इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर के वक्त अस्पतालों में ऑक्सीजन की मारामारी थी. स्थिति को देखते हुए गरीब और छोटे गैस-वेल्डिंग करने वाले व्यापारियों ने अपने ऑक्सीजन सिलेंडर नगर-निगम को सौंपे थे, ताकि लोगों की मदद हो सके. अब जिले में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पा लिया गया है, लेकिन इसके बाद भी व्यापारियों को उनके सिलेंडर वापिस नहीं किए गए हैं. गैस-वेल्डिंग करने वाले निगम के चक्कर काटने को मजबूर हैं. उनके सामने आर्थिक संकट भी मंडराने लगा है.
दुकान नहीं खोल पा रहे कर्मचारी
जिले में ऑक्सीजन की कमी होने पर इंदौर नगर निगम ने एक अभियान शुरू किया था. जिसके तहत सभी गैस-वेल्डिंग करने वालों से उनके ऑक्सीजन सिलेंडर लिए गए थे. प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि स्थिति सामान्य होने के बाद यह ऑक्सीजन सिलेंडर लौटा दिए जाएंगे. अब जिले में स्थिति काफी बेहतर हो गई है. अस्पतालों में इक्का-दुक्का मरीज ही बचे हैं, लेकिन प्रशासन ने ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं लौटाए. जिस वजह से गेस-वेल्डिंग करने वाले दुकान नहीं खोल पा रहे हैं.
नगर-निगम के काट रहे चक्कर
अपने ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए कर्मचारी काफी दिनों से नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं. दूसरी तरफ निगम अधिकारी कामगारों को आज कल का बोलकर टाल रहे हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने की वजह से अब गैस-वेल्डिंग करने वाले कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट मंडराने लगा है. इधर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल का कहना है कि सिलेंडर देने की प्रकिया शुरू की जा चुकी है, धीरे धीरे सभी खाली सिलेंडर लौटाए जा रहे हैं.