इंदौर। एक उम्र के बाद अकेला रहना बहुत मुश्किल होता है. यही वजह है कि विभिन्न कारणों से जिन लोगों की जीवन संगिनी अथवा जीवनसाथी बिछड़ जाता है, वह चाह कर भी अकेले जिंदगी नहीं गुजार पाता. यही वजह है कि अब लोग अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में भी जीवनसाथी तलाश रहे हैं. इंदौर में ऐसा ही नजारा दिखा अग्रवाल समाज के विशेष परिचय सम्मेलन में जहां 73 साल के दूल्हे से लेकर 60 साल की दुल्हने अपने जीवनसाथी की खोज में आई हुई थीं. जो दांपत्य जीवन के लिए अपने-अपने वर वधु तलाश रहे हैं.
अग्रसेन समाज का सम्मेलन: बैचलर रहने और सिंगल लाइफ जिंदगी गुजरने के विदेशी ट्रेड के बावजूद देश में अब हर समाज में विवाह योग्य ऐसे लड़के लड़कियों की संख्या हजारों में है. जो 40 साल से लेकर 50 साल की उम्र में भी अब अपना घर बसाना चाहते हैं. इनमें हजारों ऐसे भी हैं, जो विभिन्न कारणों से अपने पति अथवा पत्नियों को खोने के बाद विधवा और विदुर रहते हुए जिंदगी बिता रहे हैं. जिन्हें अब अपनी उम्र के आखरी पड़ाव में जीवनसाथी या जीवन संगिनी की तलाश है. रविवार को देशभर से इंदौर पहुंचे करीब ऐसे ही करीब 2000 से ज्यादा लड़के लड़कियों के अलावा विधवा विदुर और परित्यक्ता समेत उनके परिजनों ने अग्रवाल समाज के विशेष परिचय सम्मेलन में जीवनसाथी की तलाश की.
जीवनसाथी की तलाश: शहर में यह पहला मौका था. जब देशभर के ऐसे लड़के लड़कियों को अपने लिए वर-वधू ढूंढने का मौका मिला, जो पढ़ाई लिखाई करियर के अलावा घर की जिम्मेदारी या माता-पिता के नहीं होने के कारण अपने लिए समय रहते जीवनसाथी या जीवन संगिनी की तलाश नहीं कर पाए. लिहाजा सभी ने यहां अपनी-अपनी उम्र, व्यवसाय और इनकम के अलावा शादी नहीं होने के विभिन्न कर्म के साथ अपना परिचय दिया. इस परिचय की परंपरा में कई व ऐसे थे, जो 40 से 50 की आयु पार कर चुके हैं. इसके अलावा 30 साल से लेकर 49 साल तक की महिलाएं भी वर की खोज में पहुंची. जो अलग-अलग कारणों से अब तक या तो शादी नहीं कर पाई या शादी हुई थी, तो विवाद और अपने ईगो के कारण शादी को संभाल नहीं पाई.
हालांकि उन्हें अभी उम्मीद है कि उनके ही जैसा कोई ना कोई परिचय सम्मेलन में उन्हें जरूर मिलेगा. जिसकी उन्हें अब तक तलाश है. दरअसल अग्रवाल समाज द्वारा आयोजित परिचय सम्मेलन में 18 राज्यों के 2000 से ज्यादा लोग यहां जुटे. जिन्हें वैश्य समाज की 300 जातियों के बीच आपस में विवाह करने का मंच प्रदान किया गया था. आयोजकों के मुताबिक दो दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों के लड़के लड़कियों और उनके परिजनों के बातचीत और परिचय के बाद करीब डेढ़ सौ से 200 लोगों के बीच तालमेल बना है. जिनके बाद में विवाह होने के आसार हैं.
70 साल की दुल्हन के इंतजार में 73 साल के रिटायर्ड: इंदौर में आयोजित अग्रवाल समाज के सम्मेलन में राजस्थान के जयपुर से अपनी होने वाली पत्नी की तलाश में 73 साल के सुरेंद्र गुप्ता भी पहुंचे. जिन्होंने सम्मेलन में पिछले तीन दिनों तक रुक कर अपने लिए अपनी उम्र की महिलाओं की तलाश की. सुरेंद्र गुप्ता का कहना है कि उनकी अब तक कई महिलाओं से बात हुई. लेकिन वह शादी के बजाय लिव इन रिलेशन में रहना चाहती हैं, क्योंकि वह खुद अपने दिवंगत पतियों की पेंशन ले रही हैं. उन्होंने कहा मुंबई से 60 साल की एक महिला आ रही है. उनसे बात करने के लिए वह रुके हुए हैं. उन्होंने कहा मेरी पत्नी मुझे पहले ही छोड़ के चली गई, इसलिए मुझे अब अकेलेपन को दूर करने के लिए अपनी दुल्हन की तलाश है. जिसे मैं हर खुशी देना चाहूंगा.
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सुरेंद्र गुप्ता ने कहा यदि मेरे बच्चों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया, तो मैं पत्नी के साथ अलग रहूंगा, लेकिन अकेलेपन को दूर करने के लिए शादी जरूर करूंगा. मेरे बाद मेरी सारी संपत्ति मेरी होने वाली पत्नी की ही होगी. वही मुंबई से 49 साल की प्रगति मोरारका का कहना था कि वह परिचय सम्मेलन में सेवा के उद्देश्य से आई हैं, लेकिन साथ ही साथ अपने लिए जीवनसाथी भी तलाश रही हैं. यदि कोई उन्हें पसंद आ गया तो उनके परिजन साथ में हैं. वह हाथों-हाथ चर्चा भी कर लेंगे. प्रगति का कहना था कि आजकल वैसे भी 40 की उम्र में तो शादियां हो रही हैं, लेकिन ऐसे कई कारण हैं, जिनमें लड़कियां अपने ईगो के कारण शादी की उम्र से आगे निकल जाती हैं और बाद में उन्हें परिचय सम्मेलन जैसी परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है.
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महिलाएं बच्चों को नहीं छोड़ सकती और पुरुषों को बच्चे नहीं चाहिए: इस अनूठे परिचय सम्मेलन में ऐसी महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ अपने होने वाले पति की तलाश में आईं, जिनके पति या तो उन्हें छोड़कर चले गए हैं या दिवंगत हो गए. वहीं ऐसे पुरुष भी आए जिनकी पत्नी अब नहीं है. इन महिलाओं का कहना था कि वह जिस से भी शादी करेंगे अपने बच्चों को साथ रखेंगे, लेकिन अधिकांश पुरुष ऐसी महिलाओं से शादी नहीं करना चाहते. जिनके पहले से बच्चे हैं. वहीं अधिक उम्र के बुजुर्ग भी अपने लिए ऐसी ही दुल्हन चाहते हैं. जिनकी पहले शादी नहीं हुई हो या फिर उनके बच्चे नहीं हो.