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टैक्सी संचालन 'लॉक' मीटर 'डाउन', दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद - प्राइवेट टैक्सी संघ

इंदौर में कोरोना कर्फ्यू की वजह से टैक्सी चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लंबे समय से गाड़ी के पहिए थमे हुए हैं. जिस वजह से अब उनके सामने आर्थिक संकट मंडराने लगा है. टैक्सी चालकों ने सरकार से टैक्सी चलाने की छूट मांगी है.

drivers upset due to closure of taxicab operations in indore
टैक्सी संचालन 'लॉक' मीटर 'डाउन'
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Published : May 13, 2021, 10:46 PM IST

इंदौर। मिनी मुंबई कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में इस समय सबकुछ ठहरा हुआ है. मुंबई की तरह रफ्तार से दौड़ने वाली मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी में इस समय पहिए थमे हुए हैं. दरअसल कोरोना महामारी के कारण शहर में लॉकडाउन लगा हुआ है. जिस वजह से लोक परिवहन के उपयोग में आने वाली निजी टेक्सी और बसों को बंद कर दिया गया है. केवल इमरजेंसी में ही टैक्सी चलाने की अनुमति है. ऐसे में टैक्सी संचालकों का कहना है कि वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. जिसको लेकर उन्होंने सरकार से टैक्सी चलाने देने की मांग की है.

टैक्सी संचालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट

शहर में 1500 टैक्सी, चल रहीं सिर्फ 50

शहर के टैक्सी संचालकों के अनुसार इंदौर में करीब 1500 से ज्यादा निजी टैक्सियों का संचालन होता है. लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण फिलहाल इन सभी के संचालन पर रोक है. मौजूदा हालातों में सिर्फ 50 के लगभग ही टैक्सियां शहर में चलाई जा रही हैं. जो सिर्फ इमरजेंसी सेवा में ही लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही हैं. ऐसे में जो बाकि बचे हुए टैक्सी संचालक हैं उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई लोग आर्थिक संकट से भी जूझ रहे हैं.

दो हजार परिवार प्रभावित

प्राइवेट टैक्सी संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक, शहर में लंबे समय से टैक्सी के पहिए थमे हुए हैं. जिस वजह से अब टैक्सी मालिकों और चालकों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. टैक्सी संघ ने बताया कि टैक्सी संचालन बंद होने से शहर के करीब दो हजार परिवार प्रभावित हैं. कई लोग तो अब टैक्सी व्यवसाय छोड़ दूसरे काम करने को मजबूर हैं. टैक्सी मालिकों ने बताया कि वर्तमान में भले ही टैक्सियों का संचालन बंद हो. लेकिन टैक्सियों की किस्त, बीमा और अन्य खर्च जारी हैं. उन्हें समय पर इसका भुगतान करना पड़ता है. लिहाजा उनपर दोहरी मार पड़ रही है.

drivers upset due to closure of taxicab operations in indore
कोरोना की वजह से लंबे समय से बंद है टैक्सी

थम गए पहिए: कुछ बसें हो रही संचालित, वसूल रहे दोगुना किराया

टैक्सी संचालकों ने सरकार से मांगी मदद

फिलहाल टैक्सी संचालकों को इमरजेंसी के वक्त टैक्सी चलाने की इजाजत है. जिस वजह से उनका कहना है कि वह मुनाफा नहीं निकाल पाते हैं. ऐसे में अपनी परेशानी को बताते हुए टैक्सी संचालकों ने सरकार से परमिशन मांगी है कि वह इमरजेंसी सेवा के अलावा भी टैक्सी चला सकें.

इंदौर। मिनी मुंबई कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में इस समय सबकुछ ठहरा हुआ है. मुंबई की तरह रफ्तार से दौड़ने वाली मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी में इस समय पहिए थमे हुए हैं. दरअसल कोरोना महामारी के कारण शहर में लॉकडाउन लगा हुआ है. जिस वजह से लोक परिवहन के उपयोग में आने वाली निजी टेक्सी और बसों को बंद कर दिया गया है. केवल इमरजेंसी में ही टैक्सी चलाने की अनुमति है. ऐसे में टैक्सी संचालकों का कहना है कि वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. जिसको लेकर उन्होंने सरकार से टैक्सी चलाने देने की मांग की है.

टैक्सी संचालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट

शहर में 1500 टैक्सी, चल रहीं सिर्फ 50

शहर के टैक्सी संचालकों के अनुसार इंदौर में करीब 1500 से ज्यादा निजी टैक्सियों का संचालन होता है. लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण फिलहाल इन सभी के संचालन पर रोक है. मौजूदा हालातों में सिर्फ 50 के लगभग ही टैक्सियां शहर में चलाई जा रही हैं. जो सिर्फ इमरजेंसी सेवा में ही लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही हैं. ऐसे में जो बाकि बचे हुए टैक्सी संचालक हैं उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई लोग आर्थिक संकट से भी जूझ रहे हैं.

दो हजार परिवार प्रभावित

प्राइवेट टैक्सी संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक, शहर में लंबे समय से टैक्सी के पहिए थमे हुए हैं. जिस वजह से अब टैक्सी मालिकों और चालकों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. टैक्सी संघ ने बताया कि टैक्सी संचालन बंद होने से शहर के करीब दो हजार परिवार प्रभावित हैं. कई लोग तो अब टैक्सी व्यवसाय छोड़ दूसरे काम करने को मजबूर हैं. टैक्सी मालिकों ने बताया कि वर्तमान में भले ही टैक्सियों का संचालन बंद हो. लेकिन टैक्सियों की किस्त, बीमा और अन्य खर्च जारी हैं. उन्हें समय पर इसका भुगतान करना पड़ता है. लिहाजा उनपर दोहरी मार पड़ रही है.

drivers upset due to closure of taxicab operations in indore
कोरोना की वजह से लंबे समय से बंद है टैक्सी

थम गए पहिए: कुछ बसें हो रही संचालित, वसूल रहे दोगुना किराया

टैक्सी संचालकों ने सरकार से मांगी मदद

फिलहाल टैक्सी संचालकों को इमरजेंसी के वक्त टैक्सी चलाने की इजाजत है. जिस वजह से उनका कहना है कि वह मुनाफा नहीं निकाल पाते हैं. ऐसे में अपनी परेशानी को बताते हुए टैक्सी संचालकों ने सरकार से परमिशन मांगी है कि वह इमरजेंसी सेवा के अलावा भी टैक्सी चला सकें.

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