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बर्फानी बाबा का मेहंदीपुर बालाजी में किया जाएगा अंतिम संस्कार, इंदौर से पहुंचे सैकड़ों अनुयायी

देश के प्रसिद्ध संतों में से एक योगाधिराज ब्रम्हर्षि लाल बिहारी दास जी उर्फ बर्फानी दादा का निधन हो गया. उन्होंने 23 दिसंबर की रात गुजरात के अहमदाबाद में अंतिम सांस ली. वहीं बर्फानी दादा का मेहंदीपुर बालाजी में शुक्रवार को दोपहर में दाह संस्कार उनके अनुयायी भक्तों की उपस्थिति में किया जाएगा. उनके अंतिम दर्शन के लिए इंदौर से भी सैकड़ों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए मेहंदीपुर पहुंचे है.

Baba Barfani
बर्फानी बाबा का निधन
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Published : Dec 25, 2020, 1:03 PM IST

Updated : Dec 25, 2020, 1:36 PM IST

इंदौर/मेहंदीपुर। मेहंदीपुर बालाजी ब्रहम ऋषि योगीराज परमहंस हिमालय के महान काया कल्पी संत चतुष सम्प्रदाय के महंत बर्फानी दादाजी का देवलोकगमन बुधवार देर रात अहमदाबाद में हो गया. उनके पार्थिक शरीर को शुक्रवार अहमदाबाद से सड़क मार्ग से मेहंदीपुर बालाजी धाम लाया गया. जहां मेंहदीपुर बालाजी बर्फानी दादाजी के पार्थिक शरीर को उनके बर्फानी आश्रम में आखरी दर्शन के लिए रखा गया है. शुक्रवार को पार्थिक शरीर का दाह संस्कार दोपहर उनके अनुयायी भक्तों की उपस्थिति में किया जाएगा. राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बर्फानी बाबा जी के देवलोक गमन पर दुख और शोक प्रकट किया. इंदौर से भी सैकड़ों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए मेहंदीपुर पहुंचे है. बाबा का एक आश्रम इंदौर में भी है, जो बर्फानीधाम के नाम से प्रसिद्ध हैं.

बालाजी में किया जाएगा अंतिम संस्कार

अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी अनुयायी की भीड़

बर्फानी दादाजी के आखरी दर्शन करने के लिए उनके भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. भक्त नम आंखों से बर्फानी बाबाजी को अंतिम विदाई दे रहे है. बता दें कि बर्फानी दादाजी के देश विदेश में हजारों अनुयायी है. बर्फानी दादाजी के देवलोकगमन की खबर सुनकर उनके सभी अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई. दादा जी के देवलोकगमन पर उनके पार्थिक शरीर के आखरी दर्शन करने उनके अनुयायी भक्त मेहंदीपुर बालाजी नम आंखों से पहुंचे और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर खुद को धन्य समझ रहे हैं.

अनुयायी नम आंखों से दे रहे अंतिम विदाई

यहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू का सैलाब देखा गया. वहीं जब उनसे पूछा गया कि बर्फानी दादाजी देवलोकगमन हो गया है, तो उन्होंने कहा कि हमारे सदगुरू हमें अनाथ असहाय कर गए हैं और उनके पास कहने को आंखों में आंसुओं के अलावा कुछ नहीं था. उनके अनुयाई बर्फानी दादाजी के पार्थिक देह के दर्शन कर विनम्र श्रद्धाजंलि देकर उनके उनके चरणों को प्रणाम कर रहे थे.

CM Ashok Gehlot pays tribute
सीएम अशोक गहलोत ने दी श्रद्धांजलि

सीएम अशोक गहलोत ने व्यक्त किया शोक
राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बर्फानी बाबा जी के देवलोक गमन पर दुख और शोक प्रकट किया. उन्होंने कहा हरि इच्छा सर्वोपरि है जीवन के साथ मृत्यु एक शाश्वत सत्य है और प्रत्येक मनुष्य को इन दु:खद पलों से गुजरना होता है. मेरी परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि दिंवगत की आत्मा को असीम शांति मिले. शोक के इन पलों में मेरी गहरी संवेदनाएं उनके श्रद्धालुओं के साथ है ईश्वर सभी श्रद्धालुओं को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करें.

'सैकड़ों साल है बाबा की उम्र'

बर्फानी बाबा की उम्र को लेकर उनके भक्तों का दावा रहा है कि वे सैकड़ों साल हैं. बाबा बर्फानी की प्रेरणा से इंदौर के मालवीय नगर में भी बर्फानी धाम की स्थापना की गई है. जहां प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा पर हजारों अस्थमा रोगियों को औषधियुक्त खीर का वितरण किया जाता है. ये दवाई मुफ्त बांटी जाती है. इस आश्रम की व्यवस्था महामंडलेश्वर भरतदास बर्फानी के जिम्मे है.

Baba Barfani
बाबा बर्फानी

यूपी में जन्म लिया अमरकंटक में तप किया

बाबा बर्फानी हिमालय के मानसरोवर में तप किया है. उनके शिष्यों के मुताबिक बाबा का मूल नाम लाल बिहारी दास है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डोडिया खेड़ा गांव में हुआ था. तप और साधना में रूचि होने होने के चलते उन्होंने अपना घर छोड़ दिया. हिमालय में जाकर जटिल साधना की. बाबा ने अमरकंटक में भी तपस्या की थी.

Baba Barfani with the disciples
शिष्यों के साथ बाबा बर्फानी

इंदौर के बर्फानीधाम आश्रम के बारे में कहा जाता है कि यहां पर जो राज राजेश्वरी महात्रिपुर सुंदरी का मंदिर है. उसमें विराजीं माता के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मंदिर की प्रतिमा बांसवाड़ा में विराजित प्रतिमा के जैसी ही है. क्योंकि बांसवाड़ा के ही कारीगर से इसे बनवाया गया था. मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 1996 में हुई थी. यहां पर पारे के भोलेनाथ हैं. पारेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. आश्रम की शुरुआत अमरकंटक से हुई थी. इसके बाद राजनांदगांव, इंदौर, विशाखापटनम सहित देश के कई राज्यों में बाबा के आश्रम हैं.

इंदौर/मेहंदीपुर। मेहंदीपुर बालाजी ब्रहम ऋषि योगीराज परमहंस हिमालय के महान काया कल्पी संत चतुष सम्प्रदाय के महंत बर्फानी दादाजी का देवलोकगमन बुधवार देर रात अहमदाबाद में हो गया. उनके पार्थिक शरीर को शुक्रवार अहमदाबाद से सड़क मार्ग से मेहंदीपुर बालाजी धाम लाया गया. जहां मेंहदीपुर बालाजी बर्फानी दादाजी के पार्थिक शरीर को उनके बर्फानी आश्रम में आखरी दर्शन के लिए रखा गया है. शुक्रवार को पार्थिक शरीर का दाह संस्कार दोपहर उनके अनुयायी भक्तों की उपस्थिति में किया जाएगा. राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बर्फानी बाबा जी के देवलोक गमन पर दुख और शोक प्रकट किया. इंदौर से भी सैकड़ों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए मेहंदीपुर पहुंचे है. बाबा का एक आश्रम इंदौर में भी है, जो बर्फानीधाम के नाम से प्रसिद्ध हैं.

बालाजी में किया जाएगा अंतिम संस्कार

अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी अनुयायी की भीड़

बर्फानी दादाजी के आखरी दर्शन करने के लिए उनके भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. भक्त नम आंखों से बर्फानी बाबाजी को अंतिम विदाई दे रहे है. बता दें कि बर्फानी दादाजी के देश विदेश में हजारों अनुयायी है. बर्फानी दादाजी के देवलोकगमन की खबर सुनकर उनके सभी अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई. दादा जी के देवलोकगमन पर उनके पार्थिक शरीर के आखरी दर्शन करने उनके अनुयायी भक्त मेहंदीपुर बालाजी नम आंखों से पहुंचे और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर खुद को धन्य समझ रहे हैं.

अनुयायी नम आंखों से दे रहे अंतिम विदाई

यहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू का सैलाब देखा गया. वहीं जब उनसे पूछा गया कि बर्फानी दादाजी देवलोकगमन हो गया है, तो उन्होंने कहा कि हमारे सदगुरू हमें अनाथ असहाय कर गए हैं और उनके पास कहने को आंखों में आंसुओं के अलावा कुछ नहीं था. उनके अनुयाई बर्फानी दादाजी के पार्थिक देह के दर्शन कर विनम्र श्रद्धाजंलि देकर उनके उनके चरणों को प्रणाम कर रहे थे.

CM Ashok Gehlot pays tribute
सीएम अशोक गहलोत ने दी श्रद्धांजलि

सीएम अशोक गहलोत ने व्यक्त किया शोक
राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बर्फानी बाबा जी के देवलोक गमन पर दुख और शोक प्रकट किया. उन्होंने कहा हरि इच्छा सर्वोपरि है जीवन के साथ मृत्यु एक शाश्वत सत्य है और प्रत्येक मनुष्य को इन दु:खद पलों से गुजरना होता है. मेरी परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि दिंवगत की आत्मा को असीम शांति मिले. शोक के इन पलों में मेरी गहरी संवेदनाएं उनके श्रद्धालुओं के साथ है ईश्वर सभी श्रद्धालुओं को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करें.

'सैकड़ों साल है बाबा की उम्र'

बर्फानी बाबा की उम्र को लेकर उनके भक्तों का दावा रहा है कि वे सैकड़ों साल हैं. बाबा बर्फानी की प्रेरणा से इंदौर के मालवीय नगर में भी बर्फानी धाम की स्थापना की गई है. जहां प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा पर हजारों अस्थमा रोगियों को औषधियुक्त खीर का वितरण किया जाता है. ये दवाई मुफ्त बांटी जाती है. इस आश्रम की व्यवस्था महामंडलेश्वर भरतदास बर्फानी के जिम्मे है.

Baba Barfani
बाबा बर्फानी

यूपी में जन्म लिया अमरकंटक में तप किया

बाबा बर्फानी हिमालय के मानसरोवर में तप किया है. उनके शिष्यों के मुताबिक बाबा का मूल नाम लाल बिहारी दास है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डोडिया खेड़ा गांव में हुआ था. तप और साधना में रूचि होने होने के चलते उन्होंने अपना घर छोड़ दिया. हिमालय में जाकर जटिल साधना की. बाबा ने अमरकंटक में भी तपस्या की थी.

Baba Barfani with the disciples
शिष्यों के साथ बाबा बर्फानी

इंदौर के बर्फानीधाम आश्रम के बारे में कहा जाता है कि यहां पर जो राज राजेश्वरी महात्रिपुर सुंदरी का मंदिर है. उसमें विराजीं माता के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मंदिर की प्रतिमा बांसवाड़ा में विराजित प्रतिमा के जैसी ही है. क्योंकि बांसवाड़ा के ही कारीगर से इसे बनवाया गया था. मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 1996 में हुई थी. यहां पर पारे के भोलेनाथ हैं. पारेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. आश्रम की शुरुआत अमरकंटक से हुई थी. इसके बाद राजनांदगांव, इंदौर, विशाखापटनम सहित देश के कई राज्यों में बाबा के आश्रम हैं.

Last Updated : Dec 25, 2020, 1:36 PM IST
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