इंदौर (PTI)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 30 जुलाई के इंदौर दौरे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निगाह पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल के कार्यकर्ताओं में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले नयी ऊर्जा का संचार करने पर होगी. किसानों और आदिवासियों की बड़ी आबादी वाले इस अंचल में विधानसभा की 66 सीटें हैं और 2018 के पिछले चुनावों के दौरान भाजपा को इस क्षेत्र में कांग्रेस के हाथों बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था.
25 हजार कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित: भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि " अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजधानी भोपाल में भाजपा की कोर कमेटी की बैठक की बुधवार को अध्यक्षता की थी और इस बैठक में उनके 30 जुलाई के इंदौर दौरे की भूमिका बनी. इंदौर मालवा-निमाड़ अंचल की राजनीति का सबसे बड़ा केंद्र है और हाल के दिनों में यह पहली बार होगा. जब बड़े नेताओं की बैठक लेकर भाजपा की चुनावी तैयारियों को कस रहे शाह बूथ स्तर तक के पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचेंगे. भाजपा के प्रदेश मीडिया विभाग के सह प्रभारी दीपक जैन ने बताया, "शाह अपने इंदौर दौरे में भाजपा के कम से कम 25,000 ऐसे कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगे, जिनके पास मालवा-निमाड़ अंचल में पार्टी का कोई न कोई दायित्व है.
अमित शाह दिलाएंगे कार्यकर्ताओं को संकल्प: पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान मालवा-निमाड़ अंचल में भाजपा को तगड़े नुकसान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस ने मतदाताओं से "झूठे वादे" किए थे, लेकिन अब जनता कांग्रेस की असलियत समझ चुकी है. उन्होंने बताया कि शाह अपने दौरे में इंदौर से करीब 50 किलोमीटर दूर जानापाव कुटी में भगवान परशुराम की जन्मस्थली के दर्शन भी करेंगे. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि "इंदौर में शाह की मौजूदगी वाले सम्मेलन में भाजपा कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर पूरी ताकत से जुटने का संकल्प दिलाया जाएगा, ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में दो तिहाई बहुमत हासिल करने के लक्ष्य के तहत पार्टी को फिर सत्ता में लाया जा सके.
कांग्रेस ने साधा निशाना: उधर, प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने शाह के इंदौर दौरे को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा, ‘‘विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के बीच शाह को लाया जाना बताता है कि प्रदेश में भाजपा के मौजूदा चेहरे बेदम हो चुके हैं. जब इन चेहरों पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का ही विश्वास नहीं है, तो मतदाता इन चेहरों पर भला विश्वास क्यों करें?’’