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पब्लिक डोमेन में आएंगी खासगी ट्रस्ट की संपत्तियां, संरक्षण के लिए सरकार बनाने जा रही ऐप

देवी अहिल्या बाई की संपत्तियों को बेचा जा रहा है. जिसके बाद इनकी जांच शुरू हो गई है. राज्य सरकार इन संपत्तियों को संरक्षित करने के लिए एक ऐप बनाने जा रही है.

indore
संपत्तियों के संरक्षण के लिए बनेगा ऐप
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Published : Oct 10, 2020, 11:36 AM IST

Updated : Oct 10, 2020, 2:10 PM IST

इंदौर। देशभर में फैली अहिल्याबाई होळकर के खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों को अब सार्वजनिक किया जाएगा. राज्य सरकार इन संपत्तियों को संरक्षित करने के लिए एक ऐप बनाने जा रही है. जहां संपत्तियों की मौजूदा स्थिति और उनके दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी, इसके पीछे कोशिश ये है कि भविष्य में संपत्तियों की खरीदी बिक्री पर रोक लगाने के लिए सारी संपत्तियों की जानकारी एक स्थान पर भी संकलित की जा सके, जो आवश्यकता होने पर किसी के भी द्वारा चेक की जा सकती है.

संपत्तियों के संरक्षण के लिए बनेगा ऐप

देश के 28 स्थानों पर 246 से ज्यादा संपत्तियां फिलहाल किस हालत में हैं, ये राज्य सरकार भी नहीं जानती. यही वजह है कि हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अन्य तमाम अधिकारियों के बीच आयोजित बैठक में तय किया गया है कि जल्द से जल्द सभी संपत्तियों का भौतिक सत्यापन कराया जाए. इसके अलावा सभी संपत्तियों से संबंधित पूरी जानकारी संरक्षित की जाए, फिलहाल इन संपत्तियों को किसके द्वारा किस रूप में उपयोग में लाया जा रहा है, इसकी जानकारी के लिए भी राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी के अलावा ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के दल अलग-अलग स्थानों पर पहुंचने की तैयारी में हैं.

ये तमाम अधिकारी संपत्तियों का मौका पर जाकर मुआयना कर पता लगाएंगे कि फिलहाल संपत्तियों की देखरेख और अधिपत्य किस रूप में, किसके पास है. इसके बाद मौके पर ही स्थानीय प्रशासन और संबंधित क्षेत्रों के कलेक्टरों के सहयोग से संबंधित जमीनों का अधिपत्य लिया जाएगा. सभी संपत्तियों की वीडियोग्राफी होगी और फोटो लेकर जानकारी संकलित की जाएगी, जो बाद में सम्मिलित रूप से खासगी ट्रस्ट को लेकर राज्य सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे ऐप का प्रमुख हिस्सा होगी.

जांच दल ने बनाया जानकारी का फॉर्मेट-

इंदौर संभाग आयुक्त पवन कुमार शर्मा के निर्देश पर खासगी ट्रस्ट की जमीनों के अधिग्रहण से लेकर संपत्तियों की मौजूदा स्थिति को लेकर क्या-क्या जानकारी इकट्ठी करनी है, इसका एक लिखित फॉर्मेट तैयार किया गया है. इस फॉर्मेट के मुताबिक ही संपत्तियों की जानकारी मौके पर जाकर ली जाएगी. जिसमें प्रमुख रुप से संपत्तियों की खसरा खतौनी, भू-अभिलेख में दर्ज होने की स्थिति, संपत्ति का वर्तमान मूल्य, स्थानीय प्रशासन के अनुसार संपत्ति का शासकीय मूल्य, संपत्ति पर मौजूदा कब्जा, संपत्ति का मौजूदा किराया और किराएदार आदि की जानकारी जैसे प्रमुख बिंदु होंगे.

इंदौर। देशभर में फैली अहिल्याबाई होळकर के खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों को अब सार्वजनिक किया जाएगा. राज्य सरकार इन संपत्तियों को संरक्षित करने के लिए एक ऐप बनाने जा रही है. जहां संपत्तियों की मौजूदा स्थिति और उनके दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी, इसके पीछे कोशिश ये है कि भविष्य में संपत्तियों की खरीदी बिक्री पर रोक लगाने के लिए सारी संपत्तियों की जानकारी एक स्थान पर भी संकलित की जा सके, जो आवश्यकता होने पर किसी के भी द्वारा चेक की जा सकती है.

संपत्तियों के संरक्षण के लिए बनेगा ऐप

देश के 28 स्थानों पर 246 से ज्यादा संपत्तियां फिलहाल किस हालत में हैं, ये राज्य सरकार भी नहीं जानती. यही वजह है कि हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अन्य तमाम अधिकारियों के बीच आयोजित बैठक में तय किया गया है कि जल्द से जल्द सभी संपत्तियों का भौतिक सत्यापन कराया जाए. इसके अलावा सभी संपत्तियों से संबंधित पूरी जानकारी संरक्षित की जाए, फिलहाल इन संपत्तियों को किसके द्वारा किस रूप में उपयोग में लाया जा रहा है, इसकी जानकारी के लिए भी राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी के अलावा ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के दल अलग-अलग स्थानों पर पहुंचने की तैयारी में हैं.

ये तमाम अधिकारी संपत्तियों का मौका पर जाकर मुआयना कर पता लगाएंगे कि फिलहाल संपत्तियों की देखरेख और अधिपत्य किस रूप में, किसके पास है. इसके बाद मौके पर ही स्थानीय प्रशासन और संबंधित क्षेत्रों के कलेक्टरों के सहयोग से संबंधित जमीनों का अधिपत्य लिया जाएगा. सभी संपत्तियों की वीडियोग्राफी होगी और फोटो लेकर जानकारी संकलित की जाएगी, जो बाद में सम्मिलित रूप से खासगी ट्रस्ट को लेकर राज्य सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे ऐप का प्रमुख हिस्सा होगी.

जांच दल ने बनाया जानकारी का फॉर्मेट-

इंदौर संभाग आयुक्त पवन कुमार शर्मा के निर्देश पर खासगी ट्रस्ट की जमीनों के अधिग्रहण से लेकर संपत्तियों की मौजूदा स्थिति को लेकर क्या-क्या जानकारी इकट्ठी करनी है, इसका एक लिखित फॉर्मेट तैयार किया गया है. इस फॉर्मेट के मुताबिक ही संपत्तियों की जानकारी मौके पर जाकर ली जाएगी. जिसमें प्रमुख रुप से संपत्तियों की खसरा खतौनी, भू-अभिलेख में दर्ज होने की स्थिति, संपत्ति का वर्तमान मूल्य, स्थानीय प्रशासन के अनुसार संपत्ति का शासकीय मूल्य, संपत्ति पर मौजूदा कब्जा, संपत्ति का मौजूदा किराया और किराएदार आदि की जानकारी जैसे प्रमुख बिंदु होंगे.

Last Updated : Oct 10, 2020, 2:10 PM IST
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