इंदौर। जिनका अपना परिवार नहीं, खुद का घर भी नहीं, वो दूसरों का घर उजड़ने से बचा रहे हैं, परिवारों को टूटने से बचा रहे हैं. जिन्हें समाज तिरछी नजर से देखता है, वही इस समाज का नजरिया बदलने की जद्दोजहद कर रहे हैं, ताकि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को रोका जा सके. इंदौर पुलिस की इस पहल से किन्नर खुश हैं और पूरी शिद्दत से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. अब ये किन्नर विजयनगर और खजराना थाने की ऊर्जा डेस्क के अलावा स्कूल-कॉलेज में छात्राओं-बच्चियों को गुड टच-बैड टच के साथ ही कानूनी प्रक्रिया की भी जानकारी दे रही हैं.
किन्नर संध्या बताती हैं कि वे इस पहल के साथ जुड़कर लोगों के पारिवारिक झगड़ों को सुलझाती हैं, जहां वे पति-पत्नी की अलग-अलग काउंसलिंग करती हैं, ऐसे में फरियादी कोई बात बताने में हिचकिचाते नहीं हैं.
इंदौर पुलिस की ये पहल इतनी कारगर है कि इस पर ऑक्सफोर्ड और एमआईटी जैसी विश्व प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी के स्कॉलर भी रिसर्च कर रहे हैं. ऊर्जा डेस्क के तहत शक्ति समितियां बनाई गईं हैं. जिसका उद्देश्य प्रशासनिक कामों में नागरिकों की भागीदारी है, ताकि ये समितियां पुलिस और पब्लिक के बीच पुल का काम करें.
इंदौर पुलिस की ये पहल काबिले तारीफ है, जिसमें किन्नरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा भी जा रहा है और टूटते परिवारों को बचाया भी जा रहा है. जरूरी है किन्नरों को समाज में सम्मान दिलाने के लिए ऐसे और भी कामों में शामिल किया जाए.