश इस दवा को संजीवनी मानकर अपने-अपने देशों के करोड़ों लोगों की जान बचाने के लिए भारत के सामने बाहें फैलाकर खड़े हैं.

जोहांसबर्ग और हैदराबाद के लिए भेजी गई लाखों गोलियां

अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन की सप्लाई की अनुमति देने के बाद लगातार इंदौर एयरपोर्ट से इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट के जरिए ये दवा विभिन्न देशों में भेजी जा रही है. आज शाहजाह से कोयने एयरलाइंस की इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट से 100 mg की 2800 किलो दवा 315 बॉक्स में दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग के लिए भेजी गई. ये दवा जोहांसबर्ग की बाल्मोरल नॉर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को इंडियन फार्मा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने ऑर्डर की बुकिंग पर भेजी है.

ये पहला मौका है, जब हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दवा लेने के लिए कोई इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट इंदौर एयरपोर्ट पर उतरी हो, इसी प्रकार स्पाइस जेट की घरेलू कार्गो फ्लाइट से 1041 किलोग्राम के 37 बॉक्स में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन समेत अन्य मेडिकल सामग्री हैदराबाद भेजी गई. ये दवा हैदराबाद की नैटकोफार्मा कंपनी ने इप्का से मांगी थी, इसके लिए इंदौर एयरपोर्ट पर पहले से ही तैयारियां की गई थी, जहां कार्गो संबंधी टीमें फ्लाइट के आने के दौरान दवाइयां और मेडिकल का अन्य सामान लेकर लोडिंग के लिए तैनात थी.

Last Updated : Apr 18, 2020, 9:28 AM IST
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