इंदौर। शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए को लेकर आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस ने इसे करोड़ों का घोटाला बताते हुए निगम पर आरोप लगाए हैं. वहीं निगम अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया है, उनका कहना है कि प्रक्रिया के तहत ही कुत्तों नसबंदी की गई है.
इंदौर स्वच्छता रैंकिंग में चौथी बार नंबर एक पर आने की तैयारी में है, लेकिन शहर में आवारा कुत्तों की परेशानी जस की तस बनी हुई है. आगामी नगरीय निकाय चुनावों को देखते हुए आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है, क्योंकि पिछले पांच सालों में कुत्तों की नसबंदी पर 7 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है.
निगम के नेता प्रतिपक्ष ने कुत्तों की नसबंदी के नाम पर घोटाले का आरोप लगाया था. जिसमे उन्होंने कहा था की, आरटीआई से मिले दस्तावेजों के मुताबिक इंदौर नगर पालिका ने पिछले पांच सालों में आवारा कुत्तों की नसबंदी पर 7 करोड़ रुपए खर्च कर किए हैं, लेकिन अब तक शहर में कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण नहीं है.
निगम अधिकारियों का मानना है कि कुत्तों की संख्या में कमी नहीं आई है, क्योंकि अब तक शिकायतों के आधार पर ही कार्रवाई हो रही थी, लेकिन अब वार्ड वार नसबंदी करने के लिए निर्देश दिए हैं, साथ ही उनकी दलील है कि भुगतान में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की गई है.