इंदौर। प्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाले हनीट्रैप मामले में दायर सभी याचिकाओं पर मंगलवार को एमपी हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई हुई, फिलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. हालांकि एक हफ्ते में फैसला आने की संभावना है. सभी दायर याचिकाओं का मुख्य उद्देश्य निरपेक्ष जांच और सीबीआई को हनीट्रैप मामला सुलझाने को लेकर है.
बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में दायर सभी याचिकाओं पर मंगलवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई हो पूरी हुई, हनीट्रैप मामले में कुल चार याचिकाएं दायर की गई थी, जिनमें चारों जनहित याचिकाएं हैं, वहीं दो याचिकाओं में एक आरोपी महिला और विजय जैन की ओर से दायर की गई है, जनहित याचिकाओं की बात की जाए तो पहली जनहित याचिका दिग्विजय सिंह भंडारी ने लगाई थी.
इस याचिका के जरिए मांग की गई है कि इस मामले के शिकायतकर्ता निगम इंजीनियर हरभजन सिंह को भी आरोपी बनाया जाए. हनीट्रैप मामले में गठित एसआईटी भी आरोपी पक्ष को बचाना चाहती है, लिहाजा पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए. याचिकाकर्ता का ये भी कहना है कि इस पूरे मामले में प्रदेश के कई आईपीएस-आईएएस अफसरों के साथ ही कई पॉलिटिशियन भी शामिल हैं, इसकी निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती, इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच कराने के लिए इस मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए.