इंदौर। फ्रॉड गैंग की जालसाजी का शिकार हुए इंदौर के चाय विक्रेता की फरियाद आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुन ही ली. प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही पोर्टल पर कार्रवाई का अपडेट देने को कहा गया है.
इंदौर के खातीवाला टैंक में चाय की दुकान लगाने वाले कैलाश बड़ोनिया से जालसाजी कर कुछ लोगों ने उसके नाम पर बैंक से 10 लाख रुपए का लोन निकाल लिया. बैंक से इस संबंध में नोटिस मिलने पर पीड़ित को धोखाधड़ी का पता चला. न्याय की आस में पीड़ित पिछले 11 महीने से पुलिस के चक्कर लगा रहा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, तब उसने इच्छामृत्यु की मांग की थी.
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से की इच्छामृत्यु की मांग
कार्रवाई नहीं होने पर पीड़ित ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए इच्छामृत्यु की मांग की थी. जिस पर पीएमओ ने संज्ञान लेते हुए एमपी के मुख्य सचिव एसआर मोहंती को कार्रवाई के आदेश दिए है. कैलाश बड़ोनिया का कहना है कि खातीवाला टैंक के महाकाल चौराहे पर उनकी चाय की गुमटी है. वहां पर आरोपी गुरुवीर सिंह, उसके बिल्डर बेटे गुरुदीप सिंह चावला और रणवीर सिंह चावला चाय पीने आते थे.
कैलाश से फर्जी दस्तावेजों पर कराए हस्ताक्षर
गुरुवीर सिंह ने कैलाश को बताया था कि उसके दोनों बेटों का बैंक मैनेजर से अच्छे संबंध हैं. अगर लोन की जरूरत हो तो बताना. पीड़ित कैलाश ने करीब ढाई साल पहले गुरुवीर सिंह को बीस हजार रुपए का लोन दिलाने को कहा था. कुछ दिनों बाद गुरुवीर सिंह कैलाश को छावनी स्थित आंध्रा बैंक ले गया. जहां बैंक में गुरुवीर सिंह के बेटे गुरुदीप और रणवीर पहले से मौजूद थे. वो कैलाश को मैनेजर के पास ले गए और वहां पर उससे कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाने के बाद कहा कि लोन पास होने पर सूचना दे दी जाएगी.
हस्ताक्षर के कुछ दिन बाद मिला बैंक का नोटिस
कैलाश ने बताया कि रणवीर सिंह उसे फिर विजया बैंक ले गया और वहां भी कई कागजों पर हस्ताक्षर करवाए. दो साल बाद उसे आंध्रा बैंक का नोटिस मिला. जिससे पता चला कि उसके नाम पर 10 लाख रुपए का सीसी क्रेडिट लोन है, जबकि कुछ दिनों बाद उसे सपना संगीता टाकीज के पास विजया बैंक से भी एक नोटिस मिला, जिसमें उसका नाम चार पहिया वाहन के फाइनेंस में गारंटर के रूप में बताया गया था.
दोनों ही मामले की शिकायत कैलाश ने पुलिस से की थी, लेकिन 11 महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. लिहाजा परेशान होकर कैलाश ने इच्छामृत्यु की मांग की. जिसके बाद पीएमओ ने कार्रवाई का आदेश दिया है.