इंदौर। सीएए और एनआरसी के खिलाफ भड़काऊ वॉट्सऐप स्टेटस डालने के आरोप में गिरफ्तार 24 वर्षीय मैकेनिक की जमानत याचिका मंजूर कर ली है. उच्च न्यायालय ने यह शर्त भी लगाई है कि वह एक महिला वकील और सामाजिक कार्यकर्ता से अपनी काउंसलिंग कराएगा.आरोपी गिरफ्तारी के बाद पिछले पांच महीने से न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद था.
जमानती की अर्जी मंजूर
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति वीरेंदर सिंह ने मामले के गुण-दोषों पर टिप्पणी किए बगैर शाजापुर के अनवर खान की जमानत याचिका 26 नवंबर को स्वीकार कर ली. एकल पीठ ने निचली अदालत में 30,000 रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की जमानत पेश किए जाने पर यह अर्जी मंजूर की.
ये होगी शर्त
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में जमानत की सामान्य शर्तें लगाने के साथ यह भी कहा, 'याचिकाकर्ता फरवरी, मार्च और अप्रैल 2021 के प्रथम सप्ताह में अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता रश्मि पाण्डे के समक्ष काउंसलिंग के लिए उपस्थित रहेगा और उनके दिए निर्देशों का पालन करेगा.'
पीठ ने कहा, 'यदि पाण्डे द्वारा याचिकाकर्ता के आचरण इत्यादि के संबंध में कोई विपरीत रिपोर्ट दी जाती है, तो याचिकाकर्ता को दी गई जमानत पर पुनर्विचार किया जा सकता है." अदालत के आदेश पत्र में कहा गया, "याचिकाकर्ता ने कहा है कि वह भविष्य में भावनाएं भड़काने वाला या राष्ट्रीय अस्मिता एवं अखंडता को प्रभावित करने वाला कोई कृत्य नहीं करेगा और इस आशय का शपथ पत्र अधीनस्थ न्यायालय में प्रस्तुत करेगा।.'
रिहा हुआ अनवर
अनवर खान की वकील मनीष यादव ने गुरूवार को बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक निचली अदालत में जमानत की औपचारिकताएं पूरी किए जाने के बाद उनके मुवक्किल को शाजापुर की जेल से रिहा कर दिया गया है.
सीएए और एनआरसी पर डाला था भड़काऊ स्टेटस
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अनवर खान पर आरोप है कि उसने संसद से पारित सीएए और एनआरसी के खिलाफ फरवरी में ऐसा वॉट्सऐप स्टेटस डाला था. जिससे धार्मिक सौहार्द और सार्वजनिक शांति पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता था.इस वॉट्सऐप स्टेटस को लेकर खान के खिलाफ शाजापुर के कोतवाली पुलिस थाने में भारतीय दंड विधान की धारा 188 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किय गया था. 24 वर्षीय मैकेनिक को इस मामले में दो जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. तब से वह जेल में बंद था. निचली अदालत ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.