इंदौर। शहर में शस्त्र पूजन समारोह के अवसर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 'चित्तौड़ की रानी पद्मावती' की शौर्य गाथा को प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है. इतना ही नहीं उन्होंने महाराणा प्रताप और रानी पद्मावती के नाम पर राज्य सरकार समाजसेवियों को दो लाख का पुरस्कार देने की भी घोषणा की है.
राजपूत समाज ने आयोजित किया शस्त्र पूजन समारोह
इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में राजपूत समाज ने मंगलवार को शस्त्र पूजन समारोह आयोजित किया. इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इतिहास में राजपूत समाज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.
बनाया जाएगा रानी पद्मावती का शौर्य स्मारक
राजपूत समाज के योगदान का बखान करते हुए उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि रानी पद्मावती का शौर्य स्मारक भोपाल के मनुआ भान टेकरी पर बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैनें रानी पद्मावती का शौर्य स्मारक बनाने के लिए मनुआ भान टेकरी पर भूमि आरक्षित की है, वहां भव्य स्मारक बनाया जाएगा.
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पाठ्यक्रम में शामिल होगी रानी पद्मावती की शौर्य गाथा
सीएम शिवराज ने कहा कि चित्तौड़ की रानी पद्मावती की शौर्य गाथा अब मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ‘महारानी पद्मावती के जीवन की शौर्य गाथा को अगले सत्र की पाठ्य पुस्तक में सम्मिलित की जाएगी.
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भोपाल के मनुआभान की टेकरी पर महारानी पद्मावती के स्मारक के लिए मैंने भूमि आरक्षित की है, वहां भव्य स्मारक बनाया जायेगा। समाज के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल बने, जो स्मारक के स्वरूप की रूपरेखा बनाएं, ताकि हम सबकी अपेक्षा के अनुरूप उनका स्मारक बन सके।https://t.co/YDkwGndWFw
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'महाराणा शौर्य पुरस्कार' और 'पद्मिनी पुरस्कार' दिए जाएंगे
CM शिवराज ने ऐलान किया कि हर साल समाज सेवा में उल्लेखनीय कार्य करने वाले राजपूत समाज के लोगों को 'महाराणा शौर्य पुरस्कार' और 'पद्मिनी पुरस्कार' दिए जाएंगे. जिसके तहत 2 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.
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आयोजन में मौजूद समाज जनों को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि रानी पद्मावती पर फिल्म का विरोध करते समय जिन लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं राज्य सरकार उन्हें वापस लेने जा रही है.
अमर है चित्तौड़ की रानी की गौरवगाथाएं
महारानी पद्मावती चित्तौड़ की रानी थीं. उन्हें पद्मिनी के नाम से भी जाना जाता था. पद्मावती सिंहल द्वीप के राजा गंधर्वसेन की पुत्री थी और चित्तौड़ के राजा रतन सिंह योगी से उनका विवाह हुआ था. पद्मावती 13 वीं -14 वीं सदी की महान भारतीय रानी थी.
उनके साहस और बलिदान की गौरवगाथाएं इतिहास में अमर हैं. कहा जाता है कि खिलजी वंश का शासक अलाउद्दीन खिलजी पद्मावती को पाना चाहता था. माना जाता है कि चित्तौड़ में खिलजी के हमले के वक्त अपने सम्मान को बचाने के लिए उन्होंने 1303 में जौहर किया था.