इंदौर। नए कोरोना वैरिएंट्स (new variant) से पूरी दुनिया चिंतित है, मध्यप्रदेश में डेल्टा वैरिएंट (delta variant) का नया वैरिएंट यानि डेल्टा प्लस वैरिएंट (delta plus variant) दस्तक दे चुका है, अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के पांच मरीज मिले हैं, जिसमें से एक की मौत भी हो चुकी है, जबकि पांच में से जिन चार मरीजों को टीका लगा था, वो सभी स्वस्थ हैं. भोपाल-उज्जैन सहित अन्य जिलों में मिले कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के कारण कई जिलों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, जबकि तीसरी लहर (third wave) आने की आशंका बनी हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अलर्ट के बाद डॉक्टरों ने इससे बचने के लिए वैक्सीनेशन को ही कारगर उपाय बताया है, इधर राज्य के स्वास्थ्य महकमे ने मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार सतर्कता बरतने की बात कही है.
भोपाल में 65 साल की बुजुर्ग में मिला था डेल्टा प्लस वैरिएंट
भोपाल में 16 जून को एक 65 साल की महिला में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिलने की पुष्टि हुई थी, देश भर में अब तक सबसे ज्यादा खतरनाक संक्रामण बताए जाने वाले डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मरीज मिल चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और केरल को अलर्ट किया था. तीनों राज्यों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले और घातक वैरिएंट के मरीज मिले हैं.
डेल्टा प्लस वैरिएंट आखिर है क्या?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में मिले कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को ही डेल्टा नाम दिया है. B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N मिला है, जोकि इससे पहले कोविड-19 के बीटा और गामा वैरिएंट में भी पाया गया था. नए म्यूटेशन के बाद बने वैरिएंट को ही डेल्टा प्लस वैरिएंट के नाम से जाना जा रहा है.
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डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण ?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस का रूप लगातार बदल रहा है, जिसके चलते बीमारी के लक्षण भी बदल रहे हैं
- डेल्टा प्लस वैरिएंट के सामान्य लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार और थकान है.
- गंभीर लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ और बात करने में तकलीफ होना शामिल है.
ओरिजिनल कोरोना के मुकाबले ज्यादा संक्रामक
चिंता की बात ये है कि K417N म्यूटेशन वाले ये वैरिएंट ज्यादा घातक हैं, जोकि ओरिजिनल वायरस से अधिक तेजी से फैलने वाले और पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रामक हैं. यहां ये बताना जरूरी हो जाता है कि B.1.617 लाइनेज से ही डेल्टा वैरिएंट तैयार हुआ है.
डेल्टा प्लस वैरिएंट पर दवाओं का असर कितना?
डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच इस पर दवाओं के प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ने लगी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, डेल्टा प्लस में पाए गए K417N म्यूटेशन कोरोना के इलाज में प्रयोग किए जाने वाले डेवलप मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट ड्रग- कासिरिविमाब और इम्देविमाब के खिलाफ प्रतिरोध विकसित कर चुका है. डेल्टा प्लस वैरिएंट के गंभीर मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवाओं की मार्केटिंग रोश और सिप्ला कर रहे हैं. सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन अप्रूवल के बाद ही रोश और सिप्ला दवा की मार्केटिंग कर रहे हैं.
एमपी में डेल्टा वैरिएंट के कितने मरीज
मध्यप्रदेश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक पांच मरीजों की पुष्टि हुई है, जिसमें से एक मरीज की मौत हो गई है. डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज भोपाल-उज्जैन में मिलेहैं. स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बताया कि प्रदेश में अभी तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के पांच कोरोना मरीज मिले हैं. सात में से चार मरीजों का टीकाकरण हो चुका है, जबकि एक की मौत हो गई है.
अक्टूबर तक सभी का टीकाकरण
दूसरी लहर के बाद प्रदेश पर मंडरा रहे नए डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि अक्टूबर तक सभी पात्र लोगों को वैक्सीन का डोज लगवा दिया जाए. हालांकि अब तक 1 करोड़ 67 लाख 33 हजार 198 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है . मंत्रालय ने भी माना है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीका डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कारगर है.