ETV Bharat / state

नवंबर अंत तक शहर के नालों में बहने लगेगा साफ पानी, एसटीपी प्लांट को जल्द किया जाएगा शुरू - नगर निगम

इंदौर नगर निगम के द्वारा शहर की नदियों को साफ करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है और इसी के तहत शहर के नालों में नवंबर अंत तक साफ पानी बहना शुरू हो जाएगा. वहीं इंदौर शहर में नगर निगम के द्वारा 6 एसटीपी प्लांट तैयार किए जा रहे हैं.

STP Plant at Indore
इंदौर में एसटीपी प्लांट
author img

By

Published : Nov 4, 2020, 6:27 PM IST

इंदौर। शहर के नालों में नवंबर अंत तक साफ पानी बहना शुरू हो जाएगा. नगर निगम के द्वारा शहर में बनाए गए एसटीपी प्लांट को नवंबर अंत तक पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा और साथ ही नाले में जाने वाले गंदे पानी की आवक भी रोक ली जाएगी. आउट फॉल बंद होने के कारण नालों में गंदे पानी की आवक रुकेगी और इससे नदियों को साफ करने में भी मदद मिलेगी. इंदौर शहर में नगर निगम के द्वारा 6 एसटीपी प्लांट तैयार किए जा रहे हैं.

इंदौर में नदियों को साफ करने का अभियान
इंदौर नगर निगम के द्वारा शहर की नदियों को साफ करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में नवंबर के अंत तक इंदौर शहर के सभी एसटीपी प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा. सबसे पहले इंदौर शहर के आजाद नगर स्थित एसटीपी प्लांट को शुरू किया जाएगा. नगर निगम के द्वारा शहर के छोटे-छोटे नालों पर भी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि नदी सफाई अभियान में तेजी लाई जा सके और शहर की नदियों को जल्द से जल्द साफ किया जा सके.280 करोड़ की लागत से बनाए गए हैं एसटीपी प्लांट

इंदौर नगर निगम ने शहर के 6 स्थानों पर 280 करोड़ की लागत से एसटीपी प्लांट बनाए हैं. शहर के मौजूद छह नाले और आउटफॉल, नाला टेपिंग समेत नगर निगम के द्वारा कई कार्य किए जा रहे हैं. खान नदी और बड़े नालों को नवंबर तक गंदे पानी से मुक्त करने का नगर निगम ने लक्ष्य रखा है. शहर के नदी, नालों में गंदे पानी की आवक होने के लिए लगभग 500 करोड़ के कई काम पिछले कई वर्षों से लगातार किए जा रहे हैं, लेकिन इसमें अब एकाएक तेजी लाई गई है.

स्वच्छ सर्वेक्षण और वॉटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए जरूरी है नदियों की सफाई

नगर निगम ने नदी सफाई अभियान को पिछले कई सालों से चला रहा है लेकिन एकाएक इसमें नगर निगम ने अब तेजी ला दी है. नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती नवंबर माह के अंतिम तक इन सभी कामों को पूरा करने की है, क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम को नदी सफाई से संबंधित अंक भी मिलने वाले हैं. इंदौर शहर वाटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए दावा करने वाला है और यह तभी हो सकता है जब इंदौर की नदियों को पूरी तरह से साफ किया जा सके, यही कारण है कि नगर निगम इसे अब अभियान की तरह ले रहा है.

निर्माण कार्य के कामों में केवल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी ही कर सकेंगे इस्तेमाल

नगर निगम के द्वारा शहर में किसी भी निर्माण कार्य के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट किया हुआ पानी ही इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है. शहर में पानी की बर्बादी रोकने के लिए बोरिंग के पानी का इस्तेमाल करना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने और सजा का भी प्रावधान रखा गया है. शहर में बोरिंग के कारण लगातार भूजल स्तर गिरता जा रहा है, सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड की रिपोर्ट में भी इंदौर को ब्लैक जोन में शामिल किया गया है

इंदौर नगर निगम के द्वारा वॉटर प्लस सिटी और सेवन स्टार सिटी का दर्जा पाने के लिए इन कामों में तेजी लाई गई है. दिसंबर माह में होने वाले सर्वे के पहले नगर निगम की कोशिश है कि शहर में ज्यादा से ज्यादा वेस्ट वॉटर का इस्तेमाल किया जा सके. स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की शर्तों में भी वेस्ट वॉटर के लिए कम से कम 25 फ़ीसदी पानी का दोबारा इस्तेमाल करना जरूरी है.

इंदौर। शहर के नालों में नवंबर अंत तक साफ पानी बहना शुरू हो जाएगा. नगर निगम के द्वारा शहर में बनाए गए एसटीपी प्लांट को नवंबर अंत तक पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा और साथ ही नाले में जाने वाले गंदे पानी की आवक भी रोक ली जाएगी. आउट फॉल बंद होने के कारण नालों में गंदे पानी की आवक रुकेगी और इससे नदियों को साफ करने में भी मदद मिलेगी. इंदौर शहर में नगर निगम के द्वारा 6 एसटीपी प्लांट तैयार किए जा रहे हैं.

इंदौर में नदियों को साफ करने का अभियान
इंदौर नगर निगम के द्वारा शहर की नदियों को साफ करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में नवंबर के अंत तक इंदौर शहर के सभी एसटीपी प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा. सबसे पहले इंदौर शहर के आजाद नगर स्थित एसटीपी प्लांट को शुरू किया जाएगा. नगर निगम के द्वारा शहर के छोटे-छोटे नालों पर भी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि नदी सफाई अभियान में तेजी लाई जा सके और शहर की नदियों को जल्द से जल्द साफ किया जा सके.280 करोड़ की लागत से बनाए गए हैं एसटीपी प्लांट

इंदौर नगर निगम ने शहर के 6 स्थानों पर 280 करोड़ की लागत से एसटीपी प्लांट बनाए हैं. शहर के मौजूद छह नाले और आउटफॉल, नाला टेपिंग समेत नगर निगम के द्वारा कई कार्य किए जा रहे हैं. खान नदी और बड़े नालों को नवंबर तक गंदे पानी से मुक्त करने का नगर निगम ने लक्ष्य रखा है. शहर के नदी, नालों में गंदे पानी की आवक होने के लिए लगभग 500 करोड़ के कई काम पिछले कई वर्षों से लगातार किए जा रहे हैं, लेकिन इसमें अब एकाएक तेजी लाई गई है.

स्वच्छ सर्वेक्षण और वॉटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए जरूरी है नदियों की सफाई

नगर निगम ने नदी सफाई अभियान को पिछले कई सालों से चला रहा है लेकिन एकाएक इसमें नगर निगम ने अब तेजी ला दी है. नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती नवंबर माह के अंतिम तक इन सभी कामों को पूरा करने की है, क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम को नदी सफाई से संबंधित अंक भी मिलने वाले हैं. इंदौर शहर वाटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए दावा करने वाला है और यह तभी हो सकता है जब इंदौर की नदियों को पूरी तरह से साफ किया जा सके, यही कारण है कि नगर निगम इसे अब अभियान की तरह ले रहा है.

निर्माण कार्य के कामों में केवल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी ही कर सकेंगे इस्तेमाल

नगर निगम के द्वारा शहर में किसी भी निर्माण कार्य के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट किया हुआ पानी ही इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है. शहर में पानी की बर्बादी रोकने के लिए बोरिंग के पानी का इस्तेमाल करना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने और सजा का भी प्रावधान रखा गया है. शहर में बोरिंग के कारण लगातार भूजल स्तर गिरता जा रहा है, सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड की रिपोर्ट में भी इंदौर को ब्लैक जोन में शामिल किया गया है

इंदौर नगर निगम के द्वारा वॉटर प्लस सिटी और सेवन स्टार सिटी का दर्जा पाने के लिए इन कामों में तेजी लाई गई है. दिसंबर माह में होने वाले सर्वे के पहले नगर निगम की कोशिश है कि शहर में ज्यादा से ज्यादा वेस्ट वॉटर का इस्तेमाल किया जा सके. स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की शर्तों में भी वेस्ट वॉटर के लिए कम से कम 25 फ़ीसदी पानी का दोबारा इस्तेमाल करना जरूरी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.