इंदौर। फर्जी सर्वर के जरिये निवेशकों के साथ फ्रॉड करने वाली फर्जी कंपनी पर शिकंजा कस गया है. इंदौर की विजय नगर पुलिस ने मार्च माह में करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को रिमांड पर लिया था. इस फर्जीवाड़े को उजागर करने के लिए बाकायदा एसआईटी भी गठित की गई थी. वहीं, अब पुलिस की गिरफ्त में जबलपुर के आरोपी आए हैं. जिसने प्लेटिनम ग्रेस कंपनी का अपने नाम से खाता खुलवाया था, जिसमे बड़े पैमाने पर ट्रांजेक्शन हुए थे.
300 लोगों को ठगा : दरअसल, इंटरनेशनल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर फर्जी सर्वर बनाकर करीब 300 लोगों से करोड़ों का निवेश कर उनके साथ ठगी करने वाले पुलिस के शिकंजे में हैं. गिरोह का जाल मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में फैले होने की आशंका है. इंदौर में मार्च माह के दूसरे सप्ताह में की गई कार्रवाई के दौरान पुलिस ने अपोलो प्रीमियम बिल्डिंग पर कार्रवाई कर वहां से अनिल पिता सुदर्शन निवासी उत्तरांचल और हरदीप पिता जीएस सलूने निवासी सुखलिया इंदौर को गिरफ्तार किया था.
फर्जी सर्वर दुबई से हैंडल : बता दें कि कंपनी के नाम का फर्जी सर्वर दुबई से हैंडल किया जाता था, जिसमे किसी अतुल और उसकी मैनेजर मोनिका का नाम सरगना के तौर पर सामने आया है. करीब 20 करोड़ की ठगी मामले में पुलिस ने अब जबलपुर से अजय नामक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. एडिशनल डीसीपी संपत उपाध्याय के मुताबिक फॉरेन ट्रेडिंग का मामला विजय नगर थाने पर दर्ज किया गया था और एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने वृहद स्तर पर मामले की जांच शुरू की थी. (One Arrested in Fake servers case) (Fraud to investors through fake server)