भोपाल। इंदौर के सबसे बड़े शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) के मर्चुरी रूम में स्ट्रेचर पर रखा एक शव कंकाल में तब्दील हो गया, मामला मंगलवार को सामने आया था. नरकंकाल मिलने के बाद प्रदेश में राजनीति भी शुरू हो गई है, जहां एक तरफ बीजेपी इस मामले में सख्त कार्रवाई की बात कह रही है, तो वहीं कांग्रेस लगातार सरकार की लापरवाही को लेकर निशाना साध रही है. अब इस मामले में मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. मानव अधिकार आयोग ने इंदौर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय अस्पताल के अधीक्षक को इस मामले में 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.
MY अस्पताल में शव के कंकाल में तब्दील होने के मामले की होगी जांच, अधीक्षक ने दिए निर्देश
मानव अधिकार आयोग ने इन सभी को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है, जिसमें बताया गया है कि, इस मामले की संपूर्ण रिपोर्ट 4 सप्ताह में प्रतिवेदन के साथ पेश की जाए. बता दें कि, शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में बीते मंगलवार को प्रबंधन का अमानवीय चेहरा सामने आया था. अस्पताल के मर्चूरी रूम में एक अज्ञात व्यक्ति का शव पिछले 9 दिनों से स्ट्रेचर पर ही पड़ा था, इतने दिनों के दौरान किसी भी कर्मचारी ने उसे सुरक्षित रखने की जहमत नहीं उठाई, लेकिन मंगलवार को तेज बदबू आने के बाद शव के बारे में संज्ञान लिया गया, शव लगभग कंगाल के रूप में तब्दील हो चुका था.
मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा तो जिम्मेदारों ने तत्काल शव को वहां से हटवा दिया. अस्पताल में लावारिस शव 9 से 10 दिन पहले अस्पताल के शव गृह के बाहर रखा गया था. शव को अज्ञात व्यक्ति का मानते हुए इसे एक तरफ ढक कर रख दिया गया था, क्योंकि इस शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी. हालांकि नियम के अनुसार अज्ञात शव को भी अस्पताल में बने मर्चूरी रूम के अंदर सुरक्षित रूप से रखा जाता है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन के द्वारा ऐसा नहीं किया गया. मामला सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने भी इस मामले की रिपोर्ट तलब की गई है. साथ ही दोषी के खिलाफ सख्त करने के निर्देश भी दिए हैं .