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महाराष्ट्र में कोरोना का 'कोहराम', राज्यों के बीच बस परिवहन पर पाबंदी बरकरार - Operation of buses of Madhya Pradesh and Maharashtra stopped

मध्य प्रदेश शासन ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तिसगढ़ और राजस्थान के बस परिवहन पर रोक लगा दी थी. कोरना संक्रमण के कम होने के बाद सरकार ने राजस्थान, छत्तिसगढ़ और उत्तर प्रदेश के लिए बसों का संचालन तो शुरू कर दिया लेकिन महाराष्ट्र की ओर जाने वाली बसों का संचालन पर पाबंदी जारी रखी है.

Bus service of Maharashtra and Madhya Pradesh banned
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की बस सेवा पर रोक
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Published : Jun 20, 2021, 9:30 PM IST

इंदौर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के बाद तमाम तरह के यातायात के साधनों पर भी इसका असर पड़ा है. जिसके चलते मध्य प्रदेश सरकार ने कई बसों का संचालन बंद किया था. लेकिन 15 जून से एक बार फिर इंदौर में अनलॉक के बाद कुछ राज्यों को बस संचालन की अनुमति मिल चुकी है, लेकिन महाराष्ट्र में अभी भी संक्रमण की दर को देखते हुए शासन ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र बॉर्डर को नहीं खोला है. हालांकि यात्री रेल, निजी वाहन और ट्रेवल्स के माध्यम से महाराष्ट्र में आना-जाना कर रहे हैं.

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की बस सेवा पर रोक
  • महाराष्ट्र में बसों का संचालन बंद

Private Bus Operators Association के सचिव हरि दुबे ने बताया कि अनलॉक के बाद उत्तर प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सीमाओं को खोल दिया गया है. जिससे बसों का संचालन एक बार फिर शुरू किया जा रहा है. लेकिन महाराष्ट्र में संक्रमण स्थिति सामान्य होती नजर नहीं आ रही है, जिसके चलते महाराष्ट्र की बसों को फिलहाल प्रतिबंधित कर रखा है. बस ऑपरेटर सचिव ने बताया कि 3 माह के बंद के चलते वाहनों के टेक्स और किस्तें रुकी हुई है. कमाई का जरिया नहीं होने के चलते इस तरह के आर्थिक संकट से गुजरना पड़ा है.

  • टेक्स माफ करने की मांग

निजी बस ऑपरेटर एसोसिएशन के सचिव हरि दुबे ने बताया कि 3 माह के चलते टैक्स और किस्त नहीं चुका पा रहे हैं ऐसे में राज्य सरकार से 3 माह का टैक्स और किस्तों को माफ करने की मांग भी की जाएगी. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की बात कही है.

30 जून से पहले छिंदवाड़ा में शुरु होगा 200 बसों का संचालन, फिलहाल चल रही 10% बसें

  • आम दिनों में 250 बसों का होता था संचालन

गौरतलब है कि लॉकडाउन के पहले इंदौर से महाराष्ट्र के लिए करीब 250 बसों का संचालन किया जाता था. जिसमें पुणे, मुंबई, नासिक और शिर्डी की बसें प्रमुख थी. महाराष्ट्र का बस संचालन बंद करने के चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. जिसके लिए यात्रियों को रेल निजी वाहन या फिर ट्रेवल्स के माध्यम से सफर करना पड़ा है.

इंदौर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के बाद तमाम तरह के यातायात के साधनों पर भी इसका असर पड़ा है. जिसके चलते मध्य प्रदेश सरकार ने कई बसों का संचालन बंद किया था. लेकिन 15 जून से एक बार फिर इंदौर में अनलॉक के बाद कुछ राज्यों को बस संचालन की अनुमति मिल चुकी है, लेकिन महाराष्ट्र में अभी भी संक्रमण की दर को देखते हुए शासन ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र बॉर्डर को नहीं खोला है. हालांकि यात्री रेल, निजी वाहन और ट्रेवल्स के माध्यम से महाराष्ट्र में आना-जाना कर रहे हैं.

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की बस सेवा पर रोक
  • महाराष्ट्र में बसों का संचालन बंद

Private Bus Operators Association के सचिव हरि दुबे ने बताया कि अनलॉक के बाद उत्तर प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सीमाओं को खोल दिया गया है. जिससे बसों का संचालन एक बार फिर शुरू किया जा रहा है. लेकिन महाराष्ट्र में संक्रमण स्थिति सामान्य होती नजर नहीं आ रही है, जिसके चलते महाराष्ट्र की बसों को फिलहाल प्रतिबंधित कर रखा है. बस ऑपरेटर सचिव ने बताया कि 3 माह के बंद के चलते वाहनों के टेक्स और किस्तें रुकी हुई है. कमाई का जरिया नहीं होने के चलते इस तरह के आर्थिक संकट से गुजरना पड़ा है.

  • टेक्स माफ करने की मांग

निजी बस ऑपरेटर एसोसिएशन के सचिव हरि दुबे ने बताया कि 3 माह के चलते टैक्स और किस्त नहीं चुका पा रहे हैं ऐसे में राज्य सरकार से 3 माह का टैक्स और किस्तों को माफ करने की मांग भी की जाएगी. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की बात कही है.

30 जून से पहले छिंदवाड़ा में शुरु होगा 200 बसों का संचालन, फिलहाल चल रही 10% बसें

  • आम दिनों में 250 बसों का होता था संचालन

गौरतलब है कि लॉकडाउन के पहले इंदौर से महाराष्ट्र के लिए करीब 250 बसों का संचालन किया जाता था. जिसमें पुणे, मुंबई, नासिक और शिर्डी की बसें प्रमुख थी. महाराष्ट्र का बस संचालन बंद करने के चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. जिसके लिए यात्रियों को रेल निजी वाहन या फिर ट्रेवल्स के माध्यम से सफर करना पड़ा है.

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