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इंदौर नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी पर खर्च किए सात करोड़, भ्रष्टाचार का लगा आरोप

कुत्तों की नसबंदी पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद बवाल मच गया है. नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने कुत्तों की नसबंदी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

dog sterilization
श्वानों की नसबंदी
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Published : Nov 27, 2019, 6:42 PM IST

इंदौर। शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए को लेकर आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस ने इसे करोड़ों का घोटाला बताते हुए निगम पर आरोप लगाए हैं. वहीं निगम अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया है, उनका कहना है कि प्रक्रिया के तहत ही कुत्तों नसबंदी की गई है.

श्वानों की नसबंदी पर बवाल

इंदौर स्वच्छता रैंकिंग में चौथी बार नंबर एक पर आने की तैयारी में है, लेकिन शहर में आवारा कुत्तों की परेशानी जस की तस बनी हुई है. आगामी नगरीय निकाय चुनावों को देखते हुए आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है, क्योंकि पिछले पांच सालों में कुत्तों की नसबंदी पर 7 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है.

निगम के नेता प्रतिपक्ष ने कुत्तों की नसबंदी के नाम पर घोटाले का आरोप लगाया था. जिसमे उन्होंने कहा था की, आरटीआई से मिले दस्तावेजों के मुताबिक इंदौर नगर पालिका ने पिछले पांच सालों में आवारा कुत्तों की नसबंदी पर 7 करोड़ रुपए खर्च कर किए हैं, लेकिन अब तक शहर में कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण नहीं है.

निगम अधिकारियों का मानना है कि कुत्तों की संख्या में कमी नहीं आई है, क्योंकि अब तक शिकायतों के आधार पर ही कार्रवाई हो रही थी, लेकिन अब वार्ड वार नसबंदी करने के लिए निर्देश दिए हैं, साथ ही उनकी दलील है कि भुगतान में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की गई है.

इंदौर। शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए को लेकर आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस ने इसे करोड़ों का घोटाला बताते हुए निगम पर आरोप लगाए हैं. वहीं निगम अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया है, उनका कहना है कि प्रक्रिया के तहत ही कुत्तों नसबंदी की गई है.

श्वानों की नसबंदी पर बवाल

इंदौर स्वच्छता रैंकिंग में चौथी बार नंबर एक पर आने की तैयारी में है, लेकिन शहर में आवारा कुत्तों की परेशानी जस की तस बनी हुई है. आगामी नगरीय निकाय चुनावों को देखते हुए आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है, क्योंकि पिछले पांच सालों में कुत्तों की नसबंदी पर 7 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है.

निगम के नेता प्रतिपक्ष ने कुत्तों की नसबंदी के नाम पर घोटाले का आरोप लगाया था. जिसमे उन्होंने कहा था की, आरटीआई से मिले दस्तावेजों के मुताबिक इंदौर नगर पालिका ने पिछले पांच सालों में आवारा कुत्तों की नसबंदी पर 7 करोड़ रुपए खर्च कर किए हैं, लेकिन अब तक शहर में कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण नहीं है.

निगम अधिकारियों का मानना है कि कुत्तों की संख्या में कमी नहीं आई है, क्योंकि अब तक शिकायतों के आधार पर ही कार्रवाई हो रही थी, लेकिन अब वार्ड वार नसबंदी करने के लिए निर्देश दिए हैं, साथ ही उनकी दलील है कि भुगतान में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की गई है.

Intro:इंदौर में आवारा श्वानों की नसबंदी पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, कांग्रेस ने इसे करोड़ों का घोटाला बताते हुए भाजपा परिषद पर आरोप लगाए है, वहीं निगम अधिकारियों ने भी इस पूरे मामले पर भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है और प्रक्रिया के तहत ही श्वानों की नसबंदी की बात कही हैBody:पिछले पांच सालों में 7 करोड़ रुपए कुत्तों की नसबंदी पर खर्च करने बाद भी शहर में आवारा श्वानों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है.. दरअसल, इंदौर स्वच्छता में चौथी बार नंबर एक पर आने की तैयारी में है, लेकिन शहर में आवारा श्वानों की परेशानी जस की तस बनी हुई है... वहीं, आगामी नगरीय निकाय चुनावों को देखते हुए आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है.. इसी कड़ी में कल नेता प्रतिपक्ष ने श्वानों की नसबंदी के नाम पर घोटाले का आरोप लगाया था.. जिसमे उन्होंने कहा था की आरटीआई से मिले दस्तावेजों के मुताबिक इंदौर नगर पालिका निगम ने पिछले पांच सालों में आवारा श्वानों की नसबंदी पर 7 करोड़ रुपए खर्च कर किए है, लेकिन अभी तक शहर में आवारा श्वानों की संख्या पर कोई नियंत्रण नहीं हुआ है.. इधर निगम अधिकारी भी मानन है, कि श्वानों की संख्या में कमी नहीं आई है, क्योंकि अभी तक शिकायतों के आधार पर ही कार्रवाई हो रही थी.. लेकिन अब वार्ड वार नसबंदी करने के लिए निर्देश दिए है... लेकिन भुगतान में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की गई है...

बाइट - आशीष सिंह ----- आयुक्त, नगर निगमConclusion:नगरीय निकाय चुनाव आने से पूर्व एक और जहां भाजपा किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त नहीं होना चाहती है वहीं कांग्रेस के द्वारा लगातार कई मामलों का खुलासा किया जा रहा है
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