इंदौर। सिंबायोसिस इंस्टीटयूट ऑफ साइंस के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल लालजी टंडन मौजूद रहे. लालजी टंडन ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में डिजिटल शिक्षा सदियों से है, लालजी टंडन ने कहा सदियों से भारत की प्राचीन शिक्षा की बदौलत ही देश विश्व गुरु कहलाता रहा है, लेकिन अंग्रेजों के जमाने में हमें ऐसा सिस्टम मिला, जिसके चलते हमारी पीढ़ियां सिर्फ नौकर और बाबू बन कर रह गई.
आधुनिक दौर में नए-नए शिक्षा के केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनका ये दायित्व बनता है कि वो समाज के लिए ऐसे युवा तैयार करें, जो भारत के शिल्पकार साबित हो सकें. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि, आज के युवाओं को डिग्री आधारित शिक्षा नहीं बल्कि अपनी रुचि, ज्ञान और अपने भविष्य के अनुरूप शिक्षा का चयन करना चाहिए.
इस मौके पर सिंबायोसिस यूनिवर्सिटी पुणे के प्रबंधन के अलावा इंदौर कैंपस के तमाम शिक्षाविद और शहर के प्रबुद्ध नागरिक और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति रेणु जैन आदि उपस्थित रहे.