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कोरोना संक्रमित की मौत पर परिजनों का हंगामा, अस्पताल प्रबंधन पर लगाए आरोप

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Published : May 2, 2021, 4:32 PM IST

कोरोना काल में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण लगातार मरीजों की मौत हो रही है. इस क्रम में ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल और एप्पल हॉस्पिटल की लापरवाही के चलते मरीजों की हुई मौत पर परिजनों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

थाना पलासिया
थाना पलासिया

इंदौर। कोरोना काल में अस्पताल प्रबंधक की लापरवाही के कारण लगातार मरीजों की मौत हो रही है. इस क्रम में ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में भी एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाए. साथ ही जमकर हंगामा भी किया. फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझा कर शांत किया.

ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल का है मामला

दरअसल, पलासिया थाने से कुछ मीटर की दूरी पर ही ग्रेटर कैलाश नर्सिंग होम में एक कोरोना मरीज की मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि लापरवाह डाक्टरों पर कार्रवाई करने की बजाय उनसे थाने में माफीनामा लिखवाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि बकाया पैसे वसूलने के लिए शव को रोक लिया गया.

क्या था मामला

बता दें कि चित्रवाद की रहने वाली एक महिला की ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर मौत का कारण अटैक बता रहे हैं. इससे पहले मृतक को 19 अप्रैल को संक्रमित होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके फेफड़ों में करीब 80% संक्रमण था. परिजनों ने बताया कि उनकी हालत में सुधार भी हो रहा था. जिसके चलते उम्मीद बढ़ रही थी. इलाज के लिए पहले ही अस्पताल में तीन लाख जमा करवा दिए गए थे. मौत से 2 दिन पहले मृतक ने वीडियो कॉल कर बेटी और बेटे और अन्य से कहा था कि यहां से ले चलो कोई डॉक्टर जांच करने नहीं आता.

मौत से पहले मरीज ने की थी शिकायत

मरीज ने बात के दौरान आरोप लगाते हुए कहा कि पानी के लिए यहां लोग तरस रहे हैं, जब पानी मांगती हूं 2 घंटे बाद लाकर देते हैं. परिजनों ने बताया कि मृतक की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी. मौत से 1 दिन पहले ही हॉस्पिटल वालों ने कहा कि इनकी हालत में सुधार हो रहा है. फिर अचानक अटैक कैसे आ सकता है. डॉक्टरों की लापरवाही से जान गई है. परिजनों का आरोप है कि दो अन्य मरीजों की अटैक से मौत हुई है. उनके इलाज में भी लापरवाही हुई है. इसी बात को लेकर परिजनों ने हंगामा किया और जमकर डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप भी लगाए.

अस्पताल ने शव देने के लिए मांगे पैसे

इसके बाद सूचना मिलते ही पलासिया पुलिस मौके पर पहुंची गई. पुलिस ने मरीज के परिजनों को हटाने के साथ ही अस्पताल पर कार्रवाई करने की बात भी कही. परिजन जब हॉस्पिटल पहुंचे, तो हॉस्पिटल प्रबंधक ने उनके मरीज का शव रख लिया और डेढ़ लाख रुपए की मांग करने लगे. इसके बाद एक बार फिर हंगामा होने लगा. इस बार भी पुलिस ने लोगों को समझाकर उन्हें वहां से रवाना कर दिया.


सीएम शिवराज से मदद मांगने वाले कोरोना संक्रमित युवक ने तोड़ा दम

हॉस्पिटलों में जारी है लापरवाही का सिलसिला

बता दें कि अलग-अलग हॉस्पिटल में लगातार लापरवाही जारी है. इससे पहले भवरकुआं थाना क्षेत्र स्थित एप्पल हॉस्पिटल में भी लापरवाही के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई. दरअसल, यहां हॉस्पिटलों में जमकर मरीजों के परिजनों से पैसे लिए जा रहे हैं. पिछले दिनों जब गृह मंत्री इंदौर दौरे पर आए थे. उस समय भी इंदौर के निजी हॉस्पिटल में जो लूट मची हुई है उसको लेकर सवाल किए गए थे, लेकिन उस समय भी गृह मंत्री ने कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन उसके बाद किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है.

इंदौर। कोरोना काल में अस्पताल प्रबंधक की लापरवाही के कारण लगातार मरीजों की मौत हो रही है. इस क्रम में ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में भी एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाए. साथ ही जमकर हंगामा भी किया. फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझा कर शांत किया.

ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल का है मामला

दरअसल, पलासिया थाने से कुछ मीटर की दूरी पर ही ग्रेटर कैलाश नर्सिंग होम में एक कोरोना मरीज की मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि लापरवाह डाक्टरों पर कार्रवाई करने की बजाय उनसे थाने में माफीनामा लिखवाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि बकाया पैसे वसूलने के लिए शव को रोक लिया गया.

क्या था मामला

बता दें कि चित्रवाद की रहने वाली एक महिला की ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर मौत का कारण अटैक बता रहे हैं. इससे पहले मृतक को 19 अप्रैल को संक्रमित होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके फेफड़ों में करीब 80% संक्रमण था. परिजनों ने बताया कि उनकी हालत में सुधार भी हो रहा था. जिसके चलते उम्मीद बढ़ रही थी. इलाज के लिए पहले ही अस्पताल में तीन लाख जमा करवा दिए गए थे. मौत से 2 दिन पहले मृतक ने वीडियो कॉल कर बेटी और बेटे और अन्य से कहा था कि यहां से ले चलो कोई डॉक्टर जांच करने नहीं आता.

मौत से पहले मरीज ने की थी शिकायत

मरीज ने बात के दौरान आरोप लगाते हुए कहा कि पानी के लिए यहां लोग तरस रहे हैं, जब पानी मांगती हूं 2 घंटे बाद लाकर देते हैं. परिजनों ने बताया कि मृतक की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी. मौत से 1 दिन पहले ही हॉस्पिटल वालों ने कहा कि इनकी हालत में सुधार हो रहा है. फिर अचानक अटैक कैसे आ सकता है. डॉक्टरों की लापरवाही से जान गई है. परिजनों का आरोप है कि दो अन्य मरीजों की अटैक से मौत हुई है. उनके इलाज में भी लापरवाही हुई है. इसी बात को लेकर परिजनों ने हंगामा किया और जमकर डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप भी लगाए.

अस्पताल ने शव देने के लिए मांगे पैसे

इसके बाद सूचना मिलते ही पलासिया पुलिस मौके पर पहुंची गई. पुलिस ने मरीज के परिजनों को हटाने के साथ ही अस्पताल पर कार्रवाई करने की बात भी कही. परिजन जब हॉस्पिटल पहुंचे, तो हॉस्पिटल प्रबंधक ने उनके मरीज का शव रख लिया और डेढ़ लाख रुपए की मांग करने लगे. इसके बाद एक बार फिर हंगामा होने लगा. इस बार भी पुलिस ने लोगों को समझाकर उन्हें वहां से रवाना कर दिया.


सीएम शिवराज से मदद मांगने वाले कोरोना संक्रमित युवक ने तोड़ा दम

हॉस्पिटलों में जारी है लापरवाही का सिलसिला

बता दें कि अलग-अलग हॉस्पिटल में लगातार लापरवाही जारी है. इससे पहले भवरकुआं थाना क्षेत्र स्थित एप्पल हॉस्पिटल में भी लापरवाही के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई. दरअसल, यहां हॉस्पिटलों में जमकर मरीजों के परिजनों से पैसे लिए जा रहे हैं. पिछले दिनों जब गृह मंत्री इंदौर दौरे पर आए थे. उस समय भी इंदौर के निजी हॉस्पिटल में जो लूट मची हुई है उसको लेकर सवाल किए गए थे, लेकिन उस समय भी गृह मंत्री ने कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन उसके बाद किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है.

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