इंदौर। शहर में वाहनों के नंबर की दीवानगी अभी भी बरकरार है. वीआईपी नंबर पसंद रखने वाले लोग 15 हज़ार से लेकर डेढ़ लाख तक की बोली लगा रहे हैं. इंदौर में 0001 के लिए 1 लाख 56 हज़ार की बोली लगाई गई. इंदौर आरटीओ में 41 हज़ार से अधिक वीआईपी नंबर खाली पड़े हैं, जिसमें से कुछ प्रमुख नंबर लोग बोली लगाकर खरीद लेते हैं.
इंदौर आरटीओ में वीआईपी नंबरों को रखने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, हालांकि इसके बावजूद इंदौर आरटीओ में हजारों वीआईपी नंबर खाली पड़े हैं जिन्हें कोई खरीदने वाला नहीं है. हाल ही में इंदौर आरटीओ में लगाई गई बोली में 1 लाख 56 हज़ार में 0001 नंबर बिका है. इस नीलामी में 60 से अधिक नंबर बेचे गए हैं. इन वीआईपी नंबरों की बोली लगने के कारण सरकार को भी राजस्व मिलता है.
1 लाख 56 हजार में बिका 0001 नम्बर
इंदौर आरटीओ में की गई इस बोली में एक दावेदार ने 1 लाख 56 हज़ार में 0001 नंबर लिया. इसके लिए दो दावेदार मैदान में थे. 0001 के अलावा 0009, 0002, 9999 जैसे नंबर के लिए भी एक से अधिक दावेदारों ने बोली लगाई थी, इन नंबरों को वीआईपी नंबर की सूची में डाला जाता है. हालांकि कहा जा रहा था कि 0001 के लिए कई दावेदार मैदान में आएंगे. यह नीलामी सभी श्रेणी के वाहनों के लिए होती है लेकिन कार के नंबर को लेकर लोग काफी उत्सुक रहते हैं. साथ ही दोपहिया वाहनों के नंबरों के लिए भी आवेदकों के द्वारा बोली लगाई जाती है.
आरटीओ में 41 हजार से अधिक वीआईपी नंबर है खाली
इंदौर आरटीओ में 41हजार से अधिक वीआईपी नंबर खाली पड़े हैं लोग अपने पसंदीदा नंबर बोली लगाकर खरीद लेते हैं, लेकिन शेष वीआईपी नंबर खाली रह जाते हैं. अधिकारियों के द्वारा इन नंबरों को सामान्य रूप से आवंटित करने के लिए कई बार परिवहन मुख्यालय पत्र भी भेजा गया है लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है.
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इंदौर में लगातार वीआईपी नंबरों को चाहने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन इसके बावजूद कई नंबर अभी भी खाली पड़े हैं. कोरोना संक्रमण के बाद अब एक बार फिर से आरटीओ ने इन नंबरों की बोली लगाना शुरु की है.