होशंगाबाद। जिले में किसानों को नरवाई नहीं जलाने को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई. इसी क्रम में विकासखंड बनखेड़ी अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र गोविंद नगर में अनुविभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन कर किसानों को नरवाई नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया.
कार्यशाला में किसानों को नरवाई प्रबंधन में उपयोगी कृषि यंत्रों जैसे सुपर सीडर बेलर, रोटावेटर आदि कृषि यंत्रों का उपयोग कर नरवाई को खेत में मिलाकर बुआई करने और नरवाई न जलाने के लिए सलाह दी गई. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा नई दिल्ली ने विकसित किया गया. पूसा डी कम्पोजर के माध्यम से नरवाई को डी कम्पोजर करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई.
- किसानों को दी गई कई सलाह
कार्यशाला में किसानों को नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान और नरवाई नहीं जलाने से होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी. कार्यशाला में एसडीएम पिपरिया ने कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ग्राम स्तर पर समितियों का गठन कर कार्यशालाओं का सतत आयोजन कराए और किसानों को जागरूक करें. उन्हें नरवाई जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की जानकारी दे. और प्रेरित करे कि वे नरवाई नहीं जलाएं, बल्कि उसका उचित प्रबंधन करें.
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उन्होंने कहा कि फसल कटाई का काम शुरू हो गया है इसलिए पंचायत स्तर पर पानी के टैंकर तैयार रखें, साथ ही किसान भाइयों से भी कहा कि वे अपने स्प्रे पंप भी तैयार रखें, कार्यशाला में किसानो ने नरवाई नहीं जलाने की शपथ ली, साथ ही आश्वस्त किया कि वे अन्य किसान भाइयों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे.