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कोरोना के बाद Black Fungus से 39 की मौत और अब आ गई नई आफत

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Published : May 30, 2021, 9:23 AM IST

Updated : May 30, 2021, 8:11 PM IST

एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B Injection) की कमी के चलते एमपी में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन अब एमपी में एस्परजिलस (Aspergillosis) नाम का नया संक्रमण पाया गया है.

black fungus
ब्लैक फंगस

इंदौर। ब्लैक फंगस (Black funges) के मरीजों के इलाज में उपयोग होने वाले एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B injection) की कमी तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसे में मरीजों को इंजेक्शन न मिल पाने के कारण शहर में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, यहां के तमाम अस्पतालों में करीब 440 मरीज अभी भी इस संक्रमण से जूझ रहे हैं. लेकिन अब मध्य प्रदेश में एस्परजिलस (Aspergillosis) नाम का नया संक्रमण फैल रहा है.

क्या है एस्परजिलस फंगस ?

यह फंगस का ही एक रूप है. जो कोरोना वायरस से उभर चुके मरीजों में सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि यह फंगस का वो प्रकार है जो हमारे घरों के आसपास सड़ी-गली चीजों में पाया जाता है. अब ये इंसानों के शरीर में कैसे पाया जा रहा है इसकी जांच की जा रही है. मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में इस तरह की फंगस के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं. जिसके बाद प्रशासन अलर्ट पर है.

एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन की कमी से मौतें

39 ब्लैक फंगस के मरीजों की मौत
कोरोना की दूसरी लहर में black funges का संक्रमण कोरोना से भी ज्यादा घातक साबित हो रहा है. इस संक्रमण की चपेट में जो लोग आ रहे हैं, उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए अस्पतालों में इंजेक्शन ही नहीं हैं. मांग की तुलना में गिनती के जो इंजेक्शन आते हैं. उनसे मरीजों का इलाज संभव नहीं हो रहा है. यही वजह है कि अब तक भर्ती 509 मरीजों में से 39 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 440 का इलाज अभी भी शहर के निजी एवं शासकीय अस्पतालों में चल रहा है.

Black fungus से तीन लोगों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने इंजेक्शन के दुष्प्रभाव को नकारा

एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन आपूर्ती बढ़ाने की मांग
दरअसल, इंदौर में मरीजों के लिए फिलहाल शहर के पांच दवा स्टॉकिस्ट से इंजेक्शन की सीमित आपूर्ति हो रही है. मांग और आपूर्ति की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फिलहाल भर्ती 440 मरीजों में के लिए औसतन डेढ़ सौ इंजेक्शन ही उपलब्ध हो पा रहे हैं, जबकि एक मरीज के लिए 80 डोज लगना जरूरी होता है. लिहाजा 1 दिन में मरीजों को 5 डोज लगने के स्थान पर इक्का-दुक्का डोज लग पा रहे हैं. इसमें भी इंजेक्शन सिर्फ उन मरीजों को मुहैया कराए जा रहे हैं जिनकी हालत तेजी से बिगड़ रही है. हालांकि सीमित इंजेक्शन लगाए जाने के चलते संक्रमण को रोक पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसी स्थिति में अब इंदौर प्रशासन ने राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार और अन्य माध्यमों से मरीजों के हित में amphotericin-B injection की आपूर्ति बढ़ाने की गुहार लगाई है.

इंदौर। ब्लैक फंगस (Black funges) के मरीजों के इलाज में उपयोग होने वाले एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B injection) की कमी तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसे में मरीजों को इंजेक्शन न मिल पाने के कारण शहर में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, यहां के तमाम अस्पतालों में करीब 440 मरीज अभी भी इस संक्रमण से जूझ रहे हैं. लेकिन अब मध्य प्रदेश में एस्परजिलस (Aspergillosis) नाम का नया संक्रमण फैल रहा है.

क्या है एस्परजिलस फंगस ?

यह फंगस का ही एक रूप है. जो कोरोना वायरस से उभर चुके मरीजों में सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि यह फंगस का वो प्रकार है जो हमारे घरों के आसपास सड़ी-गली चीजों में पाया जाता है. अब ये इंसानों के शरीर में कैसे पाया जा रहा है इसकी जांच की जा रही है. मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में इस तरह की फंगस के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं. जिसके बाद प्रशासन अलर्ट पर है.

एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन की कमी से मौतें

39 ब्लैक फंगस के मरीजों की मौत
कोरोना की दूसरी लहर में black funges का संक्रमण कोरोना से भी ज्यादा घातक साबित हो रहा है. इस संक्रमण की चपेट में जो लोग आ रहे हैं, उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए अस्पतालों में इंजेक्शन ही नहीं हैं. मांग की तुलना में गिनती के जो इंजेक्शन आते हैं. उनसे मरीजों का इलाज संभव नहीं हो रहा है. यही वजह है कि अब तक भर्ती 509 मरीजों में से 39 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 440 का इलाज अभी भी शहर के निजी एवं शासकीय अस्पतालों में चल रहा है.

Black fungus से तीन लोगों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने इंजेक्शन के दुष्प्रभाव को नकारा

एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन आपूर्ती बढ़ाने की मांग
दरअसल, इंदौर में मरीजों के लिए फिलहाल शहर के पांच दवा स्टॉकिस्ट से इंजेक्शन की सीमित आपूर्ति हो रही है. मांग और आपूर्ति की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फिलहाल भर्ती 440 मरीजों में के लिए औसतन डेढ़ सौ इंजेक्शन ही उपलब्ध हो पा रहे हैं, जबकि एक मरीज के लिए 80 डोज लगना जरूरी होता है. लिहाजा 1 दिन में मरीजों को 5 डोज लगने के स्थान पर इक्का-दुक्का डोज लग पा रहे हैं. इसमें भी इंजेक्शन सिर्फ उन मरीजों को मुहैया कराए जा रहे हैं जिनकी हालत तेजी से बिगड़ रही है. हालांकि सीमित इंजेक्शन लगाए जाने के चलते संक्रमण को रोक पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसी स्थिति में अब इंदौर प्रशासन ने राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार और अन्य माध्यमों से मरीजों के हित में amphotericin-B injection की आपूर्ति बढ़ाने की गुहार लगाई है.

Last Updated : May 30, 2021, 8:11 PM IST
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