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सूअरों की चीख सुन बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने रुकवाई कार, पैर की रस्सी खुलवाकर कराया आजाद

सड़क पर कार से गुजर रहीं प्रदेश प्रवक्ता सूअरों की चीख सुन रुक गईं और काफी हंगामे के बाद आखिरकार सूअरों को बंधन मुक्त कराने के बाद ही आगे गईं, इस दौरान काफी देर तक उन्हें मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि पालक सूअरों को काटने के लिए ले जा रहा था, इसलिए वह छोड़ना नहीं चाहता था.

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Published : Sep 1, 2021, 10:32 AM IST

Updated : Sep 1, 2021, 1:15 PM IST

divya
दिव्या गुप्ता

इंदौर। लैटर्न चौराहे पर उस दौरान अजीब स्थिति बन गई, जब एक रिक्शे में बांधकर सूअर पालक सूअरों को काटने के लिए ले जा रहा था, इस बीच वहां से गुजर रहीं बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर दिव्या गुप्ता को सूअरों की चीख सुनाई दी, लिहाजा उन्होंने रिक्शा रुकवाकर सूअर पालक से सूअरों को छोड़ने का दबाव बनाया. इस दौरान दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े थे , लेकिन दिव्या गुप्ता की जिद के कारण आखिरकार सूअर पालक को मौके पर ही दोनों सूअरों को मुक्त करना पड़ा. इस दौरान सड़क पर काफी देर तक मजमा लगा रहा.

पाकिस्तान से 22 साल बाद लौटा प्रहलाद सिंह, जेहन में जिंदा है रावलपिंडी जेल में हुए जुल्म-ओ-सितम की यादें

पशु क्रूरता के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली डॉ. दिव्या गुप्ता अपनी कार से लैंटर्न चौराहे की ओर जा रही थी, तभी उन्होंने एक रिक्शे में रस्सियों से बंधे सूअरों को चीखते हुए सुना, जो उनसे देखा नहीं गया. उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाई और रिक्शा रोककर सूअरों को छोड़ने के लिए कहा. सूअर पालक इसके लिए राजी नहीं हुआ. तब दिव्या गुप्ता को उस पर हाथ भी आजमाने पड़े. इस दौरान सड़क पर मजमा लग गया, सभी दर्शक बनकर इस दृश्य को देखते रहे, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. इस दौरान सूअर पालक के समर्थन में जरूर कई लोग आ गए, पर दिव्या गुप्ता ने हार नहीं मानी.

सूअरों को आजाद कराती बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता

यही नहीं जब सूअर पालक ने रस्सियां खोलने के लिए चाकू या कैंची नहीं होने का बहाना बनाया तो डॉक्टर दिव्या गुप्ता ने उसे अपनी गाड़ी से कैची लाकर दी, आखिर सूअरों को आजाद कराने के बाद ही डॉ दिव्या गुप्ता वहां से रवाना हुईं. उन्होंने कहा की वे सिर्फ पशु क्रूरता के खिलाफ मानवीय पहल की थी, इसके लिए सभी को आगे आना चाहिए. हालांकि, वह इस घटना की कहीं कोई शिकायत नहीं करेंगी. इंदौर नगर निगम सीमा में पशुपालन प्रतिबंधित है, हालांकि यह पहला मौका है, जब शहर के किसी नेता ने सार्वजनिक रूप से किसी पशुपालक को सूअरों को सड़क पर ही छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है.

इंदौर। लैटर्न चौराहे पर उस दौरान अजीब स्थिति बन गई, जब एक रिक्शे में बांधकर सूअर पालक सूअरों को काटने के लिए ले जा रहा था, इस बीच वहां से गुजर रहीं बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर दिव्या गुप्ता को सूअरों की चीख सुनाई दी, लिहाजा उन्होंने रिक्शा रुकवाकर सूअर पालक से सूअरों को छोड़ने का दबाव बनाया. इस दौरान दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े थे , लेकिन दिव्या गुप्ता की जिद के कारण आखिरकार सूअर पालक को मौके पर ही दोनों सूअरों को मुक्त करना पड़ा. इस दौरान सड़क पर काफी देर तक मजमा लगा रहा.

पाकिस्तान से 22 साल बाद लौटा प्रहलाद सिंह, जेहन में जिंदा है रावलपिंडी जेल में हुए जुल्म-ओ-सितम की यादें

पशु क्रूरता के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली डॉ. दिव्या गुप्ता अपनी कार से लैंटर्न चौराहे की ओर जा रही थी, तभी उन्होंने एक रिक्शे में रस्सियों से बंधे सूअरों को चीखते हुए सुना, जो उनसे देखा नहीं गया. उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाई और रिक्शा रोककर सूअरों को छोड़ने के लिए कहा. सूअर पालक इसके लिए राजी नहीं हुआ. तब दिव्या गुप्ता को उस पर हाथ भी आजमाने पड़े. इस दौरान सड़क पर मजमा लग गया, सभी दर्शक बनकर इस दृश्य को देखते रहे, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. इस दौरान सूअर पालक के समर्थन में जरूर कई लोग आ गए, पर दिव्या गुप्ता ने हार नहीं मानी.

सूअरों को आजाद कराती बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता

यही नहीं जब सूअर पालक ने रस्सियां खोलने के लिए चाकू या कैंची नहीं होने का बहाना बनाया तो डॉक्टर दिव्या गुप्ता ने उसे अपनी गाड़ी से कैची लाकर दी, आखिर सूअरों को आजाद कराने के बाद ही डॉ दिव्या गुप्ता वहां से रवाना हुईं. उन्होंने कहा की वे सिर्फ पशु क्रूरता के खिलाफ मानवीय पहल की थी, इसके लिए सभी को आगे आना चाहिए. हालांकि, वह इस घटना की कहीं कोई शिकायत नहीं करेंगी. इंदौर नगर निगम सीमा में पशुपालन प्रतिबंधित है, हालांकि यह पहला मौका है, जब शहर के किसी नेता ने सार्वजनिक रूप से किसी पशुपालक को सूअरों को सड़क पर ही छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है.

Last Updated : Sep 1, 2021, 1:15 PM IST
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