होशंगाबाद । प्रदेश को सबसे राजस्व दिलाने वाली नर्मदा और तवा नदी की खदानों से निकलने वाली रेत से होशंगाबाद के लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. अब बताना मुश्किल है कि सड़क पर रेत है या रेत पर सड़क, इसकी वजह रेत व्यापारी सड़क पर ही रेत को डाल कर जा रहे हैं. दरअसल खदानों से जिला प्रशासन ने रेत खनन पर रोक लगा दी है, जिसके बाद भी बड़ी तादात में रेत का परिवहन किया जाता है.
वहीं प्रशासनिक कार्रवाई की जानकारी लगते ही व्यापारी सड़क पर ही रेत खाली कर भाग रहे हैं. जिसके चलते बड़ी तादात में रेत सड़क पर ही पड़ी हुई है. प्रशासनिक कार्रवाई और घेराबंदी से अवैध रेत से भरे करीब 70 डंपर व्यापारी सड़क पर ही खाली कर भाग गए हैं. करीब 5 किलोमीटर की सड़क पर रेत का ढ़ेर लगा हुआ है, जिसके चलते तवा ओर नर्मदा नदी के नजदीक वाहनों के फिसलने से एक्सीडेंट हो रहे हैं.
रोज करीब सात वाहन इस रोड पर हादसे का शिकार होते हैं. वहीं धूल के चलते रहवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. प्रशासन भी सड़क पर डली इस रेत को जब्त नहीं कर रहा है. खनिज अधिकारी महेंद्र सिंह पटेल का कहना है कि खनिज विभाग के पास रेत भंडारण का इंतजाम नहीं है, जिस वजह से सड़क से रेत नहीं हटा सकते हैं. फिलहाल हालात जस के तस बने हुए हैं.