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Face To Face with VC Renu Jain: DAV को ए प्लस प्लस ग्रेड बनाने की तैयारी, ऑफलाइन परीक्षा की तैयारी पूरी

ईटीवी भारत से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन ने बातचीत की. उन्होंने ऑफलाइन परीक्षाओं की तारीख से लेकर, विश्वविद्यालय को ए प्लस प्लस ग्रेड बनाने की व्यापक तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया.

doctor Renu Jain interview
डॉक्टर रेणु जैन इंटरव्यू
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Published : Feb 5, 2022, 9:28 AM IST

Updated : Feb 5, 2022, 8:21 PM IST

इंदौर। पिछले 2 सालों से कोरोना संक्रमण के बाद अब मध्यप्रदेश में कॉलेजों में परीक्षाएं होने जा रही हैं. परीक्षाओं का स्वरूप कैसा रहेगा एवं इसे लेकर क्या तैयारियां की गई हैं, साथ ही प्रदेश के तमाम कॉलेजों में परीक्षा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कैसे होगा, विश्वविद्यालय स्तर पर क्या तैयारियां की जा रही हैं, परीक्षार्थियों के लिए rt-pcr जांच अनिवार्य है या नहीं, इन तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने प्रदेश की ए ग्रेड और छात्र संख्या के लिहाज से सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya Vishwavidyalaya) की कुलपति डॉ. रेणु जैन से बातचीत की. (Dr Renu Jain interview)

कुलपति डॉ. रेणु जैन इंटरव्यू

सवाल: ऑफलाइन परीक्षाएं 2 साल बाद हो रही हैं, इसे लेकर किस तरह की तैयारियां हैं और कोरोना संक्रमण के चलते ये कितना चुनौतीपूर्ण है?

जवाब: फिलहाल कोरोना समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन तमाम चुनौतियों के बावजूद ऑफलाइन परीक्षाएं 25 मार्च से शुरू होंगी. हालांकि अभी सेमेस्टर परीक्षाएं ऑफलाइन ली थी, वार्षिक परीक्षाओं को भी सफलतापूर्वक करवाया जाएगा.

सवाल: कितने छात्र परीक्षा में बैठ रहे हैं ?

जवाब: फिलहाल विश्वविद्यालय के 12000 से ज्यादा छात्र परीक्षा देंगे, इसके अलावा विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के करीब ढाई लाख से ज्यादा छात्र इस बार परीक्षा में बैठेंगे.

सवाल: उच्च शिक्षा विभाग ने परीक्षार्थियों के लिए rt-pcr जांच अनिवार्य की है ?

जवाब: फिलहाल आरटी पीसीआर जांच आवश्यक नहीं रहेगी, इसके स्थान पर वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट परीक्षा हॉल के बाहर देखे जाएंगे, साथ ही छात्रों का टेंप्रेचर भी लिया जाएगा. हालांकि 25 मार्च तक कोरोना संक्रमण कम हो सकता है और उस समय परिस्थिति अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

सवाल: ए ग्रेड यूनिवर्सिटी के विकास के लिए आगे क्या रणनीति है?

जवाब: प्रदेश की पहली ए ग्रेड यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय है, अब इसे ए प्लस ग्रेड बनाने की व्यापक तैयारियां हो रही हैं, शासन स्तर पर भी इसके लिए मदद दी जा रही है. 2024 में इसके लिए डाटा भरने के बाद उम्मीद की जा रही है कि यह प्रदेश की पहली ए प्लस प्लस यूनिवर्सिटी होगी, जिनकी संख्या फिलहाल देश में 50 ही है.

सवाल: ए प्लस प्लस ग्रेड से शैक्षणिक स्तर पर क्या लाभ होगा?

जवाब: डीएवीवी शिक्षा गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, इसका प्रमाण वे तमाम पूर्व-छात्र हैं जो बहुत अच्छी जगह पदस्थ हैं. इस साल भी हमारा पैकेज 53 लाख तक गया है. यह एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है जहां पड़ने वाले सभी छात्रों के लिए जॉब ऑफर होता है. कुछ बच्चों को दो-दो, तीन—तीन ऑफर भी मिलते हैं

सवाल: कोरोना के दौर में देशभर में बेरोजगारी बढ़ी है ऐसे में रोजगार आधारित किस तरह के कोर्स शुरू किए जा रहे हैं?

जवाब: फिलहाल स्किल डेवलपमेंट के कई प्रोग्राम संचालित किए जा रहे हैं सभी विषयों से संबंधित कोर्स शुरू भी हुए हैं. टैली जैसे कोर्स और काउंसलिंग के जरिए अब रोजगार आधारित तमाम प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं.

सवाल: क्या डीएवीवी सामाजिक और स्वास्थ आधारित गतिविधियों के लिए भी सक्रिय है?

जवाब: हमने इस साल 8 गांव को गोद लिया है जिनमें सिकल सेल एनीमिया रोकने के लिए तैयारियां चल रही हैं. इसके लिए एक प्रोजेक्ट भी लिख रहे हैं. यह सभी गांव आदिवासी अंचल में है, जहां यह बीमारी के नियंत्रण के लिए प्रयास होंगे. इसके अलावा एक अन्य गांव में स्वास्थ्य जागरूकता एवं हेल्थ शिविर भी लगाए जाने की तैयारी की गई है.

अब एमपी के स्कूलों में लगेगी 'हैप्पीनेस की क्लास' 9-12वीं के छात्रों को पढ़ाया जाएगा जीवन में आनंद का महत्व

सवाल: डीएवीवी ग्रीन यूनिवर्सिटी के रूप में भी जाना जाता है इसे कैसे अपग्रेड करेंगे?

जवाब: इसके लिए हमने नगर निगम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से एमओयू साइन किया है. अब इस विद्यालय में जल्द ही कार्बन क्रेडिट अर्न किया जाएगा वहीं व्यस्त और इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट के निपटान के लिए भी प्रोजेक्ट बन रहा है.

सवाल: अपने अन्य विश्वविद्यालयों में भी कुलपति के रूप में कार्य किया है यहां किस तरह का माहौल है?

जवाब: यहां सभी लोग मिलकर काम करते हैं. अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में यहां फैकल्टी ज्यादा है, इसलिए ज्यादा कार्य होता है. इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर ज्यादा हैं. अब हम स्टार्टअप के लिए भी काम करना शुरू कर रहे हैं, इसलिए रिसर्च और अन्य शैक्षणिक कार्य यहां ज्यादा होते हैं.

सवाल: आप के कुलपति रहते क्या ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वविद्यालय के लिए रहे हैं?

जवाब: डीएवीवी ए प्लस प्लस और एनआईआरएफ रैंकिंग में पहले नंबर पर आए यही मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसके अलावा यूजीसी ने विश्वविद्यालय को डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी अवसर दिया है. हमारी कोशिश यही है कि संस्कार आधारित शिक्षा एवं छात्रों में एथिकल वैल्यू दिखाई दे तभी शिक्षा का वास्तविक महत्व है. इसके अलावा नई शिक्षा नीति लागू करना हमारी प्राथमिकता है.

इंदौर। पिछले 2 सालों से कोरोना संक्रमण के बाद अब मध्यप्रदेश में कॉलेजों में परीक्षाएं होने जा रही हैं. परीक्षाओं का स्वरूप कैसा रहेगा एवं इसे लेकर क्या तैयारियां की गई हैं, साथ ही प्रदेश के तमाम कॉलेजों में परीक्षा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कैसे होगा, विश्वविद्यालय स्तर पर क्या तैयारियां की जा रही हैं, परीक्षार्थियों के लिए rt-pcr जांच अनिवार्य है या नहीं, इन तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने प्रदेश की ए ग्रेड और छात्र संख्या के लिहाज से सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya Vishwavidyalaya) की कुलपति डॉ. रेणु जैन से बातचीत की. (Dr Renu Jain interview)

कुलपति डॉ. रेणु जैन इंटरव्यू

सवाल: ऑफलाइन परीक्षाएं 2 साल बाद हो रही हैं, इसे लेकर किस तरह की तैयारियां हैं और कोरोना संक्रमण के चलते ये कितना चुनौतीपूर्ण है?

जवाब: फिलहाल कोरोना समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन तमाम चुनौतियों के बावजूद ऑफलाइन परीक्षाएं 25 मार्च से शुरू होंगी. हालांकि अभी सेमेस्टर परीक्षाएं ऑफलाइन ली थी, वार्षिक परीक्षाओं को भी सफलतापूर्वक करवाया जाएगा.

सवाल: कितने छात्र परीक्षा में बैठ रहे हैं ?

जवाब: फिलहाल विश्वविद्यालय के 12000 से ज्यादा छात्र परीक्षा देंगे, इसके अलावा विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के करीब ढाई लाख से ज्यादा छात्र इस बार परीक्षा में बैठेंगे.

सवाल: उच्च शिक्षा विभाग ने परीक्षार्थियों के लिए rt-pcr जांच अनिवार्य की है ?

जवाब: फिलहाल आरटी पीसीआर जांच आवश्यक नहीं रहेगी, इसके स्थान पर वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट परीक्षा हॉल के बाहर देखे जाएंगे, साथ ही छात्रों का टेंप्रेचर भी लिया जाएगा. हालांकि 25 मार्च तक कोरोना संक्रमण कम हो सकता है और उस समय परिस्थिति अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

सवाल: ए ग्रेड यूनिवर्सिटी के विकास के लिए आगे क्या रणनीति है?

जवाब: प्रदेश की पहली ए ग्रेड यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय है, अब इसे ए प्लस ग्रेड बनाने की व्यापक तैयारियां हो रही हैं, शासन स्तर पर भी इसके लिए मदद दी जा रही है. 2024 में इसके लिए डाटा भरने के बाद उम्मीद की जा रही है कि यह प्रदेश की पहली ए प्लस प्लस यूनिवर्सिटी होगी, जिनकी संख्या फिलहाल देश में 50 ही है.

सवाल: ए प्लस प्लस ग्रेड से शैक्षणिक स्तर पर क्या लाभ होगा?

जवाब: डीएवीवी शिक्षा गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, इसका प्रमाण वे तमाम पूर्व-छात्र हैं जो बहुत अच्छी जगह पदस्थ हैं. इस साल भी हमारा पैकेज 53 लाख तक गया है. यह एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है जहां पड़ने वाले सभी छात्रों के लिए जॉब ऑफर होता है. कुछ बच्चों को दो-दो, तीन—तीन ऑफर भी मिलते हैं

सवाल: कोरोना के दौर में देशभर में बेरोजगारी बढ़ी है ऐसे में रोजगार आधारित किस तरह के कोर्स शुरू किए जा रहे हैं?

जवाब: फिलहाल स्किल डेवलपमेंट के कई प्रोग्राम संचालित किए जा रहे हैं सभी विषयों से संबंधित कोर्स शुरू भी हुए हैं. टैली जैसे कोर्स और काउंसलिंग के जरिए अब रोजगार आधारित तमाम प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं.

सवाल: क्या डीएवीवी सामाजिक और स्वास्थ आधारित गतिविधियों के लिए भी सक्रिय है?

जवाब: हमने इस साल 8 गांव को गोद लिया है जिनमें सिकल सेल एनीमिया रोकने के लिए तैयारियां चल रही हैं. इसके लिए एक प्रोजेक्ट भी लिख रहे हैं. यह सभी गांव आदिवासी अंचल में है, जहां यह बीमारी के नियंत्रण के लिए प्रयास होंगे. इसके अलावा एक अन्य गांव में स्वास्थ्य जागरूकता एवं हेल्थ शिविर भी लगाए जाने की तैयारी की गई है.

अब एमपी के स्कूलों में लगेगी 'हैप्पीनेस की क्लास' 9-12वीं के छात्रों को पढ़ाया जाएगा जीवन में आनंद का महत्व

सवाल: डीएवीवी ग्रीन यूनिवर्सिटी के रूप में भी जाना जाता है इसे कैसे अपग्रेड करेंगे?

जवाब: इसके लिए हमने नगर निगम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से एमओयू साइन किया है. अब इस विद्यालय में जल्द ही कार्बन क्रेडिट अर्न किया जाएगा वहीं व्यस्त और इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट के निपटान के लिए भी प्रोजेक्ट बन रहा है.

सवाल: अपने अन्य विश्वविद्यालयों में भी कुलपति के रूप में कार्य किया है यहां किस तरह का माहौल है?

जवाब: यहां सभी लोग मिलकर काम करते हैं. अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में यहां फैकल्टी ज्यादा है, इसलिए ज्यादा कार्य होता है. इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर ज्यादा हैं. अब हम स्टार्टअप के लिए भी काम करना शुरू कर रहे हैं, इसलिए रिसर्च और अन्य शैक्षणिक कार्य यहां ज्यादा होते हैं.

सवाल: आप के कुलपति रहते क्या ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वविद्यालय के लिए रहे हैं?

जवाब: डीएवीवी ए प्लस प्लस और एनआईआरएफ रैंकिंग में पहले नंबर पर आए यही मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसके अलावा यूजीसी ने विश्वविद्यालय को डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी अवसर दिया है. हमारी कोशिश यही है कि संस्कार आधारित शिक्षा एवं छात्रों में एथिकल वैल्यू दिखाई दे तभी शिक्षा का वास्तविक महत्व है. इसके अलावा नई शिक्षा नीति लागू करना हमारी प्राथमिकता है.

Last Updated : Feb 5, 2022, 8:21 PM IST
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