इंदौर। प्रदेश में जल्द पंचायत चुनाव कराने के लिए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. जिसमें कहा गया था कि कोरोना काल में अन्य सभी चुनाव हो रहे हैं, तो एमपी में पंचायत चुनाव क्यों नहीं हो सकते? कोर्ट ने इस मामले में शासन से जवाब मांगा था. लेकिन गुरुवार को पूर्वनिर्धारित समय सीमा बीतने के बाद भी सरकार की तरफ जवाब पेश नहीं किया गया. कोर्ट ने जवाब देने के लिए सरकार को कुछ और वक्त दिया है. अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.
इंदौर खंडपीठ में चुनाव में देरी को लेकर तोलाराम घामड़ नामक के शख्स ने जनहित याचिका दायर की थी. गुरूवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान शासन की तरफ से भले की जवाब पेश ना किया गया हो, पर चुनाव आयोग ने अपना पक्ष रखा है. आयोग ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि पंचायत अब और डिले नहीं होंगे. हम चुनाव कराने के लिए तैयार हैं.
जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस शैलेन्द्र शुक्ला की युगल पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई. सुनवाई में याचिकाकर्ता तोलाराम घामड़ की ओर से एडवोकेट प्रतीक माहेश्वरी ने समय दिए जाने पर विरोध किया.
बता दें जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी, तो बीजेपी ने पंचायत चुनाव कराने की मांग की थी. फिर मार्च में भाजपा की सरकार बनी. अब 11 महीने से अधिक समय गुजर चुका है, अभी तक सरकार ने पंचायत चुनावों की तारीखें घोषित नहीं की हैं. कोरोना संक्रमण के नाम पर पंचायत चुनाव टाले गए हैं. जबकि अधिकांश पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका है.
जनहित याचिका पर पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किए थे. दोनों को 15 दिन में जवाब पेश करना था. सरकार ने जबाव देने के लिए कोर्ट की तरफ और वक्त मिला है.