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अच्छी खबर: आईआईटी इंदौर में बनाया जाएगा ग्लोबल महामारी हब, विभिन्न महामारी पर होंगे शोध - ग्लोबल महामारी हब

आईआईटी इंदौर में ग्लोबल महामारी हब तैयार किया जा रहा है. इसके लिए संस्थान ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. कोरोना महामारी के साथ-साथ आईआईटी इंदौर द्वारा ब्लड कैंसर (Blood Cancer) जैसी बीमारी पर भी काम किया जा रहा है.

IIT Indore
आईआईटी इंदौर
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Published : Nov 10, 2021, 10:34 AM IST

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर (IIT Indore) के परिसर में आने वाले दिनों में ग्लोबल महामारी हब तैयार किया जाएगा, जिसके लिए संस्थान ने तैयारियां भी शुरू कर दीं हैं. आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर निलेश कुमार जैन के अनुसार आईआईटी इंदौर ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान विभिन्न तरह के शोध कार्य किए. इसके साथ ही कोरोना महामारी पर अलग-अलग तरह की जानकारी भी एकत्र की गईं. कोरोना महामारी के साथ-साथ आईआईटी इंदौर द्वारा ब्लड कैंसर (Blood Cancer) जैसी बीमारी पर भी काम किया जा रहा है.

कोरोना महामारी में किये कई शोध.

कई तरह की महामारियों को लेकर किया जाएगा शोध
आईआईटी के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर निलेश कुमार जैन के अनुसार आईआईटी इंदौर ने ग्लोबल महामारी हब (Global pandemic hub) के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ यूनेस्को के साथ व अन्य कई समझौते किए हैं, जिसके आधार पर आईआईटी इंदौर के परिसर में ग्लोबल महामारी हब तैयार किया जाएगा. इसमें सभी तरह की बीमारियों के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी. इसे दूर करने के लिए शोध कार्य भी किया जाएगा. मुख्य तौर पर चिकन गुनिया, ब्लड कैंसर, कोरोना सहित ऐसी कई बीमारियों पर शोध कार्य किया जाएगा, जो बैक्टीरिया से उत्पन्न होती हैं.

कोरोना महामारी पर किया गया शोध
आईआईटी इंदौर में वर्तमान में कोरोना के साथ-साथ ब्लड कैंसर जैसी बीमारी पर भी काम किया जा रहा है. आने वाले दिनों में मलेरिया, चिकनगुनिया सहित अन्य बीमारियों पर भी शोध किया जाएगा. इसमें इनके होने के साथ-साथ इन्हें रोकने के उपाय पर काम किया जाएगा. आईआईटी इंदौर द्वारा वर्तमान में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए भी कई तरह के शोध किये जा रहे हैं.

मध्य प्रदेश कोविड टीकाकरण महाअभियान-5 का आगाज़, आज 23 लाख कोविड टीके लगाने का लक्ष्य

तकनीकी संसाधनों का शोध कार्य में होगा फायदा
ग्लोबल महामारी हब तैयार करने के लिए आईआईटी इंदौर द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, जिसके लिए अलग-अलग एमओयू भी साइन किए जा चुके हैं. आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर निलेश कुमार जैन के अनुसार ग्लोबल महामारी हब में तकनीकी संसाधनों के उपयोग से महामारी के उत्पन्न होने और इसकी रोकथाम के उपाय पर शोध कार्य करने में काफी हद तक की सुविधा होगी. आईआईटी इंदौर ने वर्तमान में प्रोटीन वैक्सीनेशन सहित अन्य चीजों पर कई तरह के शोध कार्य किए हैं. वहीं आने वाले दिनों में महामारी पर शोध कार्यों को जारी रखा जाएगा.

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर (IIT Indore) के परिसर में आने वाले दिनों में ग्लोबल महामारी हब तैयार किया जाएगा, जिसके लिए संस्थान ने तैयारियां भी शुरू कर दीं हैं. आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर निलेश कुमार जैन के अनुसार आईआईटी इंदौर ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान विभिन्न तरह के शोध कार्य किए. इसके साथ ही कोरोना महामारी पर अलग-अलग तरह की जानकारी भी एकत्र की गईं. कोरोना महामारी के साथ-साथ आईआईटी इंदौर द्वारा ब्लड कैंसर (Blood Cancer) जैसी बीमारी पर भी काम किया जा रहा है.

कोरोना महामारी में किये कई शोध.

कई तरह की महामारियों को लेकर किया जाएगा शोध
आईआईटी के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर निलेश कुमार जैन के अनुसार आईआईटी इंदौर ने ग्लोबल महामारी हब (Global pandemic hub) के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ यूनेस्को के साथ व अन्य कई समझौते किए हैं, जिसके आधार पर आईआईटी इंदौर के परिसर में ग्लोबल महामारी हब तैयार किया जाएगा. इसमें सभी तरह की बीमारियों के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी. इसे दूर करने के लिए शोध कार्य भी किया जाएगा. मुख्य तौर पर चिकन गुनिया, ब्लड कैंसर, कोरोना सहित ऐसी कई बीमारियों पर शोध कार्य किया जाएगा, जो बैक्टीरिया से उत्पन्न होती हैं.

कोरोना महामारी पर किया गया शोध
आईआईटी इंदौर में वर्तमान में कोरोना के साथ-साथ ब्लड कैंसर जैसी बीमारी पर भी काम किया जा रहा है. आने वाले दिनों में मलेरिया, चिकनगुनिया सहित अन्य बीमारियों पर भी शोध किया जाएगा. इसमें इनके होने के साथ-साथ इन्हें रोकने के उपाय पर काम किया जाएगा. आईआईटी इंदौर द्वारा वर्तमान में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए भी कई तरह के शोध किये जा रहे हैं.

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तकनीकी संसाधनों का शोध कार्य में होगा फायदा
ग्लोबल महामारी हब तैयार करने के लिए आईआईटी इंदौर द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, जिसके लिए अलग-अलग एमओयू भी साइन किए जा चुके हैं. आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर निलेश कुमार जैन के अनुसार ग्लोबल महामारी हब में तकनीकी संसाधनों के उपयोग से महामारी के उत्पन्न होने और इसकी रोकथाम के उपाय पर शोध कार्य करने में काफी हद तक की सुविधा होगी. आईआईटी इंदौर ने वर्तमान में प्रोटीन वैक्सीनेशन सहित अन्य चीजों पर कई तरह के शोध कार्य किए हैं. वहीं आने वाले दिनों में महामारी पर शोध कार्यों को जारी रखा जाएगा.

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