होशंगाबाद। देश में वीर शहीदों को लोग अपने अपने तरीके से याद करते है और श्रद्बांजलि भी देते है, लेकिन कुछ ऐसे बिरले युवक भी है इस देश में जो बिल्कुल हटकर काम किया करते है, ऐसे तीन युवक हैं राकेश धुर्वे, भरत मलिक और रामेश्वर, ये तीनों 6 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा शुरू करके शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए निकले हैं.
इन युवाओं ने दी शहीदों को अनोखी श्रद्धांजलि, छह हजार किमी की साइकिल यात्रा पर निकले - राकेश धुर्वे, भरत मलिक और रामेश्वर
देश में वीर शहीदों श्रद्धांजलि देने निकले तीन युवा, 6 हजार किमी का सफर तय कर सियाचिन में करेंगे समापन.
इन युवाओं ने दी शहीदों को अनोखी श्रद्धांजलि, छह हजार किमी साइकिल यात्रा पर निकले
होशंगाबाद। देश में वीर शहीदों को लोग अपने अपने तरीके से याद करते है और श्रद्बांजलि भी देते है, लेकिन कुछ ऐसे बिरले युवक भी है इस देश में जो बिल्कुल हटकर काम किया करते है, ऐसे तीन युवक हैं राकेश धुर्वे, भरत मलिक और रामेश्वर, ये तीनों 6 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा शुरू करके शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए निकले हैं.
Intro:हर कोई शहीदों को अपने तरीके से याद करता है और श्रद्बांजलि भी देता है। लेकिन कुछ ऐसे बिरले युवक भी है इस देश मे जो अदम्य साहस का परिचय देने के चलते सुर्खियों मैं भी आ जाते है और हर कोई उनके इस साहस और जज्बे का कायल हो जाता है। ऐसे ही तीन युवक है राकेश धुर्वे, भरत मलिक और रामेश्वर।Body:जिन्होंने 6 हजार किलोमीटर की यात्रा सायकल से शुरू की है, जो शहीदों को समर्पित है। जिसका समापन सियाचिन बॉडर पर किया जाएगा। आपको बता दे कि यह यात्रा 15 अगस्त को नागपुर से शुरू की गई है। जिसमें शामिल युवकों ने आज होशंगाबाद जिले मे प्रवेश किया है, जिनका जगह जगह भव्य स्वागत सत्कार भी जिलेवासियों के द्वारा किया जा रहा है।
सायकल यात्रा मैं शामिल होशंगाबाद जिले के ही हिल स्टेशन पचमढ़ी के समीप स्थित बारिआम निवासी, पर्वतारोही राकेश धुर्वे ने बताया कि वे सेना के सम्मान में साइकिलिंग कर रहे हैं देश का हर आदमी स्वार्थी हो जाता है लेकिन सेना के जवान कभी भी स्वार्थी नहीं हो सकते कहा जाता है कि भगवान हमेशा हमारी मदद करता है लेकिन हमने कब का भी कहीं भी भगवान को नहीं देखा लेकिन सैनिक एक भगवान की तरह हमेशा मदद करता रहता है जो तपती धूप में जीरो डिग्री तापमान में विदेश की रक्षा करता रहता है उन्हीं के कारण हम आज कंफर्ट जोन में सो रहे होते हैं उन्हीं के सम्मान में यह साइकिलिंग की जा रही है
Conclusion:तीनों सायकल से नागपुर से पचमढ़ी, पचमढ़ी से पिपरिया, पिपरिया से दिल्ली, मनाली रोहतांग, लेह, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, सियाचिन बॉर्डर तक साइकिल से यात्रा पूर्ण करेंगे। तीनो युवक रोजाना लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा सायकल चलाकर पूरी की जाएगी।
बाइट - राजेश धुर्वे ( वॉलिंटियर)
सायकल यात्रा मैं शामिल होशंगाबाद जिले के ही हिल स्टेशन पचमढ़ी के समीप स्थित बारिआम निवासी, पर्वतारोही राकेश धुर्वे ने बताया कि वे सेना के सम्मान में साइकिलिंग कर रहे हैं देश का हर आदमी स्वार्थी हो जाता है लेकिन सेना के जवान कभी भी स्वार्थी नहीं हो सकते कहा जाता है कि भगवान हमेशा हमारी मदद करता है लेकिन हमने कब का भी कहीं भी भगवान को नहीं देखा लेकिन सैनिक एक भगवान की तरह हमेशा मदद करता रहता है जो तपती धूप में जीरो डिग्री तापमान में विदेश की रक्षा करता रहता है उन्हीं के कारण हम आज कंफर्ट जोन में सो रहे होते हैं उन्हीं के सम्मान में यह साइकिलिंग की जा रही है
Conclusion:तीनों सायकल से नागपुर से पचमढ़ी, पचमढ़ी से पिपरिया, पिपरिया से दिल्ली, मनाली रोहतांग, लेह, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, सियाचिन बॉर्डर तक साइकिल से यात्रा पूर्ण करेंगे। तीनो युवक रोजाना लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा सायकल चलाकर पूरी की जाएगी।
बाइट - राजेश धुर्वे ( वॉलिंटियर)