ETV Bharat / state

परिवार से मिलेगी गीता, थोड़ा सा इंतजार: जल्द होगा DNA टेस्ट

गीता के पाकिस्तान से वतन वापसी के बाद अब गीता को उसका परिवार मिल गया है. बस सिर्फ डीएनए टेस्ट भर की दूरी बची है. विदेश मंत्रालय ने मूक बधिर संस्थान के ज्ञानेंद्र रोहित को फोन किया है. जिसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि अब जल्द ही गीता के डीएनए टेस्ट का प्रोसेस शुरू हो जाएगा.

author img

By

Published : Mar 20, 2021, 1:15 PM IST

Updated : Mar 20, 2021, 5:54 PM IST

Geeta's DNA process will start soon
जल्द होगा गीता का DNA टेस्ट

इंदौर। पाकिस्तान से आई गीता को उसके घर पहुंचाने के लिए आनंद मूक बधिर संस्थान के ज्ञानेंद्र रोहित और मोनिका पुरोहित के साथ ही इंदौर पुलिस ने कई तरह के जतन किए. इतने प्रयास के बाद अब मंजिल काफी करीबी नजर आ रही है. जिस परिवार ने गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया था. उनके डीएनए को लेकर कई तरह की संभावना व्यक्त की जा रही थी, लेकिन अब विदेश मंत्रालय से भी संस्था से जुड़े हुए ज्ञानेंद्र रोहित के पास फोन आ गया है. फोन आने से अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही अब गीता के डीएनए की प्रोसेस शुरू हो जाएगी.

हरि नारयण चारि मिश्र, आईजी

परिवार से मिलेगी गीता, थोड़ा सा इंतजार: जल्द होगा DNA टेस्ट

वहीं काफी चेतन करने के बाद गीता ने जिस तरह की लोकेशन बताई थी, उस लोकेशन के आधार पर गीता को उसके परिजनों के काफी करीब तक पहुंचा भी दिया गया है. बता दें कि गीता की पहचान महाराष्ट्र के परभणी जिला के जिंतूर की रहने वाली मीना पांढरे की बेटी के रूप में हुई है. मीना पांढरे ने गीता के पेट पर जले का निशान देखकर यह दावा किया था कि गीता उनकी बेटी है, लेकिन डीएनए को लेकर बात अटकी हुई थी. जिसे लेकर कई तरह के प्रयास भी एक हकीकत है. इंदौर पुलिस ने भी स्थानीय स्तर पर प्रचार करने की बात की थी, जिसके बाद यह पहल सार्थक होती नजर आ रही है. संस्था से जुड़े हुए ज्ञानेंद्र पुरोहित को विदेश मंत्रालय से फोन आ गया है और इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही गीता का डीएनए भी हो जाएगा.

पाकिस्तान से लौटी गीता को पैरों पर खड़ा करने के लिए शासकीय नौकरी दी जाए : गैर सरकारी संगठन

ज्ञानेंद्र पुरोहित ने विदेश मंत्रालय से की मांग

संस्था से जुड़े हुए ज्ञानेंद्र रोहित के पास विदेश मंत्रालय से फोन आया और उसके बाद उन्होंने संभावना जताई है कि जल्द ही गीता का डीएनए हो जाएगा. साथ ही ज्ञानेंद्र पुरोहित ने विदेश मंत्रालय के आला अधिकारियों से मांग की है कि गीता को सरकारी नौकरी दी जाए, जिससे कि वह अपना गुजर बसर ठीक तरीके से कर सकें और आत्मनिर्भर भी बन सकें और जिस जगह पर गीता अभी महाराष्ट्र के परभणी के एक एनजीओ में रह रही है, उस एनजीओ की आर्थिक सहायता की जाए.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी करेंगे मांग

मूक बधिर संस्थान के ज्ञानेंद्र रोहित ने कहा कि अगर विदेश मंत्रालय या महाराष्ट्र सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करती, तो वह आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी गीता को सरकारी नौकरी देने की मांग करेंगे. फिलहाल जिस तरह से अब विदेश मंत्रालय से डीएनए को लेकर फोन आया है, तो अब संभावना जताई जा रही हैं कि जल्द ही गीता का डीएनए भी हो जाएगा.

geeta still waiting
गीता को अपनों का इंतजार

कौन है गीता ?

पाकिस्तान में एक सामाजिक कल्याण संगठन ने जिस मूक बधिर भारतीय लड़की को आसरा दिया था. 2015 में उसे भारत भेज दिया था.

पाकिस्तान के 'डॉन' अखबार ने खबर दी थी कि विश्व प्रसिद्ध ईधी वेल्यफेयर ट्रस्ट के पूर्व प्रमुख दिवंगत अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिलकिस ईधी ने बताया, कि लड़की का असली नाम राधा वाघमारे है. बिलकिस के मुताबिक, उन्हें गीता एक रेलवे स्टेशन से मिली थी और जब वह 11-12 साल की रही होगी. उन्होंने उसे कराची के अपने केंद्र में रखा था.

उन्होंने कहा कि वह किसी तरह से पाकिस्तान आ गई थी और जब कराची में हमें मिली थी तो वह बेसहारा थी.

सुन और बोल नहीं सकती गीता

बिलकिस ने बताया कि उन्होंने उसका नाम फातिमा रखा था.जब उन्हें मालूम चला कि वह हिंदू है तो उसका नाम गीता रखा गया. हालांकि वह सुन और बोल नहीं सकती .2015 में भारत की पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज ने लड़की को भारत लाने का इंतजाम किया था.बिलकिस ने बताया कि गीता के असली पिता की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है. उसकी मां मीना ने दूसरी शादी कर ली है. इस बारे में आनंद सेवा सोसाइटी के सदस्य ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि परभणी परिवार ने जिस तरह के दावे किए वह गीता द्वारा बताई गई बातों से काफी मिलते जुलते हैं. उन्होंने इस बारे में सरकार से गीता के परिवार होने का दावा करने वाले लोगों का डीएनए टेस्ट करने का आह्वान किया है.

इंदौर। पाकिस्तान से आई गीता को उसके घर पहुंचाने के लिए आनंद मूक बधिर संस्थान के ज्ञानेंद्र रोहित और मोनिका पुरोहित के साथ ही इंदौर पुलिस ने कई तरह के जतन किए. इतने प्रयास के बाद अब मंजिल काफी करीबी नजर आ रही है. जिस परिवार ने गीता को अपनी बेटी होने का दावा किया था. उनके डीएनए को लेकर कई तरह की संभावना व्यक्त की जा रही थी, लेकिन अब विदेश मंत्रालय से भी संस्था से जुड़े हुए ज्ञानेंद्र रोहित के पास फोन आ गया है. फोन आने से अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही अब गीता के डीएनए की प्रोसेस शुरू हो जाएगी.

हरि नारयण चारि मिश्र, आईजी

परिवार से मिलेगी गीता, थोड़ा सा इंतजार: जल्द होगा DNA टेस्ट

वहीं काफी चेतन करने के बाद गीता ने जिस तरह की लोकेशन बताई थी, उस लोकेशन के आधार पर गीता को उसके परिजनों के काफी करीब तक पहुंचा भी दिया गया है. बता दें कि गीता की पहचान महाराष्ट्र के परभणी जिला के जिंतूर की रहने वाली मीना पांढरे की बेटी के रूप में हुई है. मीना पांढरे ने गीता के पेट पर जले का निशान देखकर यह दावा किया था कि गीता उनकी बेटी है, लेकिन डीएनए को लेकर बात अटकी हुई थी. जिसे लेकर कई तरह के प्रयास भी एक हकीकत है. इंदौर पुलिस ने भी स्थानीय स्तर पर प्रचार करने की बात की थी, जिसके बाद यह पहल सार्थक होती नजर आ रही है. संस्था से जुड़े हुए ज्ञानेंद्र पुरोहित को विदेश मंत्रालय से फोन आ गया है और इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही गीता का डीएनए भी हो जाएगा.

पाकिस्तान से लौटी गीता को पैरों पर खड़ा करने के लिए शासकीय नौकरी दी जाए : गैर सरकारी संगठन

ज्ञानेंद्र पुरोहित ने विदेश मंत्रालय से की मांग

संस्था से जुड़े हुए ज्ञानेंद्र रोहित के पास विदेश मंत्रालय से फोन आया और उसके बाद उन्होंने संभावना जताई है कि जल्द ही गीता का डीएनए हो जाएगा. साथ ही ज्ञानेंद्र पुरोहित ने विदेश मंत्रालय के आला अधिकारियों से मांग की है कि गीता को सरकारी नौकरी दी जाए, जिससे कि वह अपना गुजर बसर ठीक तरीके से कर सकें और आत्मनिर्भर भी बन सकें और जिस जगह पर गीता अभी महाराष्ट्र के परभणी के एक एनजीओ में रह रही है, उस एनजीओ की आर्थिक सहायता की जाए.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी करेंगे मांग

मूक बधिर संस्थान के ज्ञानेंद्र रोहित ने कहा कि अगर विदेश मंत्रालय या महाराष्ट्र सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करती, तो वह आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी गीता को सरकारी नौकरी देने की मांग करेंगे. फिलहाल जिस तरह से अब विदेश मंत्रालय से डीएनए को लेकर फोन आया है, तो अब संभावना जताई जा रही हैं कि जल्द ही गीता का डीएनए भी हो जाएगा.

geeta still waiting
गीता को अपनों का इंतजार

कौन है गीता ?

पाकिस्तान में एक सामाजिक कल्याण संगठन ने जिस मूक बधिर भारतीय लड़की को आसरा दिया था. 2015 में उसे भारत भेज दिया था.

पाकिस्तान के 'डॉन' अखबार ने खबर दी थी कि विश्व प्रसिद्ध ईधी वेल्यफेयर ट्रस्ट के पूर्व प्रमुख दिवंगत अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिलकिस ईधी ने बताया, कि लड़की का असली नाम राधा वाघमारे है. बिलकिस के मुताबिक, उन्हें गीता एक रेलवे स्टेशन से मिली थी और जब वह 11-12 साल की रही होगी. उन्होंने उसे कराची के अपने केंद्र में रखा था.

उन्होंने कहा कि वह किसी तरह से पाकिस्तान आ गई थी और जब कराची में हमें मिली थी तो वह बेसहारा थी.

सुन और बोल नहीं सकती गीता

बिलकिस ने बताया कि उन्होंने उसका नाम फातिमा रखा था.जब उन्हें मालूम चला कि वह हिंदू है तो उसका नाम गीता रखा गया. हालांकि वह सुन और बोल नहीं सकती .2015 में भारत की पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज ने लड़की को भारत लाने का इंतजाम किया था.बिलकिस ने बताया कि गीता के असली पिता की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है. उसकी मां मीना ने दूसरी शादी कर ली है. इस बारे में आनंद सेवा सोसाइटी के सदस्य ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि परभणी परिवार ने जिस तरह के दावे किए वह गीता द्वारा बताई गई बातों से काफी मिलते जुलते हैं. उन्होंने इस बारे में सरकार से गीता के परिवार होने का दावा करने वाले लोगों का डीएनए टेस्ट करने का आह्वान किया है.

Last Updated : Mar 20, 2021, 5:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.