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कमलनाथ को स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाने का मामला: सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस

चुनाव आयोग ने कमलनाथ को स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटा दिया है. कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने कहा है कि वो इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

Rajya Sabha MP Vivek Tankha
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा
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Published : Oct 31, 2020, 12:37 PM IST

इंदौर। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इलेक्शन कमीशन के द्वारा कमलनाथ को स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने पर सवाल खड़े किए हैं. विवेक तन्खा ने कहा कि इस मामले को लेकर वो सुप्रीम कोर्ट में जा रहे हैं और फ्रीडम आफ स्पीच और एक्सप्रेशन को लेकर मुद्दे रखेंगे. विवेक तन्खा के मुताबिक स्टार प्रचारक कौन होगा, ये पार्टी तय करती है और इलेक्शन कमिशन उसमें निर्णय नहीं ले सकता है. साथ ही इस पिटीशन में ये भी लिखा गया है, कि बीजेपी के नेता ने कौन-कौन सी बातें कहीं हैं, और उस पर इलेक्शन कमीशन ने क्या कार्रवाई की है.

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा

विवेक तन्खा के मुताबिक इमारती देवी की शिकायत पर 48 घंटे का नोटिस दिया गया था, और उस पर कमलनाथ ने जवाब भी दिया था, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया, लेकिन उसके बाद कमलनाथ को सीधे सूची से हटा दिया गया, विवेक तन्खा ने कहा है कि कमलनाथ स्टार प्रचारक ही नहीं बल्कि चुनाव को लीड भी कर रहे हैं और जो ऑर्डर दिया गया है, वो बीजेपी की बौखलाहट का प्रतीक है.

कांग्रेस के स्टार प्रचारक की सूची से हटा कमलनाथ का नाम

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का इलेक्शन कमिशन की तरफ से स्टार प्रचारकों की लिस्ट से नाम हटा दिया गया है. शुरुआती तौर पर बताया जा रहा था कि इमरती देवी पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद ये कार्रवाई की गई है, लेकिन कांग्रेस के नेता विवेक तन्खा ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि इमरती देवी को दिए गए बयान पर कमलनाथ अपना जवाब भी दे चुके थे, और निर्वाचन आयोग भी उसे मान चुका था. ये पूरी कार्रवाई पहले किसी सभा में अधिकारियों को लेकर दिए गए बयानों के आधार पर की गई है. जिसे लेकर कमलनाथ को नोटिस जारी नहीं किया गया था, जबकि इस बयान के बाद खुद इलेक्शन कमिशन कमलनाथ के बयानों को लेकर नसीहत जारी कर चुका था. कांग्रेस ने इस पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जब बयानों को लेकर चुनाव आयोग ने नसीहत दे डाली थी तो उसके बाद कार्रवाई करने का सवाल ही नहीं उठता है.

इलेक्शन कमीशन पर बनाया जा रहा दबाव: कांग्रेस

प्रदेश में हो रहे चुनाव में कांग्रेस इलेक्शन कमिशन पर दबाव के आरोप लगा रही है. विवेक तन्खा ने मीडिया से बातचीत में इस बात का भी जवाब दिया और कहा कि इलेक्शन कमिशन को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट को गाइडलाइन देना चाहिए. जिससे कि चुनाव कैसे हो ये पता चल सके. विवेक तन्खा के मुताबिक चुनाव एक फेस्टिवल है और उसमें आरोप और प्रत्यारोप की बातें तो होती रहती हैं. तन्खा के मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशी को भी रोज थाने से नोटिस जा रहे हैं. इसे लेकर भी विवेक तन्खा और कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने इंदौर में चुनाव पर्यवेक्षक से मुलाकात की है.

विवेक तन्खा और कपिल सिब्बल अब सुप्रीम कोर्ट में कमलनाथ की तरफ से इस पूरे मामले पर पैरवी करेंगे. कमलनाथ का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे. विवेक तन्खा के मुताबिक इस मामले पर जल्द ही सुनवाई हो, इसके लिए भी वकीलों की तरफ से बात की जाएगी.

कमलनाथ के खिलाफ क्यों हुई कार्रवाई

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार अंतिम दौर में चल रहा है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है. आयोग ने गुरुवार को यह फैसला कमलनाथ द्वारा आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के चलते लिया.

चुनाव आयोग ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान महिला के लिए आइटम शब्द का इस्तेमाल किया था जो कि आचार संहिता के खिलाफ है. इसके साथ ही चुनाव आयोग का कहना है कि अब अगर कमलनाथ ने एक भी प्रचार कार्यक्रम में हिस्सा लिया, तो पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार प्रसार आयोजित किया जा रहा है.

बता दें चुनाव आयोग के द्वारा पूर्व सीएम को पहले भी हिदायत दी जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी कमलनाथ अपने चुनावी प्रचार में लगातार गलत भाषा का उपयोग करते रहे हैं. चुनाव आयोग के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है और इस फैसले को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. जिस चुनाव आयोग की पूरी दुनिया में प्रशंसा होती थी, आज उसकी तटस्थता ब्लैक बॉक्स में खड़ी हुई है.

इंदौर। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इलेक्शन कमीशन के द्वारा कमलनाथ को स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने पर सवाल खड़े किए हैं. विवेक तन्खा ने कहा कि इस मामले को लेकर वो सुप्रीम कोर्ट में जा रहे हैं और फ्रीडम आफ स्पीच और एक्सप्रेशन को लेकर मुद्दे रखेंगे. विवेक तन्खा के मुताबिक स्टार प्रचारक कौन होगा, ये पार्टी तय करती है और इलेक्शन कमिशन उसमें निर्णय नहीं ले सकता है. साथ ही इस पिटीशन में ये भी लिखा गया है, कि बीजेपी के नेता ने कौन-कौन सी बातें कहीं हैं, और उस पर इलेक्शन कमीशन ने क्या कार्रवाई की है.

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा

विवेक तन्खा के मुताबिक इमारती देवी की शिकायत पर 48 घंटे का नोटिस दिया गया था, और उस पर कमलनाथ ने जवाब भी दिया था, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया, लेकिन उसके बाद कमलनाथ को सीधे सूची से हटा दिया गया, विवेक तन्खा ने कहा है कि कमलनाथ स्टार प्रचारक ही नहीं बल्कि चुनाव को लीड भी कर रहे हैं और जो ऑर्डर दिया गया है, वो बीजेपी की बौखलाहट का प्रतीक है.

कांग्रेस के स्टार प्रचारक की सूची से हटा कमलनाथ का नाम

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का इलेक्शन कमिशन की तरफ से स्टार प्रचारकों की लिस्ट से नाम हटा दिया गया है. शुरुआती तौर पर बताया जा रहा था कि इमरती देवी पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद ये कार्रवाई की गई है, लेकिन कांग्रेस के नेता विवेक तन्खा ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि इमरती देवी को दिए गए बयान पर कमलनाथ अपना जवाब भी दे चुके थे, और निर्वाचन आयोग भी उसे मान चुका था. ये पूरी कार्रवाई पहले किसी सभा में अधिकारियों को लेकर दिए गए बयानों के आधार पर की गई है. जिसे लेकर कमलनाथ को नोटिस जारी नहीं किया गया था, जबकि इस बयान के बाद खुद इलेक्शन कमिशन कमलनाथ के बयानों को लेकर नसीहत जारी कर चुका था. कांग्रेस ने इस पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जब बयानों को लेकर चुनाव आयोग ने नसीहत दे डाली थी तो उसके बाद कार्रवाई करने का सवाल ही नहीं उठता है.

इलेक्शन कमीशन पर बनाया जा रहा दबाव: कांग्रेस

प्रदेश में हो रहे चुनाव में कांग्रेस इलेक्शन कमिशन पर दबाव के आरोप लगा रही है. विवेक तन्खा ने मीडिया से बातचीत में इस बात का भी जवाब दिया और कहा कि इलेक्शन कमिशन को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट को गाइडलाइन देना चाहिए. जिससे कि चुनाव कैसे हो ये पता चल सके. विवेक तन्खा के मुताबिक चुनाव एक फेस्टिवल है और उसमें आरोप और प्रत्यारोप की बातें तो होती रहती हैं. तन्खा के मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशी को भी रोज थाने से नोटिस जा रहे हैं. इसे लेकर भी विवेक तन्खा और कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने इंदौर में चुनाव पर्यवेक्षक से मुलाकात की है.

विवेक तन्खा और कपिल सिब्बल अब सुप्रीम कोर्ट में कमलनाथ की तरफ से इस पूरे मामले पर पैरवी करेंगे. कमलनाथ का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे. विवेक तन्खा के मुताबिक इस मामले पर जल्द ही सुनवाई हो, इसके लिए भी वकीलों की तरफ से बात की जाएगी.

कमलनाथ के खिलाफ क्यों हुई कार्रवाई

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार अंतिम दौर में चल रहा है, लेकिन इससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है. आयोग ने गुरुवार को यह फैसला कमलनाथ द्वारा आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के चलते लिया.

चुनाव आयोग ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान महिला के लिए आइटम शब्द का इस्तेमाल किया था जो कि आचार संहिता के खिलाफ है. इसके साथ ही चुनाव आयोग का कहना है कि अब अगर कमलनाथ ने एक भी प्रचार कार्यक्रम में हिस्सा लिया, तो पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार प्रसार आयोजित किया जा रहा है.

बता दें चुनाव आयोग के द्वारा पूर्व सीएम को पहले भी हिदायत दी जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी कमलनाथ अपने चुनावी प्रचार में लगातार गलत भाषा का उपयोग करते रहे हैं. चुनाव आयोग के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है और इस फैसले को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. जिस चुनाव आयोग की पूरी दुनिया में प्रशंसा होती थी, आज उसकी तटस्थता ब्लैक बॉक्स में खड़ी हुई है.

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